नई दिल्ली: आज मुस्लिम समुदाय के रमजान उल मुबारक के पाक महीने की आखिरी जुमे की नमाज है, जिसे अलविदा का जुमा भी कहा जाता है. इसको लेकर गाजियाबाद के मुरादनगर के मुफ्तीओं ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि जिस तरीके से रमजान के सभी जुमे की नमाज घर पर ही अदा की गई है. उसी तरीके से अलविदा जुमे की नमाज भी घर पर ही अदा करें.
मुरादनगर की झील वाली मस्जिद के इमाम मुफ्ती आबिद कासमी ने बताया कि रमजान के आखिरी जुमे को अलविदा का जुमा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके बाद रमजान मुबारक का कोई जुमा नहीं आएगा. इसीलिए इस जुमे को अलविदा जुमा कहा जाता है.
घर पर अदा करें नमाज
मुफ्ती आबिद कासमी ने अलविदा जुमे पर लोगों से अपील करते हुए कहा है कि इस जुमे पर सब की ख्वाहिश होती है कि वह अलविदा जुमे की नमाज मस्जिदों में बढ़ चढ़कर पढ़ें. लेकिन जैसा कि आप सभी जानते हैं मुल्क में लाॅकडाउन चल रहा है. इसके मद्देनजर मस्जिदों में नमाज पढ़ना मुश्किल है. इसीलिए सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील हैं कि रमजान के बाकी जुमे के तरह ही अलविदा जुमे की नमाज घर में और मस्जिद में सिर्फ 5 लोग ही अदा करें.
कोरोना के खात्में की करें दुआएं
मुफ्ती साहब का कहना है कि अगर लोग अलविदा जुमे की नमाज मस्जिदों में पढ़ने जाते हैं, तो उससे कोरोना वायरस के फैलने का भी खतरा है. साथ ही लाॅकडाउन का उल्लंघन भी होगा, इसीलिए हम किसी को भी हरगिज मस्जिदों में नमाज अदा करने की इजाजत नहीं देंगे, कि वह सरकार के नियम कानून का उल्लंघन करें. इसके साथ ही उन्होंने सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों से अलविदा की नमाज में पुरी दुनिया से कोरोना वायरस के खात्में की दुआएं करने के लिए कहा है.