नई दिल्ली/गाजियाबाद: लाॅकडाउन का कहर कपड़े धोकर अपना गुजारा करने वाले धोबियों पर भी पड़ रहा है. मुरादनगर कस्बे में कपड़ों पर प्रेस करने वाले और कपड़ों की धुलाई करने वाले धोबियों का काम ठप हो गया है. क्योंकि लाॅकडाउन की वजह से स्कूल-कॉलेज दफ्तर सब बंद हो गए हैं. हालात से परेशान होकर कपड़ों की धुलाई करने वाले धोबी ने अपने घर परिवार का गुजारा करने के लिए रिक्शा चलाने का काम शुरू किया है, लेकिन इसके बावजूद उनको रोजगार नहीं मिल रहा है.
'लॉकडाउन ने छीना रोजगार'
ईटीवी भारत को धोबी शहाबुद्दीन ने बताया कि वो शादी विवाह में लगने वाले टैंट की धुलाई का काम करते थे, लेकिन लाॅकडाउन की वजह से शादियों का होना बंद हो गया है. इसीलिए उनको किसी ने बताया कि तुम रिक्शा ले लो जिसमें तुम भाड़ा (समान लाना ले जाना) कर सकते हो, लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि वह घर से बाहर जाते हैं. लेकिन उनको भाड़ा भी नहीं मिलता है. इसलिए अब उनके बच्चे भूखे प्यासे रहने लगे हैं.
'नहीं मिल रहा काम'
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि किसी परिचित की सलाह पर उन्होंने रिक्शा चलाने का काम शुरू किया है. जिसमें कि उनको उम्मीद है कि छोटे निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं. इसीलिए वो अपने रिक्शे में सीमेंट के कट्टों, रेत आदि को लाद कर कुछ कमाई कर लेंगे, लेकिन उनको अभी काम नहीं मिला है.
किराए पर लिया है रिक्शा
इसके साथ ही धोबी शहाबुद्दीन ने बताया कि उन्होंने रिक्शा किराए पर लिया है. जिसका किराया भी निकाल पाना मुश्किल हो रहा है. रमजान का महीना चल रहा है, लेकिन वो घर में इफ्तार के समय बच्चों के लिए फल भी नहीं ले जा पाते हैं.