ETV Bharat / city

गाजियाबाद: 2 अक्टूबर को गाजीपुर बॉर्डर का नाम रखा गया था 'किसान क्रांति गेट', जानिए पूरा मामला...

गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) का नाम 2 अक्टूबर 2018 को किसानों ने 'किसान क्रांति गेट' (Kisan Kranti Gate) रख दिया था. आखिर क्यों पड़ा 'किसान क्रांति गेट' नाम आइए जानते हैं.

Kisan Kranti Gate
Kisan Kranti Gate
author img

By

Published : Oct 2, 2021, 1:57 PM IST

Updated : Oct 2, 2021, 2:24 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: पिछले 10 महीने से जिस जगह पर किसानों का आंदोलन चल रहा है, उस जगह का नाम 2 अक्टूबर 2018 में किसानों ने 'किसान क्रांति गेट' (Kisan Kranti Gate) रख दिया था. किसानों ने बताया कि साल 2018 में 2 अक्टूबर के दिन ही किसान क्रांति गेट (Kisan Kranti Gate) पर किसानों के साथ बर्बरता हुई थी. इसलिए हर साल 2 अक्टूबर का दिन किसानों के लिए उस दिन की भयानक यादें भी लेकर आता है. आइए जानते हैं 2 अक्टूबर 2018 को किसान क्रांति गेट पर क्या हुआ था.

भारतीय किसान यूनियन (Bhatriya Kisan Union) के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह (Rajveer Singh) ने बताया कि 2 अक्टूबर 2018 को किसान क्रांति यात्रा (Kisan Kranti Yatra) यूपी गेट यानी गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर पहुंची थी. जहां किसानों के साथ बर्बरता हुई थी. जिसके बाद किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर का नाम बदलकर 'किसान क्रांति गेट' रख दिया.

2 अक्टूबर को गाजीपुर बॉर्डर का नाम रखा गया था 'किसान क्रांति गेट'

ये भी पढ़ें: कांग्रेस अपना कलेश छोड़, किसानों की मदद करे: अरविंद केजरीवाल

बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि 2 अक्टूबर 2018 के दिन किसान दिल्ली में बापू की समाधि पर जाना चाहते थे. किसान अपनी गन्ना और अन्य मांगों को लेकर दिल्ली जाने का प्रयास कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया. जिसमें कई किसान घायल हो गए थे. उस दिन को किसान कभी नहीं भूल पाए. इसलिए किसानों ने मिलकर यूपी गेट का नाम किसान क्रांति गेट रख दिया. तब से हर साल यूपी गेट पर 2 अक्टूबर के दिन पूजा अर्चना की जाती है.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ताजदार बाबर का निधन, लंबे समय से चल रही थीं बीमार

बता दें कि 2 अक्टूबर 2018 वाले दिन की याद में आज किसानों ने यूपी गेट पर उपवास भी रखा है. शुरुआत 5 किसानों से की गई थी लेकिन धीरे-धीरे अन्य किसान भी उपवास का हिस्सा बर रहे हैं. शाम तक यह उपवास चलेगा. किसानों का कहना है कि साल 2018 में जो आंदोलन किया गया था वह सफल हुआ था और उनकी मांगे मानी गई थीं. उन्हें उम्मीद है कि कृषि कानून के खिलाफ चल रहा उनका आंदोलन भी जरूर सफल होगा.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: पिछले 10 महीने से जिस जगह पर किसानों का आंदोलन चल रहा है, उस जगह का नाम 2 अक्टूबर 2018 में किसानों ने 'किसान क्रांति गेट' (Kisan Kranti Gate) रख दिया था. किसानों ने बताया कि साल 2018 में 2 अक्टूबर के दिन ही किसान क्रांति गेट (Kisan Kranti Gate) पर किसानों के साथ बर्बरता हुई थी. इसलिए हर साल 2 अक्टूबर का दिन किसानों के लिए उस दिन की भयानक यादें भी लेकर आता है. आइए जानते हैं 2 अक्टूबर 2018 को किसान क्रांति गेट पर क्या हुआ था.

भारतीय किसान यूनियन (Bhatriya Kisan Union) के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह (Rajveer Singh) ने बताया कि 2 अक्टूबर 2018 को किसान क्रांति यात्रा (Kisan Kranti Yatra) यूपी गेट यानी गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर पहुंची थी. जहां किसानों के साथ बर्बरता हुई थी. जिसके बाद किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर का नाम बदलकर 'किसान क्रांति गेट' रख दिया.

2 अक्टूबर को गाजीपुर बॉर्डर का नाम रखा गया था 'किसान क्रांति गेट'

ये भी पढ़ें: कांग्रेस अपना कलेश छोड़, किसानों की मदद करे: अरविंद केजरीवाल

बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि 2 अक्टूबर 2018 के दिन किसान दिल्ली में बापू की समाधि पर जाना चाहते थे. किसान अपनी गन्ना और अन्य मांगों को लेकर दिल्ली जाने का प्रयास कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया. जिसमें कई किसान घायल हो गए थे. उस दिन को किसान कभी नहीं भूल पाए. इसलिए किसानों ने मिलकर यूपी गेट का नाम किसान क्रांति गेट रख दिया. तब से हर साल यूपी गेट पर 2 अक्टूबर के दिन पूजा अर्चना की जाती है.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ताजदार बाबर का निधन, लंबे समय से चल रही थीं बीमार

बता दें कि 2 अक्टूबर 2018 वाले दिन की याद में आज किसानों ने यूपी गेट पर उपवास भी रखा है. शुरुआत 5 किसानों से की गई थी लेकिन धीरे-धीरे अन्य किसान भी उपवास का हिस्सा बर रहे हैं. शाम तक यह उपवास चलेगा. किसानों का कहना है कि साल 2018 में जो आंदोलन किया गया था वह सफल हुआ था और उनकी मांगे मानी गई थीं. उन्हें उम्मीद है कि कृषि कानून के खिलाफ चल रहा उनका आंदोलन भी जरूर सफल होगा.

Last Updated : Oct 2, 2021, 2:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.