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गाजियाबाद: होर्डिंग घोटाले पर बड़ा खुलासा, 10 प्राइवेट कंपनी को भेजा गया नोटिस

गाजियाबाद नगर निगम की ओर से पूरे शहर में विज्ञापन के लिए होर्डिंग लगाने का ठेका दिया जाता है, लेकिन इसकी कुछ शर्ते होती हैं. नियम के मुताबिक 30 प्रतिशत हिस्से पर सिर्फ सरकारी विज्ञापन ही लगाया जा सकता है. लेकिन प्राइवेट ठेका कंपनियों ने उस 30 प्रतिशत हिस्से पर भी प्राइवेट विज्ञापन लगा दिया.

Hoarding scam in Ghaziabad Municipal Corporation area
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Published : Jun 16, 2020, 1:19 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में सार्वजनिक जगह पर लगने वाले होर्डिंग्स को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है. इसके चलते होर्डिंग का ठेका लेने वाली 10 प्राइवेट कंपनियों को तीन करोड़ का नोटिस जारी किया गया है.

घोटाले से योगी सरकार को लगा करोड़ों का चूना


इस तरह हुआ घोटाला

गाजियाबाद नगर निगम की ओर से पूरे शहर में विज्ञापन के लिए होर्डिंग लगाने का ठेका दिया जाता है, लेकिन इसकी कुछ शर्ते होती हैं. नियम के मुताबिक 30 प्रतिशत हिस्से पर सिर्फ सरकारी विज्ञापन ही लगाया जा सकता है. लेकिन प्राइवेट ठेका कंपनियों ने उस 30 प्रतिशत हिस्से पर भी प्राइवेट विज्ञापन लगा दिया. इससे एक अनुमान के मुताबिक सरकार को करीब 3 करोड़ का नुकसान हुआ है. नगर निगम अब इस रकम को प्राइवेट कंपनी से वसूलने की तैयारी कर रहा है.

नगर निगम प्राइवेट ठेकेदारों को लेकर पहले भी इस तरह के घोटाले सामने आते रहे हैं और उनमें भी कार्रवाई की बात कही जाती रही है. लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से समय-समय पर ऐसे घोटाले सामने आते हैं. इसका नुकसान सरकार को होता है. लेकिन जड़ से इन समस्याओं को खत्म करने का कोई हल नहीं निकला जाता है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में सार्वजनिक जगह पर लगने वाले होर्डिंग्स को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है. इसके चलते होर्डिंग का ठेका लेने वाली 10 प्राइवेट कंपनियों को तीन करोड़ का नोटिस जारी किया गया है.

घोटाले से योगी सरकार को लगा करोड़ों का चूना


इस तरह हुआ घोटाला

गाजियाबाद नगर निगम की ओर से पूरे शहर में विज्ञापन के लिए होर्डिंग लगाने का ठेका दिया जाता है, लेकिन इसकी कुछ शर्ते होती हैं. नियम के मुताबिक 30 प्रतिशत हिस्से पर सिर्फ सरकारी विज्ञापन ही लगाया जा सकता है. लेकिन प्राइवेट ठेका कंपनियों ने उस 30 प्रतिशत हिस्से पर भी प्राइवेट विज्ञापन लगा दिया. इससे एक अनुमान के मुताबिक सरकार को करीब 3 करोड़ का नुकसान हुआ है. नगर निगम अब इस रकम को प्राइवेट कंपनी से वसूलने की तैयारी कर रहा है.

नगर निगम प्राइवेट ठेकेदारों को लेकर पहले भी इस तरह के घोटाले सामने आते रहे हैं और उनमें भी कार्रवाई की बात कही जाती रही है. लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से समय-समय पर ऐसे घोटाले सामने आते हैं. इसका नुकसान सरकार को होता है. लेकिन जड़ से इन समस्याओं को खत्म करने का कोई हल नहीं निकला जाता है.

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