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चिराग से क्यों अलग हुए पारस, खुले मंच से केंद्रीय मंत्री ने बताई वजह

LJP नेता और केंद्रीय खाद्य उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने रविवार को चिराग पासवान के साथ हुए विवाद की एक-एक बात मंच से बताई. पारस गाजियाबाद में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे.

पशुपतिनाथ पारस
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Published : Oct 31, 2021, 7:00 PM IST

गाजियाबाद : LJP नेता और केंद्रीय खाद्य उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने गाजियाबाद में एक कार्यक्रम के दाैरान चिराग पासवान के साथ हुए विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी. केंद्रीय मंत्री ने सबसे पहले रामविलास पासवान का जिक्र करते हुए कहा कि जब एनडीए गठबंधन में पासवान जी आए थे, तो उनकी सोच थी कि पिछड़े वर्ग के लोगों को मुख्य धारा में जोड़ा जाए.

उन्होंने फैसला किया हम एनडीए गठबंधन में रहेंगे. मृत्यु से कुछ समय पहले पासवान जी ने कहा था कि तुम हमेशा एनडीए का हिस्स रहना. लेकिन हमारी बात को चिराग पासवान ने नहीं मानी. जिसके चलते मतभेद हो गया और पार्टी अलग हो गई. अभी तीन दिन पहले बिहार में दो जगहाें पर चुनाव हुआ. मैं चुनाव प्रचार में गया था. मैंने मुख्यमंत्री जी के सामने कहा जब तक जीवित हूं और हमारी पार्टी जीवित है, मैं एनडीए गठबंधन का हिस्सा रहूंगा.

पशुपति कुमार पारस

पढ़ेंः किसानों को जबरन हटाया तो सरकारी दफ्तरों को बना देंगे गल्ला मंडी : टिकैत

उन्होंने आगे कहा कि, मैं लोकतंत्र के मंदिर पार्लियामेंट हाउस में जब पहली बार गया था, तो लेट कर नमन कर के अंदर गया था. उस पार्लिमेंट हाउस के मुखिया के पास 13 जून को गया था. मेरे साथ पांचों सांसद थे. हमने उनसे आग्रह किया हमारे दल में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है. उस समय हमारे दल के 90 परसेंट लोग चाहते थे, कि हम एनडीए के साथ रहें. मगर हमारे दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तानाशाही दिखाई. वो चाहते थे कि अकेले चुनाव लड़े और बिहार के मुख्यमंत्री बन जाएं. इसलिए मैंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया, जिसके बाद इस मामले में जांच का आदेश दिया गया.

पढ़ेंः रामविलास पासवान की पहली बरसी, परिवार को एकजुट करने की कवायद!

बाद में हमें पता चला कि हमारा आवेदन पत्र सही पाया गया और चिराग पासवान को संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया गया. वैसे कानूनन चिराग पासवान और हम एक हैं, लेकिन व्यवहार में वह अलग हैं और हम अलग हैं. मंच से उतरने के बाद जब उनसे चिराग पासवान को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ चिराग के जन्मदिवस की बात की. चिराग पासवान के जन्मदिन पर उन्होंने कहा कि मैंने रात को ही ट्वीट करके चिराग को बधाई दे दी है. किसानों के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसान आकर भारत सरकार के कृषि मंत्री से बात करें और हमें उम्मीद है कि 10 से 15 दिनों में किसानों के मसले का समाधान हो जाएगा.


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गाजियाबाद : LJP नेता और केंद्रीय खाद्य उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने गाजियाबाद में एक कार्यक्रम के दाैरान चिराग पासवान के साथ हुए विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी. केंद्रीय मंत्री ने सबसे पहले रामविलास पासवान का जिक्र करते हुए कहा कि जब एनडीए गठबंधन में पासवान जी आए थे, तो उनकी सोच थी कि पिछड़े वर्ग के लोगों को मुख्य धारा में जोड़ा जाए.

उन्होंने फैसला किया हम एनडीए गठबंधन में रहेंगे. मृत्यु से कुछ समय पहले पासवान जी ने कहा था कि तुम हमेशा एनडीए का हिस्स रहना. लेकिन हमारी बात को चिराग पासवान ने नहीं मानी. जिसके चलते मतभेद हो गया और पार्टी अलग हो गई. अभी तीन दिन पहले बिहार में दो जगहाें पर चुनाव हुआ. मैं चुनाव प्रचार में गया था. मैंने मुख्यमंत्री जी के सामने कहा जब तक जीवित हूं और हमारी पार्टी जीवित है, मैं एनडीए गठबंधन का हिस्सा रहूंगा.

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उन्होंने आगे कहा कि, मैं लोकतंत्र के मंदिर पार्लियामेंट हाउस में जब पहली बार गया था, तो लेट कर नमन कर के अंदर गया था. उस पार्लिमेंट हाउस के मुखिया के पास 13 जून को गया था. मेरे साथ पांचों सांसद थे. हमने उनसे आग्रह किया हमारे दल में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है. उस समय हमारे दल के 90 परसेंट लोग चाहते थे, कि हम एनडीए के साथ रहें. मगर हमारे दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तानाशाही दिखाई. वो चाहते थे कि अकेले चुनाव लड़े और बिहार के मुख्यमंत्री बन जाएं. इसलिए मैंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया, जिसके बाद इस मामले में जांच का आदेश दिया गया.

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बाद में हमें पता चला कि हमारा आवेदन पत्र सही पाया गया और चिराग पासवान को संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया गया. वैसे कानूनन चिराग पासवान और हम एक हैं, लेकिन व्यवहार में वह अलग हैं और हम अलग हैं. मंच से उतरने के बाद जब उनसे चिराग पासवान को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ चिराग के जन्मदिवस की बात की. चिराग पासवान के जन्मदिन पर उन्होंने कहा कि मैंने रात को ही ट्वीट करके चिराग को बधाई दे दी है. किसानों के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसान आकर भारत सरकार के कृषि मंत्री से बात करें और हमें उम्मीद है कि 10 से 15 दिनों में किसानों के मसले का समाधान हो जाएगा.


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