नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले के लोनी इलाके से इंसानियत की एक सुंदर तस्वीर सामने आई है. यहां एक हिंदू महिला की मौत होने पर मुस्लिम युवकों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया और महिला की अर्थी ले जाने से लेकर अंतिम संस्कार तक पूरे रीति रिवाज में हिंदू परिवार की मदद की. महिला की अर्थी को कंधा देकर मुस्लिम युवकों ने ही श्मशान घाट तक पहुंचाने में सहयोग किया.
अंतिम संस्कार में परिजन नहीं हुए शामिल
दरअसल, लोनी के अशोक विहार में रहने वाली तेजवती की बीमारी के चलते मौत हो गई, लेकिन उनका सिर्फ एक बेटा है और कोरोना के चलते उनके परिवार के लोग अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए. ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग मदद के लिए सामने आए और अर्थी को कांधा दिया.
वर्षों से बना हुआ है हिंदू मुस्लिम भाईचारा
निवासी मार्टिन फैजल ने बताया कि कॉलोनी में हिंदू और मुस्लिम परिवार लंबे समय से रह रहे हैं. सभी एक-दूसरे की मदद करते हैं और वर्षों से भाईचारा बना हुआ है. इसी वजह से सभी एक दूसरे के खुशी और गम में शामिल होते हैं. जैसे ही मुस्लिम परिवारों को इस बात की जानकारी मिली कि महिला की मौत हो गई है, तो तुरंत सभी मदद के लिए एक साथ आ गए.
कोरोना संक्रमण के चलते इन दिनों किसी की मृत्यु के बाद मृतक व्यक्ति के रिश्तेदार और परिजन काफी कम संख्या मौजूद रहते हैं. ऐसे दुखद माहौल के बीच अंतिम संस्कार की व्यवस्था करना काफी मुश्किल होता है, लेकिन इस तरह की मदद पीड़ित के दुख में मरहम का काम करती है.
पड़ोसी होने के साथ-साथ इंसानियत का भी फर्ज
आमतौर पर एनसीआर से इस तरह की खबरें सामने आती हैं कि लोग मदद के लिए सामने नहीं आते, लेकिन यहां पर मदद के लिए जिस तरह से भाईचारे और एकता की तस्वीर नजर आई है. इससे साफ हो गया कि लोनी की इस कॉलोनी के लोगों ने पड़ोसी होने के साथ-साथ इंसानियत का फर्ज भी बखूबी अदा किया है. यही वजह है कि इस विषय की चर्चा काफी ज्यादा हो रही है, क्योंकि सभी यही मानते हैं कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत का होता है.