नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर कार्यवाई करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में व्यापारियों पर भारी जुर्माना लगाया था. जिसका व्यापारियों ने विरोध किया है.
जुर्माने को लेकर व्यापारियों ने निगम की मेयर को पत्र लिखा था. जिस पर मेयर ने संज्ञान लिया है.
व्यापारियों की शिकायत पर मेयर ने लिया संज्ञान
गाजियाबाद के व्यापारियों के संगठन महानगर उद्योग व्यापार मंडल ने निगम द्वारा लगाए गए भारी जुर्माने की शिकायत मेयर आशा शर्मा से पत्र लिखकर की थी. व्यापारियों की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए निगम की मेयर आशा शर्मा ने नगर आयुक्त दिनेश चंद्र को पत्र लिखा है.
'व्यापारियों के साथ अपराधी जैसा व्यवहार'
पत्र में कहा गया है कि कुछ छोटे-छोटे दुकानदार जिनकी दुकान में रखे सारे सामान का मूल्य 15 से 20 हजार रुपये से अधिक नहीं है. उनके पास से पुरानी थोड़ी सी प्लास्टिक मिलने पर 20-25 हजार का जुर्माना लगाना न्यायोचित नहीं है.
कुछ व्यापारियों ने बताया कि लाखों के जुर्माने किए गए हैं और उनके साथ एक अपराधी जैसा व्यवहार किया गया. व्यापारी सम्मानित लोग होते हैं प्लास्टिक बंद करने के नाम पर उनका उत्पीड़न करना ठीक नहीं है. व्यापारियों में सरकार के प्रति काफी रोष पैदा होने लगा है.
मेयर ने निगम आयुक्त को लिखा पत्र
नगर आयुक्त को भेजे गए पत्र में मेयर आशा शर्मा ने लिखा है 'मैं आपको यह बताना उचित समझती हूं कि हम उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए जिन लोगों ने नगर निगम की भूमियों एवं नालियों पर अवैध कब्जा किया हुआ है. जो लोग अवैध रूप से छोटे-छोटे पेयजल कारखाने संचालित कर रहे हैं, अवैध बोरवेल लगाकर पानी से गोबर बहा कर जल संकट पैदा कर रहे हैं और नालियों को गोबर से पाटने का कार्य कर रहे हैं. हमें गंदगी के ढेर लगने पर कार्यवाही करनी चाहिए जो नहीं हो रही है.'
मेयर ने व्यापारियों पर हो रहे उत्पीड़न को तुरंत रोक कर जुर्माने की राशि तत्काल प्रभाव से कम करने और नगर निगम की कार्य करने की कार्य प्रणाली में तुरंत सुधार करने को कहा है.