नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: बीते साल कोरोना ने ईद को फिंका कर दिया था. इस साल भी कोरोना ने ईद की रौनक छीन ली है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते रमजान के महीने में लोगों ने घरों में ही इबादत की और अब ईद का त्यौहार भी धर्मगुरु घरों में ही मनाने की अपील कर रहे हैं, जिससे की संक्रमण से खुद को महफूज रखा जा सके.
ईद की नमाज़ सभी को घरों में ही करनी है अदा
गाज़ियाबाद के शहर ईमाम ज़मीर बेग क़ासमी ने बताया कि कोविड-19 बहुत तेजी के साथ शहर और गांवों में फैल रहा है और लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. ऐसे में एहतियात बरतना बहुत ज़रूरी है. शुक्रवार को ईद की नमाज़ सभी को घरों में ही अदा करनी है. जिस तरह रमजान की इबादत में दुआ की गई है, ठीक उसी तरह ईद पर कोरोना से निजात की दुआ इबादत के दौरान जरूर करें.
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जिले में आठ मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है
प्रदेश में 19 मई तक कोरोना कर्फ्यू लागू है. जिलाधिकारी की तरफ से आठ मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है, जिससे कि ज़िले में त्यौहार के दौरान कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन हो और शांति व्यवस्था बनी रहे.
अपील का भी खासा असर देखने को मिला
कोरोना संकट के बीच धर्मगुरुओं ने ईद का त्यौहार सादगी से मनाने और गरीब लोगों की मदद करने की अपील की है. धर्मगुरु की अपील का भी खासा असर देखने को मिल रहा है. जहां एक तरफ लोगों ने सादगी से ईद मनाने का फैसला किया है, तो वहीं दूसरी तरफ गरीब लोगों की मदद के लिए लोग हाथ बढ़ाते हुए भी नजर आ रहे हैं.
टीम गठित कर गरीबों में राशन सामग्री बांटा
असलम खान बताते हैं कि ईद से पहले गरीब लोगों में फितरा, ज़कात आदि बांटा जाता है, जिससे की गरीब लोग भी ईद मना सकें. इस साल कोरोना वायरस के चलते हालात बहुत खराब हैं. काम-धंधे बंद हैं. रोजाना कमाने-खाने वालों के सामने परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा है. हमने अपने पड़ोसियों और दोस्तों के साथ मिलकर फैसला किया कि ईद पर कपड़े, ज़ेवर आदि पर होने वाला खर्चा नहीं करेंगे. जो भी पैसे हर साल ईद पर खर्च होते थे, इस बार उन पैसों को गरीबों में राशन आदि बांटने के लिए खर्च किया जाएगा. ईद से पहले असलम खान ने टीम गठित कर गरीबों में राशन सामग्री बांटी.