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जानिए मेट्रो से कैसे अलग है रैपिड रेल

उत्तर प्रदेश में रैपिड रेल का काम रफ्तार पकड़ रहा है. अमूमन लोगों के ज़हन में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि रैपिड रेल और मेट्रो में क्या अंतर है. मेट्रो से रैपिड रेल कैसे अलग है. दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल और मेट्रो के बीच क्या कुछ अंतर है आइए इसी के बारे में बताते हैं.

रैपिड रेल
रैपिड रेल
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Published : Mar 17, 2022, 6:29 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:उत्तर प्रदेश में रैपिड रेल का काम रफ्तार पकड़ रहा है. मार्च 2023 में साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 5 स्टेशनों (साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो) का प्रायोरिटी सेक्शन पर रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा. अमूमन लोगों के ज़हन में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि रैपिड रेल और मेट्रो में क्या अंतर है. मेट्रो से रैपिड रेल कैसे अलग है. दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल और मेट्रो के बीच क्या कुछ अंतर है आइए इसी के बारे में बताते हैं.

  • रैपिड रेल का संचालन दो शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है. जबकि मेट्रो एक ही शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती है.
  • रैपिड रेल 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेन होती है,जबकि मेट्रो की रफ्तार कम होती है.
  • रैपिड रेल में एगॉनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया 2x2 ट्रांसवर्स सीटिंग (Transverse Seating) होती है जबकि मेट्रो में लोंगिट्यूडनल सीटिंग (Longitudinal Seating) होती है.
रैपिड रेल में एगॉनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया
रैपिड रेल में एगॉनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया
प्रत्येक सीट पर लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था दी गई
प्रत्येक सीट पर लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था दी गई
  • रैपिड रेल में प्रत्येक सीट पर लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था दी गई है जबकि मेट्रो में प्रत्येक सीट पर इस तरह की व्यवस्था नहीं है.
  • रैपिड रेल में प्रीमियम और स्टैंडर्ड क्लास के दो तरह के कोच होते हैं, जबकि मेट्रो में सभी कोच एक जैसे होते हैं.
  • रैपिड रेल के कोच में मरीज को लेकर जाने के लिए भी व्यवस्था मौजूद होती है. जैसे कि कोच में स्ट्रेचर रखने के लिए अलग स्पेस होता है साथ ही व्हीलचेयर को सुरक्षित खड़ा करने के लिए बेल्ट की भी व्यवस्था होती है. मेट्रो में इस तरह की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं होती है.
बुक मैगजीन होल्डर
बुक मैगजीन होल्डर
सामान रखने की जगह.
सामान रखने की जगह.
  • रैपिड रेल में सामान रखने के लिए लैगेज रैक मौजूद होती है जबकि मेट्रो में लगेज रैक मौजूद नहीं होती है.
  • रैपिड रेल में ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा मौजूद होती है जबकि मेट्रो में ऑन बोर्ड wifi की कोई व्यवस्था नहीं होती है.
  • रैपिड रेल के कोच में रेकलयनिंग चेयर, फुट रेस्ट, बुक मैगजीन होल्डर आदि सुविधाएं मौजूद रहती हैं जबकि मेट्रो में इस तरह की सुविधा नहीं होती है.

इसे भी पढ़ेंः ईटीवी भारत पर देश के प्रथम रैपिड रेल की पहली झलक, मार्च 2023 में भरेगी रफ्तार

नई दिल्ली/गाजियाबाद:उत्तर प्रदेश में रैपिड रेल का काम रफ्तार पकड़ रहा है. मार्च 2023 में साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 5 स्टेशनों (साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो) का प्रायोरिटी सेक्शन पर रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा. अमूमन लोगों के ज़हन में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि रैपिड रेल और मेट्रो में क्या अंतर है. मेट्रो से रैपिड रेल कैसे अलग है. दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल और मेट्रो के बीच क्या कुछ अंतर है आइए इसी के बारे में बताते हैं.

  • रैपिड रेल का संचालन दो शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है. जबकि मेट्रो एक ही शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती है.
  • रैपिड रेल 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेन होती है,जबकि मेट्रो की रफ्तार कम होती है.
  • रैपिड रेल में एगॉनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया 2x2 ट्रांसवर्स सीटिंग (Transverse Seating) होती है जबकि मेट्रो में लोंगिट्यूडनल सीटिंग (Longitudinal Seating) होती है.
रैपिड रेल में एगॉनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया
रैपिड रेल में एगॉनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया
प्रत्येक सीट पर लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था दी गई
प्रत्येक सीट पर लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था दी गई
  • रैपिड रेल में प्रत्येक सीट पर लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था दी गई है जबकि मेट्रो में प्रत्येक सीट पर इस तरह की व्यवस्था नहीं है.
  • रैपिड रेल में प्रीमियम और स्टैंडर्ड क्लास के दो तरह के कोच होते हैं, जबकि मेट्रो में सभी कोच एक जैसे होते हैं.
  • रैपिड रेल के कोच में मरीज को लेकर जाने के लिए भी व्यवस्था मौजूद होती है. जैसे कि कोच में स्ट्रेचर रखने के लिए अलग स्पेस होता है साथ ही व्हीलचेयर को सुरक्षित खड़ा करने के लिए बेल्ट की भी व्यवस्था होती है. मेट्रो में इस तरह की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं होती है.
बुक मैगजीन होल्डर
बुक मैगजीन होल्डर
सामान रखने की जगह.
सामान रखने की जगह.
  • रैपिड रेल में सामान रखने के लिए लैगेज रैक मौजूद होती है जबकि मेट्रो में लगेज रैक मौजूद नहीं होती है.
  • रैपिड रेल में ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा मौजूद होती है जबकि मेट्रो में ऑन बोर्ड wifi की कोई व्यवस्था नहीं होती है.
  • रैपिड रेल के कोच में रेकलयनिंग चेयर, फुट रेस्ट, बुक मैगजीन होल्डर आदि सुविधाएं मौजूद रहती हैं जबकि मेट्रो में इस तरह की सुविधा नहीं होती है.

इसे भी पढ़ेंः ईटीवी भारत पर देश के प्रथम रैपिड रेल की पहली झलक, मार्च 2023 में भरेगी रफ्तार

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