नई दिल्ली/गाजियाबाद : 100 वर्ष पहले काशी से कनाडा गयी मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा एक बार फिर काशी में प्रतिष्ठापित होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश से भारत को वापस मिली प्रतिमा को 11 नवम्बर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद को सौंप दिया गया है. इसके बाद पुनर्स्थापना यात्रा के माध्यम से मां अन्नपूर्णा 18 जिलों में भक्तों को दर्शन देते हुए 14 नवम्बर को काशी पहुंचेगी. अगले दिन यानि 15 नवम्बर देवोत्थान एकादशी के विशेष अवसर पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नवीन परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधि-विधान से प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे.
गुरुवार को तकरीबन एक बजे पुनर्स्थापना यात्रा गाज़ियाबाद के मोहननगर माता मंदिर पहुंची. जहां पर पूरे विधि विधान से मां अन्नपूर्णा देवी के पूजन-अभिनंदन किया गया. पुनर्स्थापना यात्रा के स्वागत में गाजियाबाद के सांसद वीके सिंह, राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल महापौर आशा शर्मा, जूना अखाड़ा के प्रवक्ता महंत नारायण गिरी समेत सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. मूर्ति के मंदिर पहुंचते ही श्रद्धालुओं ने देवी अन्नपूर्णा के जयकारे लगाए और पुष्पवर्षा की. श्रद्धालुओं ने मूर्ति पर प्रसाद चढ़ाया.
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केंद्रीय राज्य मंत्री और गाज़ियाबाद के सांसद वीके सिंह ने कहा कि आज देश के लिए बहुत अच्छा दिन है. देश भर में उत्साह का माहौल है. मां अन्नपूर्णा की मूर्ति का काफी आध्यात्मिक महत्व है. मूर्ति को वापस लाने में पीएम मोदी का बहुत बड़ा योगदान है.
मूर्ति को वाराणसी में 15 नवंबर को पहुंचा दिया जाएगा, जहां उचित अनुष्ठान के बाद उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिमा का अभिषेक करेंगे.
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शोभायात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव
11 नवंबर मोहन मंदिर, गाजियाबाद, दादरी नगर शिव मंदिर, गौतमबुद्ध नगर, दुर्गा शक्ति पीठ खुर्जा, बुलंदशहर, रामलीला मैदान, अलीगढ़, हनुमान चौकी, हाथरस और सोरों, कासगंज.
12 नवम्बर- जनता दुर्गा मंदिर, एटा, लखोरा, मैनपुरी, मां अन्नपूर्णा मंदिर तिर्वा, कन्नौज, पटकापुर मंदिर कानपुर .
13 नवम्बर- झंडेश्वर मंदिर, उन्नाव, दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर, लखनऊ, भिटरिया बाईपास, बाराबंकी, हनुमान गढ़ी, अयोध्या.
14 नवंबर- दुर्गा मंदिर कस्बा केएनआईटी, मीनाक्षी मंदिर प्रतापगढ़, दौलतिया मंदिर जौनपुर, बाबतपुर चौराहा और शिवपुर चौक, वाराणसी.
जानकारी की मुताबिक कि 1976 से 55 मूर्तियों को भारत वापस लाया गया है. इनमें से 42 मूर्तियों को 2014 के बाद देश वापस लाया गया है और अन्नपूर्णा की मूर्ति इसमें नई है.