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रेडिशन होटल, शिप्रा मॉल और मोहन मीकिंस पर 3 करोड़ के जुर्माने की NGT से सिफारिश

उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अनुश्रवण समिति ने पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर NGT से इन होटलों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की है.

NGT(एनजीटी ) etv bharat
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Published : Jul 27, 2019, 8:51 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद के 3 होटलों पर ठोस कचरा प्रबंधन की उचित व्यवस्था ना होने के कारण तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई है. बता दें कि उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अनुश्रवण समिति ने पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर NGT से इन होटलों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की है.

NGT से 3 संस्थानों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश

उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अनुश्रवण समिति ने 11 से 14 जून तक ठोस कचरा प्रबंधन का हाल जानने के लिए जिले के कई होटल, फैक्ट्री और मॉल्स का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्हें रेडिसन होटल, शिप्रा मॉल और मोहन मीकिंस में कचरा प्रबंधन के दौरान भारी कमियां मिली थी. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन समिति के सचिव राजेंद्र सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान समिति ने ठोस कचरा प्रबंधन का हाल जाना था. इस दौरान रेडिसन होटल पर 1.22 करोड़ रुपये के हर्जाने की सिफारिश की गई है.

समिति को निरीक्षण के दौरान होटल में रसोई के अपशिष्ट को अलग करने की कोई व्यवस्था नहीं मिली. सूखा और गीला कचरा एक साथ रखा गया था. वहीं एसटीपी का क्लोरीन टैंक भी खाली था. राजेन्द्र सिंह ने बताया कि शिप्रा मॉल पर भी 1.17 करोड़ रुपये के हर्जाने की सिफारिश की गई है. इस मॉल में निरीक्षण के दौरान फूड कोर्ट में सूखा गीला अपशिष्ट मिला हुआ पाया गया तो वहीं फूड कोर्ट और सीवर लाइन के पाइप की निकासी की व्यवस्था भी अलग नहीं थी.


हॉस्पिटल के ऊपर भी लगा था आठ करोड़ का जुर्माना

इससे पहले भी एसटीपी नहीं लगाने के कारण जिले के 7 सरकारी और निजी अस्पतालों पर भी एनजीटी द्वारा 8 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. इसके बावजूद अभी भी कई संस्थानों में ठोस कचरा प्रबंधन के निस्तारण के लिए एसटीपी प्लांट का निर्माण नहीं कराया गया है जो चिंताजनक है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद के 3 होटलों पर ठोस कचरा प्रबंधन की उचित व्यवस्था ना होने के कारण तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई है. बता दें कि उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अनुश्रवण समिति ने पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर NGT से इन होटलों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की है.

NGT से 3 संस्थानों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश

उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अनुश्रवण समिति ने 11 से 14 जून तक ठोस कचरा प्रबंधन का हाल जानने के लिए जिले के कई होटल, फैक्ट्री और मॉल्स का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्हें रेडिसन होटल, शिप्रा मॉल और मोहन मीकिंस में कचरा प्रबंधन के दौरान भारी कमियां मिली थी. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन समिति के सचिव राजेंद्र सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान समिति ने ठोस कचरा प्रबंधन का हाल जाना था. इस दौरान रेडिसन होटल पर 1.22 करोड़ रुपये के हर्जाने की सिफारिश की गई है.

समिति को निरीक्षण के दौरान होटल में रसोई के अपशिष्ट को अलग करने की कोई व्यवस्था नहीं मिली. सूखा और गीला कचरा एक साथ रखा गया था. वहीं एसटीपी का क्लोरीन टैंक भी खाली था. राजेन्द्र सिंह ने बताया कि शिप्रा मॉल पर भी 1.17 करोड़ रुपये के हर्जाने की सिफारिश की गई है. इस मॉल में निरीक्षण के दौरान फूड कोर्ट में सूखा गीला अपशिष्ट मिला हुआ पाया गया तो वहीं फूड कोर्ट और सीवर लाइन के पाइप की निकासी की व्यवस्था भी अलग नहीं थी.


हॉस्पिटल के ऊपर भी लगा था आठ करोड़ का जुर्माना

इससे पहले भी एसटीपी नहीं लगाने के कारण जिले के 7 सरकारी और निजी अस्पतालों पर भी एनजीटी द्वारा 8 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. इसके बावजूद अभी भी कई संस्थानों में ठोस कचरा प्रबंधन के निस्तारण के लिए एसटीपी प्लांट का निर्माण नहीं कराया गया है जो चिंताजनक है.

Intro:गाजियाबाद : दिल्ली से सटे गाजियाबाद के 3 होटलों पर ठोस कचरा प्रबंधन की उचित व्यवस्था ना होने के कारण तीन करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अनुश्रवण समिति ने पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर एनजीटी से इन होटलों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की है.


Body:आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अनुश्रवण समिति ने 11 से 14 जून तक ठोस कचरा प्रबंधन का हाल जानने के लिए जिले के कई होटल, फैक्ट्री और मॉल्स का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्हें रेडिसन होटल, शिप्रा मॉल और मोहन मीकिंस में कचरा प्रबंधन के दौरान भारी कमियां मिली थी. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन समिति के सचिव राजेंद्र सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान समिति ने ठोस कचरा प्रबंधन का हाल जाना था. इस दौरान रेडिसन होटल पर 1.22 करोड़ रुपय के पर्यावरणीय हर्जाने की सिफारिश की गई है. समिति को निरीक्षण के दौरान होटल में रसोई के अपशिष्ट को अलग करने की कोई व्यवस्था नहीं मिली. सूखा एवं गीला कचरा एक साथ रखा गया था.तो वहीं एसटीपी का क्लोरीन टैंक भी खाली था. वही राजेन्द्र सिंह ने बताया कि शिप्रा मॉल पर भी 1.17 करोड़ रुपए का पर्यावरणीय हर्जाने की सिफारिश की गई है.इस मॉल में निरीक्षण के दौरान फूड कोर्ट में सूखा गीला अपशिष्ट मिला हुआ पाया गया तो वही फूड कोर्ट और सीवर लाइन के पाइप की निकासी की व्यवस्था भी अलग नहीं थी.


Conclusion:7 हॉस्पिटल ऊपर भी लगा था आठ करोड़ का जुर्माना :
आपको बता दें कि इससे पहले भी एसटीपी नहीं लगाने के कारण जिले के 7 सरकारी एवं निजी अस्पतालों पर भी एनजीटी द्वारा 8 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था. लेकिन इसके बावजूद अभी भी कई संस्थानों में ठोस कचरा प्रबंधन के निस्तारण के लिए एसटीपी प्लांट का निर्माण नहीं कराया गया है जो चिंताजनक है.
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