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अनलॉक-1 में भी सवारियों का इंतजार करे रहे हैं ई-रिक्शा चालक

लाॅकडाउन के पांचवें चरण में छूट मिलने के बाद सड़कों पर निकले ई रिक्शा चालकों कहना है कि यातायात का आवागमन पूरी तरह से ना हो पाने के कारण उनको सवारियां नहीं मिल पा रही हैं. हालात इतने खराब हैं कि वह ई-रिक्शा का किराया भी नहीं निकाल पा रहे हैं.

lockdown impact on E-rickshaw drivers
ई-रिक्शा चालक
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Published : Jun 4, 2020, 4:45 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले में कुछ शर्तों के साथ बाजार खुलने की अनुमति मिल गई है. जिसके बाद लाॅकडाउन के कारण बेरोजगारी की मार झेल रहे ई-रिक्शा चालकों को कमाई की उम्मीद जागने लगी है. गाजियाबाद जिले में प्रशासन ने ऑटो, ई-रिक्शा और बाकी तीन पहिया वाहन में चालक के अलावा सिर्फ दो सवारियों के बैठने की अनुमति दी हुई है. जिसके कारण ई-रिक्शा चालकों की कमाई नहीं हो पा रही है.

ई-रिक्शा चालकों ने बताई परेशानी

अब सड़कों पर रोडवेज बसों का आवागमन शुरू होने से उम्मीद है कि ई-रिक्शा चालकों को सवारिया मिलनी शुरू हो जाएगी. जिससे कि ई-रिक्शा चालकों को उम्मीद है कि वो पहले की तरह कमाकर अपना जनजीवन सामान्य कर सकेंगे. ऐसे में कैसे हैं उनके हालात. इसे लेकर ईटीवी भारत ने ई-रिक्शा चालकों से खास बातचीत की.



'उधार मांग कर किया गुजारा'

ईटीवी भारत को ई-रिक्शा चालक शकील अहमद ने बताया कि उनकी रोटी ई-रिक्शा से ही चलती है. अब वो सुबह से ई-रिक्शा लेकर खड़े हैं, लेकिन उनको पहले के मुकाबले कम सवारी मिल रही है. क्योंकि बसों का संचालन अभी पूरे तरीके से नहीं हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान उन्होंने उधार मांग कर अपना गुजारा किया है.



'सवारियों का कर रहे हैं इंतजार'

ई-रिक्शा चालक श्रीकृष्ण ने बताया कि वो सुबह 7:00 बजे से रिक्शा लेकर निकले हुए हैं, लेकिन अभी तक सवारी का नामोनिशान नहीं है. जिसकी वजह से उनको दिक्कतें हो रही हैं और उन्होंने सुबह से दोपहर तक सिर्फ ₹20 कमाए हैं. उनका कहना है कि जब से लाॅकडाउन हुआ है. उन्हें घर चलाने में परेशानी हो रही है. घर में खाने पीने के लाले पड़ना शुरू हो गए हैं. अब वो पड़ोसियों से उधार लेकर अपना खर्चा चला रहे हैं.


ई-रिक्शा का किराया निकालना हुआ मुश्किल

इसके साथ ही ई-रिक्शा चालक श्रीकृष्ण ने बताया कि उन्होंने किराए पर रिक्शा लिया हुआ है. जिसका वो किराया भी नहीं निकाल पा रहे हैं. लाॅकडाउन से पहले वो अपना और रिक्शे का खर्चा आसानी से निकाल लेते थे. लेकिन अब हालात ऐसे हो रहे हैं. उन्हें लगता है कि जहर खाकर ही मरना पड़ेगा.


2 सवारियों में नहीं आता औसत

ई-रिक्शा चालक जावेद खान ने बताया कि प्रशासन ने सिर्फ 2 सवारियों को ही बैठाने की इजाजत दी हुई है. जिसमें उनका औसत कमाई भी नहीं आता है, और इसके साथ ही ₹7 सवारी में उनको ₹5 सवारी ही लोग देते हैं. हालात ऐसे हैं कि घंटों इंतजार करने के बाद दो से तीन सवारी ही मिल पाती हैं. उनका कहना है कि वो लाॅकडाउन से पहले 500 रुपये रोजाना कमा लेते थे. लेकिन अब 100 रुपये कमा पाना भी मुश्किल हो रहा है.


लाॅकडाउन से बढ़ी परेशानियां

ई-रिक्शा चालक जाहिद ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से उनको काफी परेशानियां हो रही हैं, सवारी नहीं मिल रही है. हालत इतने खराब है कि किराए पर लिए रिक्शे का किराया भी नहीं निकल पा रहा है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले में कुछ शर्तों के साथ बाजार खुलने की अनुमति मिल गई है. जिसके बाद लाॅकडाउन के कारण बेरोजगारी की मार झेल रहे ई-रिक्शा चालकों को कमाई की उम्मीद जागने लगी है. गाजियाबाद जिले में प्रशासन ने ऑटो, ई-रिक्शा और बाकी तीन पहिया वाहन में चालक के अलावा सिर्फ दो सवारियों के बैठने की अनुमति दी हुई है. जिसके कारण ई-रिक्शा चालकों की कमाई नहीं हो पा रही है.

ई-रिक्शा चालकों ने बताई परेशानी

अब सड़कों पर रोडवेज बसों का आवागमन शुरू होने से उम्मीद है कि ई-रिक्शा चालकों को सवारिया मिलनी शुरू हो जाएगी. जिससे कि ई-रिक्शा चालकों को उम्मीद है कि वो पहले की तरह कमाकर अपना जनजीवन सामान्य कर सकेंगे. ऐसे में कैसे हैं उनके हालात. इसे लेकर ईटीवी भारत ने ई-रिक्शा चालकों से खास बातचीत की.



'उधार मांग कर किया गुजारा'

ईटीवी भारत को ई-रिक्शा चालक शकील अहमद ने बताया कि उनकी रोटी ई-रिक्शा से ही चलती है. अब वो सुबह से ई-रिक्शा लेकर खड़े हैं, लेकिन उनको पहले के मुकाबले कम सवारी मिल रही है. क्योंकि बसों का संचालन अभी पूरे तरीके से नहीं हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान उन्होंने उधार मांग कर अपना गुजारा किया है.



'सवारियों का कर रहे हैं इंतजार'

ई-रिक्शा चालक श्रीकृष्ण ने बताया कि वो सुबह 7:00 बजे से रिक्शा लेकर निकले हुए हैं, लेकिन अभी तक सवारी का नामोनिशान नहीं है. जिसकी वजह से उनको दिक्कतें हो रही हैं और उन्होंने सुबह से दोपहर तक सिर्फ ₹20 कमाए हैं. उनका कहना है कि जब से लाॅकडाउन हुआ है. उन्हें घर चलाने में परेशानी हो रही है. घर में खाने पीने के लाले पड़ना शुरू हो गए हैं. अब वो पड़ोसियों से उधार लेकर अपना खर्चा चला रहे हैं.


ई-रिक्शा का किराया निकालना हुआ मुश्किल

इसके साथ ही ई-रिक्शा चालक श्रीकृष्ण ने बताया कि उन्होंने किराए पर रिक्शा लिया हुआ है. जिसका वो किराया भी नहीं निकाल पा रहे हैं. लाॅकडाउन से पहले वो अपना और रिक्शे का खर्चा आसानी से निकाल लेते थे. लेकिन अब हालात ऐसे हो रहे हैं. उन्हें लगता है कि जहर खाकर ही मरना पड़ेगा.


2 सवारियों में नहीं आता औसत

ई-रिक्शा चालक जावेद खान ने बताया कि प्रशासन ने सिर्फ 2 सवारियों को ही बैठाने की इजाजत दी हुई है. जिसमें उनका औसत कमाई भी नहीं आता है, और इसके साथ ही ₹7 सवारी में उनको ₹5 सवारी ही लोग देते हैं. हालात ऐसे हैं कि घंटों इंतजार करने के बाद दो से तीन सवारी ही मिल पाती हैं. उनका कहना है कि वो लाॅकडाउन से पहले 500 रुपये रोजाना कमा लेते थे. लेकिन अब 100 रुपये कमा पाना भी मुश्किल हो रहा है.


लाॅकडाउन से बढ़ी परेशानियां

ई-रिक्शा चालक जाहिद ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से उनको काफी परेशानियां हो रही हैं, सवारी नहीं मिल रही है. हालत इतने खराब है कि किराए पर लिए रिक्शे का किराया भी नहीं निकल पा रहा है.

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