नई दिल्ली/गाजियाबाद: अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो जाने पर परिजनों द्वारा डॉक्टरों के साथ मारपीट करने के कई मामलें सामने आए हैं. कोरोना काल में भी डॉक्टरों के साथ मारपीट कि गई है. इसको लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स (Healthcare Professionals) की सुरक्षा की मांग को लेकर, डॉक्टरर्स 18 जून को देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर SAVE THE SAVIOURS दिवस मनाएंगे. इसको लेकर IMA के गाजियाबाद चैप्टर द्वारा राजनगर स्थित IMA भवन में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान IMA के उत्तर प्रदेश सचिव डॉ. राजीव गोयल, गाजियाबाद जिलाध्यक्ष डॉ. आशीष अग्रवाल, सेक्रेटरी डॉ. वाणी पुरोहित रावत आदि पदाधिकारी मौजूद रहे.
IMA के गाजियाबाद चैप्टर के पदाधिकारियों ने कहा कि IMA अपने उन सभी 724 योद्धाओं को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने महामारी की दूसरी लहर के दौरान शहादत दी है. डॉक्टर्स, 724 योद्धाओं द्वारा जान गंवा देने के बावजूद समर्पण भाव से स्वास्थ्य सेवा देते आ रहे हैं और कई डॉक्टर संक्रमित भी हो चुके हैं.
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स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को तत्काल सुरक्षा मुहैया करवाने की अपील
IMA पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले दो सप्ताह के अंदर असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और कई अन्य जगहों पर डॉक्टरों पर हिंसा की कई घटनाएं हो चुकी हैं. कई डॉक्टर गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं. महिला डॉक्टरों के साथ भी हिंसक घटनाएं हुई हैं. IMA प्रधानमंत्री (Prime Minister), गृह मंत्री (Home Minister) और संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील करता है कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई जाए. हम उनसे केंद्रीय अस्पताल (Central Hospital) और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स सुरक्षा अधिनियम (Healthcare Professionals Protection Act) में आईपीसी की धारा और आपराधिक गतिविधि संहिता शामिल करने की अपील करते हैं. प्रत्येक अस्पताल की सुरक्षा के मानक बढ़ाने, अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने, दोषियों के खिलाफ फास्ट-ट्रैक अदालत (Fast Track Court) में सुनवाई और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाने के प्रावधान की अपील करते हैं.
हिंसा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन
हिंसा के खिलाफ गाजियाबाद में विरोध-प्रदर्शन करने के लिए डॉक्टर काला बिल्ला, काले झंडे, काले मास्क, काली रिबन, काली शर्ट पहनकर नाराजगी प्रकट करेंगे. यह विरोध-प्रदर्शन कार्यस्थलों और अस्पतालों में मनाया जाएगा. विरोध प्रदर्शन के बाद सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा.