नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : ग़ाज़ियाबाद में कुछ दिन पहले पुलिस ने 100 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में कारोबारी जैन परिवार को गिरफ्तार किया था. यह परिवार दुबई भागने की फिराक में था. अब इस मामले में चौंकाने वाले नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि तमाम धोखाधड़ी नामी बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मिलकर की गई थी. पुलिस पूछताछ के बाद संबंधित बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
कुछ दिन पहले रेड एप्पल और मंजू होम्स सहित कई फर्जी कंपनियां बनाकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाली जैन फैमिली को गिरफ्तार किया गया था. इस फैमिली के मुखिया राजकुमार जैन हैं. उनके साथ उनकी पत्नी, बेटी, दो बेटों और रिश्तेदारों की गिरफ्तारी हुई थी. आरोपियों से पूछताछ के बाद कई बातें सामने आई हैं. उन्होंने 100 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी की थी.
एक ही फ्लैट या प्लॉट को बार-बार बेचकर करोड़ों की ठगी की गई. जब उन्हें पता चला कि मुकदमे दर्ज हो रहे हैं तो फर्जी कागजात के जरिए वीजा-पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज बनवाकर पूरी फैमिली दुबई भागने की प्लानिंग कर ली. दुबई का सिटीजनशिप कार्ड भी आरोपियों ने बनवा लिया था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने इनको धर दबोचा.
आरोपी से पूछताछ में सामने आया है कि इन्होंने यह सब साल 2012 में एक नामी बैंक की मिलीभगत से किया था. बैंक के अधिकारी इनके साथ धोखाधड़ी में शामिल थे. पुलिस ने FIR में अब बैंक का नाम दर्ज करके अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की है. पुलिस ने आरोपी अफसरों का नाम अभी गुप्त रखा है.
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आमतौर पर कोई आम आदमी अगर किसी बड़े बैंक से लोन मांगता है तो उसकी प्रॉसेसिंग में कई बार 15 दिन या उससे भी ज्यादा का समय लग जाता है, लेकिन हैरत की बात यह है कि फर्जी बिल्डर राजकुमार जैन नामी बैंक से सिर्फ 2 घंटे में होम लोन करवा लिया करता था. यही नहीं, राजकुमार जैन के लिए रविवार के लिए भी बैंक के दरवाजे खुल जाया करते थे. बैंक ने बिना दस्तावेज चेक किए लोन इस परिवार को दिया था. तफ्तीश में कई बड़े बैंक अफसरों के नाम का खुलासा हो सकता है.