नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले के ट्रॉनिका सिटी इलाके में एक नवजात बच्ची को किसी ने लावारिस हालत में नाली में फेंक दिया. लोगों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इस बात की सूचना दी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को अस्पताल में एडमिट कराया. फिलहाल पुलिस कॉन्स्टेबल नरेश की पत्नी नीलम बच्ची की देखभाल कर रही हैं.
फिलहाल बच्ची के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाई जा रही है. माना जा रहा है कि बच्ची की मां ने ही बेटी होने की वजह से उसे नाली में तड़पने के लिए छोड़ दिया होगा. हालांकि, पुलिस इस बच्ची के लिए मसीहा बनी. पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में भी जुटी हुई है.
मासूम परी का क्या कसूर?
बच्ची की मदद के बाद पुलिस उसकी देखभाल भी पूरी शिद्दत से कर रही है. गाजियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बच्ची का नाम नन्हीं परी रखा है. इसी नाम से बच्ची पूरी तरह से फेमस हो रही है लेकिन सवाल यह है कि मासूम का कसूर क्या था, जो उसे इस तरह की सजा दी गई. जो पैदा होते ही उसे नाली में छोड़ दिया? क्या आज भी लोग बेटा और बेटी में फर्क करते हैं?
वहीं इस मामले को लेकर गाजियाबाद पुलिस के कप्तान एसएसपी कलानिधि नैथानी ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया है कि बच्ची की देखभाल में किसी तरह की कमी ना छोड़ी जाए.
बेटियां बोझ नहीं हैं
समाजसेवी संस्थाओं से लेकर सरकार हमेशा इस बात का अभियान चलाती है कि बेटियां बोझ नहीं हैं बल्कि बेटियां हमारा गर्व हैं. आज बेटियां, बेटों की तुलना में काफी ज्यादा सफलता की ऊंचाइयों को छू रही हैं, लेकिन फिर भी समाज में कुछ ऐसे लोग हैं जिनके अंदर आज भी रूढ़िवादी और गंदी सोच जिंदा है. जिसका जीता-जागता उदाहरण ये घटना है.