ETV Bharat / city

Modinagar: निष्काम सेवक जत्थे को समाजसेवी के योगदान से मिला निजी वाहन

बीते एक साल से कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की ऑक्सीजन लंगर (free Oxygen) और होम आइसोलेट मरीजों को खाना खिलाने (food) के साथ ही कोरोना से मृतक का अंतिम संस्कार (Funeral) कर रहे निष्काम सेवक जत्थे (Nishkam Sevak Jatha) के पास अपना निजी वाहन न होने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में अब उनको मोदी नगर के वरिष्ठ समाजसेवी संतोष ठेकेदार के योगदान से निजी वाहन मिला है.

Nishkam Sevak Jatha got private vehicle
निष्काम सेवक जत्थे
author img

By

Published : Jun 3, 2021, 8:57 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रहे निष्काम सेवक जत्थे (Nishkam Sevak Jatha) के बेड़े में आज एक निजी वाहन शामिल हो गया है. जिसमें उनका सहयोग वरिष्ठ समाजसेवी ने किया है.

निष्काम सेवक जत्थे

योगदान से निजी वाहन मिला

बीते एक साल से कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की ऑक्सीजन लंगर और होम आइसोलेट मरीजों को खाना खिलाने के साथ ही कोरोना से मृतक का अंतिम संस्कार कर रहे निष्काम सेवक जत्थे के पास अपना निजी वाहन न होने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में अब उनको मोदी नगर के वरिष्ठ समाजसेवी संतोष ठेकेदार के योगदान से निजी वाहन मिला है.

दवाई और ऑक्सीजन की आवश्यकता

निष्काम सेवक जत्थे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसमीत सिंह ने बताया कि उनका जत्था पिछले साल से महामारी के दौर में अपनी सेवाएं देता रहा है. इस बार बीते साल से भी अधिक महामारी का प्रकोप था. जिसको देखते हुए उन्होंने ऑक्सीजन लंगर की व्यवस्था की थी. इसके बाद उन्होंने महसूस किया कि कोरोना महामारी इस रूप में पहुंच चुकी है कि अब चिकित्सा दवाई और ऑक्सीजन की अति आवश्यकता है.


80 किलो का सिलेंडर स्कूटी से पहुंचाते

निष्काम सेवक जत्थे के वालंटियर जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए 70 से 80 किलो का ऑक्सीजन सिलेंडर स्कूटी पर लेकर जाते थे. ऐसे में उन्होंने अपनी संस्था का एक निजी वाहन लेने पर विचार किया. जिससे कि उनकी सभी सेवाएं वाहन के माध्यम से आसानी से पहुंचाई जा सके. इसीलिए आज उन्होंने अपने जत्थे में नए वाहन को शामिल किया है.


वाहन के लिए कर रहे थे पैसा इकट्ठा

जसमीत सिंह ने बताया कि वह वाहन खरीदने के लिए पिछले 15 से 20 दिनों से पैसे इकट्ठा कर रहे थे. जिसकी सूचना उनके संरक्षण चाचन लाल बिगरा तक पहुंची. ऐसे में उनके सहयोग से मोदीनगर के वरिष्ठ समाजसेवी संतोष ठेकेदार तक उनकी आवाज पहुंची. जिसके बाद बेसहारा शवों का अंतिम संस्कार करने में सहायक वाहन खरीदने में उनका बहुत बड़ा योगदान मिला.

शव के लिए नहीं मिल रहे थे वाहन

निष्काम जत्थे के सेवक मनजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि कोरोना से मृतक के शव को ले जाने के लिए वाहन नहीं मिल रहे थे. जो मिल रहे थे वह अधिक पैसे ले रहे थे. ऐसे में उन्होंने अपने जत्थे के लिए निशुल्क वाहन की व्यवस्था करने का विचार किया.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रहे निष्काम सेवक जत्थे (Nishkam Sevak Jatha) के बेड़े में आज एक निजी वाहन शामिल हो गया है. जिसमें उनका सहयोग वरिष्ठ समाजसेवी ने किया है.

निष्काम सेवक जत्थे

योगदान से निजी वाहन मिला

बीते एक साल से कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की ऑक्सीजन लंगर और होम आइसोलेट मरीजों को खाना खिलाने के साथ ही कोरोना से मृतक का अंतिम संस्कार कर रहे निष्काम सेवक जत्थे के पास अपना निजी वाहन न होने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में अब उनको मोदी नगर के वरिष्ठ समाजसेवी संतोष ठेकेदार के योगदान से निजी वाहन मिला है.

दवाई और ऑक्सीजन की आवश्यकता

निष्काम सेवक जत्थे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसमीत सिंह ने बताया कि उनका जत्था पिछले साल से महामारी के दौर में अपनी सेवाएं देता रहा है. इस बार बीते साल से भी अधिक महामारी का प्रकोप था. जिसको देखते हुए उन्होंने ऑक्सीजन लंगर की व्यवस्था की थी. इसके बाद उन्होंने महसूस किया कि कोरोना महामारी इस रूप में पहुंच चुकी है कि अब चिकित्सा दवाई और ऑक्सीजन की अति आवश्यकता है.


80 किलो का सिलेंडर स्कूटी से पहुंचाते

निष्काम सेवक जत्थे के वालंटियर जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए 70 से 80 किलो का ऑक्सीजन सिलेंडर स्कूटी पर लेकर जाते थे. ऐसे में उन्होंने अपनी संस्था का एक निजी वाहन लेने पर विचार किया. जिससे कि उनकी सभी सेवाएं वाहन के माध्यम से आसानी से पहुंचाई जा सके. इसीलिए आज उन्होंने अपने जत्थे में नए वाहन को शामिल किया है.


वाहन के लिए कर रहे थे पैसा इकट्ठा

जसमीत सिंह ने बताया कि वह वाहन खरीदने के लिए पिछले 15 से 20 दिनों से पैसे इकट्ठा कर रहे थे. जिसकी सूचना उनके संरक्षण चाचन लाल बिगरा तक पहुंची. ऐसे में उनके सहयोग से मोदीनगर के वरिष्ठ समाजसेवी संतोष ठेकेदार तक उनकी आवाज पहुंची. जिसके बाद बेसहारा शवों का अंतिम संस्कार करने में सहायक वाहन खरीदने में उनका बहुत बड़ा योगदान मिला.

शव के लिए नहीं मिल रहे थे वाहन

निष्काम जत्थे के सेवक मनजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि कोरोना से मृतक के शव को ले जाने के लिए वाहन नहीं मिल रहे थे. जो मिल रहे थे वह अधिक पैसे ले रहे थे. ऐसे में उन्होंने अपने जत्थे के लिए निशुल्क वाहन की व्यवस्था करने का विचार किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.