नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले के सिहानी गेट थाना क्षेत्र के मोरटा इलाके में आबकारी आयुक्त महेंद्र सिंह (Excise Commissioner Mahendra Singh) के नेतृत्व में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. गाजियाबाद के नेशनल हाईवे संख्या58 के पास एक अवैध रूप से शराब का गोदाम (illegal liquor warehouse) चल रहा था. पूछताछ की गई तो पता चला कि इनके पास जो लाइसेंस है, उसके हिसाब से यह फुटकर में बिक्री नहीं कर सकते हैं. मगर यहां पर फुटकर में शराब बेची जा रही थी. इससे यूपी सरकार के राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा था.
मुरादाबाद में पकड़ी गई शराब के लाइसेंस नंबर को गाजियाबाद में पकड़ी गई करोड़ों की शराब के लाइसेंस से मैच किया गया तो एक ही नंबर पाया गया. पूरे यूपी में शराब बेचकर राजस्व का चूना सरकार को लगाया जा रहा था. इस मामले में राजस्व की चोरी का मुकदमा पुलिस ने दर्ज कर लिया है. बिना सरकारी ड्यूटी अदा किए करोड़ों रुपए का माल यहां से भेजा जा रहा था.
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आबकारी अधिकारियों का कहना है कि एक्साइज एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है. आबकारी के साथ पुलिस भी मामले की जांच में जुटी हुई है. करोड़ों रुपए की शराब फुटकर में बरामद होना कई बड़े सवाल खड़े करता है. सभी शराब विदेशी हैं. ऐसे में इस एंगल पर भी जांच की जा रही है कि संबंधित लाइसेंस के विरुद्ध शराब बेचे जाने का मकसद किसी चुनावी कड़ी को तो नहीं जोड़ता.
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