ETV Bharat / city

Sawan 2022: घेवर के बिना अधूरा है सावन का त्याेहार

सावन महीने की बेहद खास मिठाई घेवर है. सावन आते की मिठाई की दुकानों पर घेवर नजर आने लगता है. सावन के महीने में जहां लोग बाजार से घेवर खरीदते हैं तो वहीं कई लोग घर में भी घेवर बनाते हैं.

घेवर
घेवर
author img

By

Published : Aug 1, 2022, 10:12 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सावन में मिठाई की दुकानाें में घेवर की बिक्री बढ़ जाती है. तरह-तरह के घेवर मिठाई की दुकान पर नजर आने लगते हैं. जिन लोगों को मीठे का परहेज है, उनके लिए बाजार में सादे घेवर भी उपलब्ध रहते हैं. वहीं जो मीठे के शौकीन हैं उनके लिए मलाई वाला घेवर उपलब्ध हाेता है. राउंड शेप वाला घेवर लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आता है.

घंटाघर स्थित जगदंबा स्वीट्स के मालिक विशाल बताते हैं कि घेवर सावन के महीने की मिठाई है. सावन में घेवर की काफी ज्यादा बिक्री होती है. सावन का महीना बरसात का महीना होता है. बरसात के महीने में नमी होने के चलते मिठाइयों में चिपचिपाहट हो जाती है लेकिन घेवर बरसात की नमी से खराब नहीं होता है. यही वजह है कि सावन के महीने में घेवर की मांग बढ़ जाती है.

दुकान में बिक्री के लिए रखा घेवर.
दुकान में बिक्री के लिए रखा घेवर.


सावन माह में बेटियों के घर घेवर भेजना काफी शुभ माना जाता है. लंबे समय से बेटियों के घर घेवर भेजने की परंपरा चली आ रही है. तीज-रक्षाबंधन पर जब भाई अपनी बहन के यहां सिंधारा या कोथली लेकर जाते हैं तो ऐसी मान्यता है कि वे घेवर लेकर जरूर जाते हैं. रक्षा बंधन के मौके पर बहनें भी मिठाई की जगह घेवर से मुंह मीठा करना ज्यादा पसंद करती हैं.

मलाई वाला घेवर.
मलाई वाला घेवर.

इसे भी पढ़ेंः टिप टिप बरसा पानी...'सावन' में झमाझम बारिश के बीच सुनिए भीगे-भीगे ये टॉप गाने

एक समय था जब घेवर मैदे में पानी डालकर घोल तैयार करके बनाया जाता था. लेकिन जैसे जैसे समय बदला, घेवर का स्वरूप भी बदल गया. आज घेवर के लिए घोल तैयार करते समय उसमें पानी की जगह दूध डाला जाता है. इसके अलावा केसरिया घेवर देसी घी और चीनी से मिलाकर तैयार किया जाता है. केसरिया घेवर कई दिनों तक खराब नहीं होता. इसके अलावा बाजार में एक मलाई घेवर भी बिकता है जिसमें खोए का प्रयोग किया जाता है. इन घेवरों में कई तरह के मेवा आदि का प्रयोग भी होता है.


ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सावन में मिठाई की दुकानाें में घेवर की बिक्री बढ़ जाती है. तरह-तरह के घेवर मिठाई की दुकान पर नजर आने लगते हैं. जिन लोगों को मीठे का परहेज है, उनके लिए बाजार में सादे घेवर भी उपलब्ध रहते हैं. वहीं जो मीठे के शौकीन हैं उनके लिए मलाई वाला घेवर उपलब्ध हाेता है. राउंड शेप वाला घेवर लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आता है.

घंटाघर स्थित जगदंबा स्वीट्स के मालिक विशाल बताते हैं कि घेवर सावन के महीने की मिठाई है. सावन में घेवर की काफी ज्यादा बिक्री होती है. सावन का महीना बरसात का महीना होता है. बरसात के महीने में नमी होने के चलते मिठाइयों में चिपचिपाहट हो जाती है लेकिन घेवर बरसात की नमी से खराब नहीं होता है. यही वजह है कि सावन के महीने में घेवर की मांग बढ़ जाती है.

दुकान में बिक्री के लिए रखा घेवर.
दुकान में बिक्री के लिए रखा घेवर.


सावन माह में बेटियों के घर घेवर भेजना काफी शुभ माना जाता है. लंबे समय से बेटियों के घर घेवर भेजने की परंपरा चली आ रही है. तीज-रक्षाबंधन पर जब भाई अपनी बहन के यहां सिंधारा या कोथली लेकर जाते हैं तो ऐसी मान्यता है कि वे घेवर लेकर जरूर जाते हैं. रक्षा बंधन के मौके पर बहनें भी मिठाई की जगह घेवर से मुंह मीठा करना ज्यादा पसंद करती हैं.

मलाई वाला घेवर.
मलाई वाला घेवर.

इसे भी पढ़ेंः टिप टिप बरसा पानी...'सावन' में झमाझम बारिश के बीच सुनिए भीगे-भीगे ये टॉप गाने

एक समय था जब घेवर मैदे में पानी डालकर घोल तैयार करके बनाया जाता था. लेकिन जैसे जैसे समय बदला, घेवर का स्वरूप भी बदल गया. आज घेवर के लिए घोल तैयार करते समय उसमें पानी की जगह दूध डाला जाता है. इसके अलावा केसरिया घेवर देसी घी और चीनी से मिलाकर तैयार किया जाता है. केसरिया घेवर कई दिनों तक खराब नहीं होता. इसके अलावा बाजार में एक मलाई घेवर भी बिकता है जिसमें खोए का प्रयोग किया जाता है. इन घेवरों में कई तरह के मेवा आदि का प्रयोग भी होता है.


ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.