ETV Bharat / city

RAPID RAIL: मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन के पिलर का निर्माण कार्य पूर्ण, कॉनकोर्स लेवल के लिए पियर आर्म्स बनने शुरू - pillar construction completed in Modi Nagar North Station

अधिकारियों के मुताबिक मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन का सम्पूर्ण ढांचा और वायाडक्ट, स्टेशन के 11 केंद्रीय पिलर्स पर आधारित है, जिनमें से 7 पिलर पर कॉनकोर्स लेवल के लिए पियर आर्म्स बनाए जाने हैं.

pillar construction completed in rapid project pier arms will be made for concourse level
pillar construction completed in rapid project pier arms will be made for concourse level
author img

By

Published : Apr 9, 2022, 5:07 PM IST

गाजियाबाद: रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (आरआरटीएस) के तहत दिल्ली-मेरठ मार्ग पर बनाए जा रहे मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन का निर्माण कार्य अगले चरण में पहुंच गया है. इस स्टेशन के सभी पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं और अब स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल के लिए पियर आर्म्स बनने आरम्भ हो गए हैं.

मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन एक युनीक बैलेंस्ड कैंटिलीवर स्टेशन है. जिसका निर्माण दिल्ली-मेरठ मुख्य मार्ग के बीच स्पेशल रूप से डिजाइन किए गए सिंगल पिलर पर किया जा रहा है. सिंगल पिलर डिज़ाइन की संकल्पना इसलिए की गई है, ताकि पूरे स्टेशन का आधारभूत ढांचा नीचे जमीन पर कम से कम जगह ले और मुख्य मार्ग पर आने-जाने के लिए अप्रतिबंधित मार्ग प्रदान किया जा सके.

अधिकारियों के मुताबिक मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन का सम्पूर्ण ढांचा और वायाडक्ट, स्टेशन के 11 केंद्रीय पिलर्स पर आधारित है, जिनमें से 7 पिलर पर कॉनकोर्स लेवल के लिए पियर आर्म्स बनाए जाने हैं. पियर आर्म्स के निर्माण के बाद कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग की जाएगी. वर्तमान में कॉनकोर्स लेवल के लिए 3 पियर आर्म्स का निर्माण हो चुका है. इसके साथ ही वायाडक्ट के सेगमेंट्स लगाने का कार्य भी चल रहा है. स्टेशन के वायाडक्ट के लिए कुल 10 स्पैन बनाए जाने हैं, जिनमें से एक स्पैन बनकर तैयार हो चुका है. कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग पूरी होने के बाद यहाँ पर प्लेटफॉर्म लेवल का निर्माण कार्य प्रारम्भ होगा.

प्रीकास्ट तकनीक से हो रहा निर्माण

इस स्टेशन के कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल का निर्माण भी प्रीकास्ट तकनीक से बनी प्राइमरी और सेकेंडरी बीम, पियर आर्म्स, स्टेशन के क्रॉस आर्म्स आदि की मदद से किया जा रहा है. निर्माण के दौरान लोगों की असुविधा को कम करने और दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को समय पर पूरा करने के लिए एनसीआरटीसी ने बड़े पैमाने पर प्रीकास्ट तकनीक को अपनाया है. इस तकनीक में बड़े-बड़े ढांचे निर्माण स्थल से दूर फैक्ट्री सेटिंग में निर्मित किए जाते हैं जिससे तेज़ गति से, एक समान व स्टैंडर्ड निर्माण के साथ उसकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित होती है.

ऐसा होगा मोदीनगर स्टेशन

मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन की लंबाई लगभग 215 मीटर, चौड़ाई लगभग 25 मीटर है और ज़मीन से ऊँचाई लगभग 16 मीटर होगी, और इसके तीन लेवल होंगे, ग्राउंड लेवल, कॉनकोर्स लेवल और प्लेटफॉर्म लेवल. यात्रियों को सड़क के दोनों तरफ से स्टेशन में आने-जाने की सुविधा और सुगम पहुँच प्रदान करने के लिए ग्राउंड लेवल पर मुख्य मार्ग के दोनों ओर प्रवेश और निकास द्वार बनाए जाएंगे. इस स्टेशन पर भी ग्राउंड लेवल से कॉनकोर्स लेवल और प्लेटफॉर्म लेवल तक जाने के लिए सीढ़ियों के साथ-साथ 2-2 एस्केलेटर और 1-1 लिफ्ट लगाई जाएँगी. इन विशेष लिफ्टों में व्हील चेयर के साथ स्ट्रेचर्स को भी लाया-ले जाया जा सकता है. यही नहीं, भविष्य में इस कॉरिडोर के परिचालन के बाद भीड़ एवं विकास की संभावना को ध्यान में रखते हुए 2 और नए एस्केलेटर बनाने का प्रावधान भी किया गया है.

ये सुविधाएं होंगी मौजूद

कॉनकोर्स लेवल पर यात्रियों के लिए एएफसी गेट, ग्राहक सेवा केंद्र, टिकटिंग काउंटर, सुरक्षा जांच यात्री सूचना डिस्प्ले बोर्ड, आसपास के प्रमुख स्थानों को दर्शाने वाले सिस्टम मैप और वॉशरूम समेत अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. यहाँ ट्रेनों के संचालन के लिए आवश्यक विभिन्न तकनीकी कमरे भी होंगे.

पिक एंड ड्रॉप की होगी सुविधा

स्टेशन डिज़ाइन में इस बात पर विशेष रूप से ज़ोर दिया गया है कि इसके आस-पास ट्रैफिक कंजेशन की समस्या न हो. इसे सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन की ओर आने के लिए 6-6 मीटर चौड़ी सर्विस लेन बनाई जाएगी, जिसकी मदद से स्टेशन में जाने वाले वाहनों और मुख्य मार्ग से गुजरने वाले वाहनों के प्रवाह में कोई रुकावट नहीं होगी. साथ ही ग्राउंड लेवल पर कार ड्रॉप एंड पिक अप की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.

2023 में शुरू होगा Priority Section

एनसीआरटीसी द्वारा निर्माणाधीन 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली- गाज़ियाबाद- मेरठ कॉरिडोर के साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के प्राथमिकता वाले खंड को 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य है.

गाजियाबाद: रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (आरआरटीएस) के तहत दिल्ली-मेरठ मार्ग पर बनाए जा रहे मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन का निर्माण कार्य अगले चरण में पहुंच गया है. इस स्टेशन के सभी पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं और अब स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल के लिए पियर आर्म्स बनने आरम्भ हो गए हैं.

मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन एक युनीक बैलेंस्ड कैंटिलीवर स्टेशन है. जिसका निर्माण दिल्ली-मेरठ मुख्य मार्ग के बीच स्पेशल रूप से डिजाइन किए गए सिंगल पिलर पर किया जा रहा है. सिंगल पिलर डिज़ाइन की संकल्पना इसलिए की गई है, ताकि पूरे स्टेशन का आधारभूत ढांचा नीचे जमीन पर कम से कम जगह ले और मुख्य मार्ग पर आने-जाने के लिए अप्रतिबंधित मार्ग प्रदान किया जा सके.

अधिकारियों के मुताबिक मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन का सम्पूर्ण ढांचा और वायाडक्ट, स्टेशन के 11 केंद्रीय पिलर्स पर आधारित है, जिनमें से 7 पिलर पर कॉनकोर्स लेवल के लिए पियर आर्म्स बनाए जाने हैं. पियर आर्म्स के निर्माण के बाद कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग की जाएगी. वर्तमान में कॉनकोर्स लेवल के लिए 3 पियर आर्म्स का निर्माण हो चुका है. इसके साथ ही वायाडक्ट के सेगमेंट्स लगाने का कार्य भी चल रहा है. स्टेशन के वायाडक्ट के लिए कुल 10 स्पैन बनाए जाने हैं, जिनमें से एक स्पैन बनकर तैयार हो चुका है. कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग पूरी होने के बाद यहाँ पर प्लेटफॉर्म लेवल का निर्माण कार्य प्रारम्भ होगा.

प्रीकास्ट तकनीक से हो रहा निर्माण

इस स्टेशन के कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल का निर्माण भी प्रीकास्ट तकनीक से बनी प्राइमरी और सेकेंडरी बीम, पियर आर्म्स, स्टेशन के क्रॉस आर्म्स आदि की मदद से किया जा रहा है. निर्माण के दौरान लोगों की असुविधा को कम करने और दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को समय पर पूरा करने के लिए एनसीआरटीसी ने बड़े पैमाने पर प्रीकास्ट तकनीक को अपनाया है. इस तकनीक में बड़े-बड़े ढांचे निर्माण स्थल से दूर फैक्ट्री सेटिंग में निर्मित किए जाते हैं जिससे तेज़ गति से, एक समान व स्टैंडर्ड निर्माण के साथ उसकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित होती है.

ऐसा होगा मोदीनगर स्टेशन

मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन की लंबाई लगभग 215 मीटर, चौड़ाई लगभग 25 मीटर है और ज़मीन से ऊँचाई लगभग 16 मीटर होगी, और इसके तीन लेवल होंगे, ग्राउंड लेवल, कॉनकोर्स लेवल और प्लेटफॉर्म लेवल. यात्रियों को सड़क के दोनों तरफ से स्टेशन में आने-जाने की सुविधा और सुगम पहुँच प्रदान करने के लिए ग्राउंड लेवल पर मुख्य मार्ग के दोनों ओर प्रवेश और निकास द्वार बनाए जाएंगे. इस स्टेशन पर भी ग्राउंड लेवल से कॉनकोर्स लेवल और प्लेटफॉर्म लेवल तक जाने के लिए सीढ़ियों के साथ-साथ 2-2 एस्केलेटर और 1-1 लिफ्ट लगाई जाएँगी. इन विशेष लिफ्टों में व्हील चेयर के साथ स्ट्रेचर्स को भी लाया-ले जाया जा सकता है. यही नहीं, भविष्य में इस कॉरिडोर के परिचालन के बाद भीड़ एवं विकास की संभावना को ध्यान में रखते हुए 2 और नए एस्केलेटर बनाने का प्रावधान भी किया गया है.

ये सुविधाएं होंगी मौजूद

कॉनकोर्स लेवल पर यात्रियों के लिए एएफसी गेट, ग्राहक सेवा केंद्र, टिकटिंग काउंटर, सुरक्षा जांच यात्री सूचना डिस्प्ले बोर्ड, आसपास के प्रमुख स्थानों को दर्शाने वाले सिस्टम मैप और वॉशरूम समेत अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. यहाँ ट्रेनों के संचालन के लिए आवश्यक विभिन्न तकनीकी कमरे भी होंगे.

पिक एंड ड्रॉप की होगी सुविधा

स्टेशन डिज़ाइन में इस बात पर विशेष रूप से ज़ोर दिया गया है कि इसके आस-पास ट्रैफिक कंजेशन की समस्या न हो. इसे सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन की ओर आने के लिए 6-6 मीटर चौड़ी सर्विस लेन बनाई जाएगी, जिसकी मदद से स्टेशन में जाने वाले वाहनों और मुख्य मार्ग से गुजरने वाले वाहनों के प्रवाह में कोई रुकावट नहीं होगी. साथ ही ग्राउंड लेवल पर कार ड्रॉप एंड पिक अप की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.

2023 में शुरू होगा Priority Section

एनसीआरटीसी द्वारा निर्माणाधीन 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली- गाज़ियाबाद- मेरठ कॉरिडोर के साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के प्राथमिकता वाले खंड को 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य है.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.