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'आपसी भाईचारे का ध्यान रखते हुए मनाएं पर्व', ईद उल अजहा पर मुस्लिम धर्मगुरु की अपील - मुफ्ती आबिद कासमी

ईद-उल-अजहा को लेकर मुस्लिम धर्म गुरुओं ने अपील की है कि कोरोना को देखते हुए सादगी के साथ त्यौहार मनाएं. सरकार ने जो पाबंदियां लगाई हैं, उसका पालन करें.

mufti abid qasmi appeal on eid-ul-adha
गाजियाबाद ईद-उल-अजहा
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Published : Jul 29, 2020, 7:27 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः ईद-उल-अजहा (बकरीद) के त्यौहार को लेकर मुरादनगर के मुफ्ती आबिद कासमी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा है कि इस बार भी ईद की नमाज घर पर ही अदा करें. त्यौहार पर किसी भी तरीके से किसी भी धर्म के व्यक्ति को ठेस नहीं पहुंचने चाहिए. इसलिए सादगी के साथ ईद का त्यौहार मनाएं.

'आपसी भाईचारे का ध्यान रखते हुए मनाएं पर्व'

कोरोना काल के दौरान मुस्लिम समुदाय का त्यौहार आ रहा है. जिस पर मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह में नमाज अदा करने के बाद सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार पशुओं की कुर्बानी देते हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने कुछ पाबंदियों के साथ तमाम दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसी को लेकर मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु लोगों से नियमों का पालन करने की अपील कर रहे हैं.

घरों में ही अदा करें ईद की नमाज

मुरादनगर के मुफ्ती आबिद कासमी ने अपील करते हुए कहा है कि सभी मुस्लिम समुदाय के लोग इस बार ईद-उल-अजहा का त्यौहार बड़े ही एहतराम के साथ मनाएं. सभी लोग ईदगाह और मस्जिदों में इकट्ठा होकर नमाज पढ़ने की कोशिश ना करें, बल्कि अपने घरों में ही नमाज अदा करें.

इसके साथ ही मुफ्ती आबिद कासमी ने ईद-उल-अजहा पर दी जाने वाली पशुओं की कुर्बानी को लेकर अपील करते हुए कहा कि आप अपने जानवर की कुर्बानी पर्दे में रहकर करें. कोई भी खुले में सड़कों पर या फिर चौराहे पर कुर्बानी ना करें.

खुले स्थान पर ना करें कुर्बानी

ईद-उल-अजहा पर सभी मुस्लिम समुदाय के लोग यह खास ध्यान रखें कि हमारी वजह से किसी भी धर्म के व्यक्ति को ठेस ना पहुंचे. मुल्क में आपसी भाईचारा बना रहना चाहिए. इसीलिए सभी लोग इस बार सादगी के साथ ईद का त्योहार मनाएं.

नई दिल्ली/गाजियाबादः ईद-उल-अजहा (बकरीद) के त्यौहार को लेकर मुरादनगर के मुफ्ती आबिद कासमी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा है कि इस बार भी ईद की नमाज घर पर ही अदा करें. त्यौहार पर किसी भी तरीके से किसी भी धर्म के व्यक्ति को ठेस नहीं पहुंचने चाहिए. इसलिए सादगी के साथ ईद का त्यौहार मनाएं.

'आपसी भाईचारे का ध्यान रखते हुए मनाएं पर्व'

कोरोना काल के दौरान मुस्लिम समुदाय का त्यौहार आ रहा है. जिस पर मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह में नमाज अदा करने के बाद सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार पशुओं की कुर्बानी देते हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने कुछ पाबंदियों के साथ तमाम दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसी को लेकर मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु लोगों से नियमों का पालन करने की अपील कर रहे हैं.

घरों में ही अदा करें ईद की नमाज

मुरादनगर के मुफ्ती आबिद कासमी ने अपील करते हुए कहा है कि सभी मुस्लिम समुदाय के लोग इस बार ईद-उल-अजहा का त्यौहार बड़े ही एहतराम के साथ मनाएं. सभी लोग ईदगाह और मस्जिदों में इकट्ठा होकर नमाज पढ़ने की कोशिश ना करें, बल्कि अपने घरों में ही नमाज अदा करें.

इसके साथ ही मुफ्ती आबिद कासमी ने ईद-उल-अजहा पर दी जाने वाली पशुओं की कुर्बानी को लेकर अपील करते हुए कहा कि आप अपने जानवर की कुर्बानी पर्दे में रहकर करें. कोई भी खुले में सड़कों पर या फिर चौराहे पर कुर्बानी ना करें.

खुले स्थान पर ना करें कुर्बानी

ईद-उल-अजहा पर सभी मुस्लिम समुदाय के लोग यह खास ध्यान रखें कि हमारी वजह से किसी भी धर्म के व्यक्ति को ठेस ना पहुंचे. मुल्क में आपसी भाईचारा बना रहना चाहिए. इसीलिए सभी लोग इस बार सादगी के साथ ईद का त्योहार मनाएं.

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