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गाजियाबाद: 'पुलिस के डंडे से डर नहीं लगता साहब, पेट की आग बुझानी जरूरी'

गाजियाबाद में लॉकडाउन के दौरान भी लोग घरों से बाहर निकले दिखाई दिए. जब उनसे ईटीवी भारत की टीम ने पूछा कि आप इस धूप में किस वजह से बाहर निकले हैं, तो उनका कहना है कि उन्हें भूख ने अपने घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया.

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Published : Apr 21, 2020, 4:24 PM IST

People on road due to ration end in home ghaziabad lockdown updates
गाजियाबाद में लॉकडाउन के दौरान बाहर निकले लोग

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन बढ़ने के साथ-साथ धीरे-धीरे गरीब मजदूर लोगों की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं. गाजियाबाद में लॉकडाउन के दौरान भी लोग घरों से बाहर निकले हुए हैं. जब उनसे ईटीवी भारत की टीम ने पूछा कि आप इस धूप में किस वजह से बाहर निकले हैं, तो उनका कहना है कि उन्हें भूख ने अपने घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया. क्योंकि राशन खत्म हो चुका है और अब रोड पर खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं कि कोई व्यक्ति राशन बांटने के लिए आ जाए, जिससे थोड़ी मदद मिल जाए. लोगों का कहना है कि बिना खाए पिए भी जिंदा रहना मुमकिन नहीं है.

गाजियाबाद में लॉकडाउन के दौरान बाहर निकले लोग




'पेट की आग सबसे बड़ी'
लोगों का कहना है कि पेट की आग सबसे बड़ी है और उसे बुझाना बहुत जरूरी है. लेकिन काम धंधा रोजगार नहीं है और दूसरी तरफ घर में खाने के लिए नहीं है. फ्री राशन के लिए भी कहा गया था, लेकिन वह भी नहीं मिला है. ऐसे में पेट की आग बुझाने के लिए रोड पर खड़े हैं, ताकि कोई मदद का हाथ मिल जाए.

People on road due to ration end in home ghaziabad lockdown updates
पीड़ित महिला

'पुलिस के डंडे खाने को भी तैयार'
लोगों का दर्द इतना है कि वह कह रहे हैं कि अगर पुलिस डंडे भी मारेगी, तो खा लेंगे. लेकिन खाना कहां से लाएं. किसके घर का दरवाजा खटखटाएं. मदद के लिए फोन करने पर भी रिस्पांस नहीं मिल रहा है. जिससे परेशान हो गए हैं और घरों से बाहर आ गए हैं. हालांकि ईटीवी भारत की टीम ने उन लोगों को कहा कि वह अपने घर चले जाएं और प्रशासनिक हेल्प लाइन पर बात करें. जिससे मदद मिल सके. ईटीवी भारत की टीम ने उन लोगों को हेल्पलाइन नंबर से अवगत कराया.




नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन बढ़ने के साथ-साथ धीरे-धीरे गरीब मजदूर लोगों की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं. गाजियाबाद में लॉकडाउन के दौरान भी लोग घरों से बाहर निकले हुए हैं. जब उनसे ईटीवी भारत की टीम ने पूछा कि आप इस धूप में किस वजह से बाहर निकले हैं, तो उनका कहना है कि उन्हें भूख ने अपने घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया. क्योंकि राशन खत्म हो चुका है और अब रोड पर खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं कि कोई व्यक्ति राशन बांटने के लिए आ जाए, जिससे थोड़ी मदद मिल जाए. लोगों का कहना है कि बिना खाए पिए भी जिंदा रहना मुमकिन नहीं है.

गाजियाबाद में लॉकडाउन के दौरान बाहर निकले लोग




'पेट की आग सबसे बड़ी'
लोगों का कहना है कि पेट की आग सबसे बड़ी है और उसे बुझाना बहुत जरूरी है. लेकिन काम धंधा रोजगार नहीं है और दूसरी तरफ घर में खाने के लिए नहीं है. फ्री राशन के लिए भी कहा गया था, लेकिन वह भी नहीं मिला है. ऐसे में पेट की आग बुझाने के लिए रोड पर खड़े हैं, ताकि कोई मदद का हाथ मिल जाए.

People on road due to ration end in home ghaziabad lockdown updates
पीड़ित महिला

'पुलिस के डंडे खाने को भी तैयार'
लोगों का दर्द इतना है कि वह कह रहे हैं कि अगर पुलिस डंडे भी मारेगी, तो खा लेंगे. लेकिन खाना कहां से लाएं. किसके घर का दरवाजा खटखटाएं. मदद के लिए फोन करने पर भी रिस्पांस नहीं मिल रहा है. जिससे परेशान हो गए हैं और घरों से बाहर आ गए हैं. हालांकि ईटीवी भारत की टीम ने उन लोगों को कहा कि वह अपने घर चले जाएं और प्रशासनिक हेल्प लाइन पर बात करें. जिससे मदद मिल सके. ईटीवी भारत की टीम ने उन लोगों को हेल्पलाइन नंबर से अवगत कराया.




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