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11वीं के स्टूडेंट ने बनाया ऐसा एप, पेरेंट्स को बताएगा बच्चों की प्रोग्रेस

यूं तो मार्केट में कई तरह के ऑनलाइन स्टडी एप (Online Study App) हैं, लेकिन गाजियाबाद (Ghaziabad) में 11वीं क्लास (11th Class) के स्टूडेंट (Student) ने जो एप (App) तैयार किया है, वह सबसे अलग है. यह एप बच्चों के पैरेंट्स (Parents) को इस बात से आगाह कर देगा कि बच्चे को किस सब्जेक्ट (Subject) में इंप्रूवमेंट (Improvement) की जरूरत है. दरअसल कोरोनाकाल (Corona Crisis) में ऑनलाइन स्टडी (Online Study) में कई तरह की मुश्किलें (Problems) समय बच्चों को आ रही हैं. इन्हीं परेशानियों को देखते हुए 11वीं के कृष ने साथी (Saathi) एप डेवलप (Develop) किया.

ghaziabad student krish bhatnagar develop app
ऑनलाइन स्टडी करने वालों के लिए बनाया ऐप
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Published : Jun 6, 2021, 5:53 PM IST

Updated : Jun 6, 2021, 9:06 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जीवन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है. इस कहावत को गाजियाबाद (Ghaziabad) के इंदिरापुरम में रहने वाले कृष भटनागर (Krish Bhatnagar) ने चरितार्थ किया है. एमिटी स्कूल की 11वीं कक्षा (11th Class) में पढ़ने वाले कृष (Krish) ने ऑनलाइन ट्यूटोरियल (online tutorial) के माध्यम से एक ऐप (App) डेवलप (Develop) किया है. इस एप का फायदा ऑनलाइन स्टडी (Online Study) करने वाले छात्र-छात्राओं को मिल सकता है. कृष (Krish) ने बताया कि उनके एप का नाम 'Saathi-An Interactive' App है. वैसे तो कई ऑनलाइन स्टडी एप (Online Study App) मौजूद हैं, मगर कृष का कहना है कि ये एप स्पेशली बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है.

ऑनलाइन स्टडी करने वालों के लिए बनाया एप.

बच्चों के वीक सेक्शन के बारे में जान पाएंगे पेरेंट्स

इस ऐप का इस्तेमाल करने से पहले पेरेंट्स (Parents) को एक फॉर्म भरना पड़ता है. थोड़े समय बाद बच्चे की स्टडी और फॉर्म में दी गई बातों की समीक्षा ये एप डिजिटल माध्यम से कर लेता है. इससे पेरेंट्स को पता चल जाता है कि उनका बच्चा किस सब्जेक्ट (Subject) या पर्टिकुलर एरिया में कमजोर है. इतना ही नही पेरेंट्स को ऐप के माध्यम से ये भी जानकारी मिल जाती है कि वे ऐप में मौजूद किस एक्सपर्ट (Expert) के माध्यम से बच्चे के कमजोर सब्जेक्ट (Week Subject) को स्ट्रांग कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: मिलिए 14 साल के आदर्श से, सीख चुके हैं दर्जन भर Computer Programming Course


थोड़ी सी मेहनत करके कोई भी स्टूडेंट बना सकता ऐप

खास बात ये भी है कि कृष ने इस एप को डेवलप करने की कोई ट्रेनिंग नहीं ली है. उन्होंने कोरोना काल में मिली छुट्टियों को पढ़ाई के अलावा भी यूटिलाइज किया. इस दौरान उन्होंने ऑनलाइन स्टडी करके लैपटॉप पर एप डिजाइन कर दिया. एप का यूजर इंटरफेस भी चिल्ड्रेन फ्रेंडली है, जो बच्चों को अपने यूनिक डिजाइन से स्टडी की तरफ आकर्षित करता है. उनका कहना है कि थोड़ी सी जानकारी और स्टडी से कोई भी स्टूडेंट ऐप डेवलप कर सकता है.

ये भी पढ़ें: ऑक्सीमीटर एप से सावधान, आपकी संवेदनशील डेटा हो सकती है चोरी


होमवर्क और नोट्स के लिए नहीं होना होगा परेशान

कृष ने ऐप को डेवलप करने के साथ-साथ कुछ एक्सपर्ट्स को भी अपने साथ जोड़ लिया है. इसके अलावा ऐप में होमवर्क और नोट्स तैयार करने का अलग सेक्शन है. ऑनलाइन क्लास मिस करने पर नोट्स शेयरिंग ऑप्शन से स्टूडेंट्स बिना किसी से संपर्क किए होमवर्क की जानकारी ले सकते हैं. कृष की इस उपलब्धि से उनकी मां को भी उन पर गर्व है.

स्पेशल चिल्ड्रन के लिए स्पेशल कलर्स

कृष ने इस एप में दूसरे एप की तुलना में स्पेशल चिल्ड्रन के लिए भी काफी फोकस किया है. कृष का कहना है कि एप के कलर्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे उस पर स्पेशल चाइल्ड भी आसानी से स्टडी कर सकते हैं. मुख्य रूप से ऑटिस्टिक स्टूडेंट्स को ध्यान में रखकर एप में इस फीचर को जोड़ा गया है.

ये भी पढ़ें: दक्षिणी दिल्ली के नीलगिरी अपार्टमेंट में ऐप से मिलती है एंट्री, आरडब्ल्यूए की अनोखी पहल


प्ले स्टोर पर ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन

कृष के पिता नोएडा की एक कंपनी में मैनेजर हैं और उनकी मां प्रियंका टीचर हैं. ऑनलाइन माध्यम से उन्होंने कुछ डिजिटल कंपटीशन में हिस्सा लिया है. इसके अलावा कुछ एनजीओ से भी कृष संपर्क बना चुके हैं. उन्हें उम्मीद है कि कंपटीशन में अगर उनका पायलट प्रोजेक्ट पसंद किया गया, तो किसी डेवलपर की मदद से वो अपने एप प्ले स्टोर पर ला सकते हैं. इसके लिए शुरुआती खर्च 10 से 15 हजार रुपये के बीच होगा, जिसमें एनजीओ भी उनकी मदद को तैयार हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जीवन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है. इस कहावत को गाजियाबाद (Ghaziabad) के इंदिरापुरम में रहने वाले कृष भटनागर (Krish Bhatnagar) ने चरितार्थ किया है. एमिटी स्कूल की 11वीं कक्षा (11th Class) में पढ़ने वाले कृष (Krish) ने ऑनलाइन ट्यूटोरियल (online tutorial) के माध्यम से एक ऐप (App) डेवलप (Develop) किया है. इस एप का फायदा ऑनलाइन स्टडी (Online Study) करने वाले छात्र-छात्राओं को मिल सकता है. कृष (Krish) ने बताया कि उनके एप का नाम 'Saathi-An Interactive' App है. वैसे तो कई ऑनलाइन स्टडी एप (Online Study App) मौजूद हैं, मगर कृष का कहना है कि ये एप स्पेशली बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है.

ऑनलाइन स्टडी करने वालों के लिए बनाया एप.

बच्चों के वीक सेक्शन के बारे में जान पाएंगे पेरेंट्स

इस ऐप का इस्तेमाल करने से पहले पेरेंट्स (Parents) को एक फॉर्म भरना पड़ता है. थोड़े समय बाद बच्चे की स्टडी और फॉर्म में दी गई बातों की समीक्षा ये एप डिजिटल माध्यम से कर लेता है. इससे पेरेंट्स को पता चल जाता है कि उनका बच्चा किस सब्जेक्ट (Subject) या पर्टिकुलर एरिया में कमजोर है. इतना ही नही पेरेंट्स को ऐप के माध्यम से ये भी जानकारी मिल जाती है कि वे ऐप में मौजूद किस एक्सपर्ट (Expert) के माध्यम से बच्चे के कमजोर सब्जेक्ट (Week Subject) को स्ट्रांग कर सकते हैं.

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थोड़ी सी मेहनत करके कोई भी स्टूडेंट बना सकता ऐप

खास बात ये भी है कि कृष ने इस एप को डेवलप करने की कोई ट्रेनिंग नहीं ली है. उन्होंने कोरोना काल में मिली छुट्टियों को पढ़ाई के अलावा भी यूटिलाइज किया. इस दौरान उन्होंने ऑनलाइन स्टडी करके लैपटॉप पर एप डिजाइन कर दिया. एप का यूजर इंटरफेस भी चिल्ड्रेन फ्रेंडली है, जो बच्चों को अपने यूनिक डिजाइन से स्टडी की तरफ आकर्षित करता है. उनका कहना है कि थोड़ी सी जानकारी और स्टडी से कोई भी स्टूडेंट ऐप डेवलप कर सकता है.

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होमवर्क और नोट्स के लिए नहीं होना होगा परेशान

कृष ने ऐप को डेवलप करने के साथ-साथ कुछ एक्सपर्ट्स को भी अपने साथ जोड़ लिया है. इसके अलावा ऐप में होमवर्क और नोट्स तैयार करने का अलग सेक्शन है. ऑनलाइन क्लास मिस करने पर नोट्स शेयरिंग ऑप्शन से स्टूडेंट्स बिना किसी से संपर्क किए होमवर्क की जानकारी ले सकते हैं. कृष की इस उपलब्धि से उनकी मां को भी उन पर गर्व है.

स्पेशल चिल्ड्रन के लिए स्पेशल कलर्स

कृष ने इस एप में दूसरे एप की तुलना में स्पेशल चिल्ड्रन के लिए भी काफी फोकस किया है. कृष का कहना है कि एप के कलर्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे उस पर स्पेशल चाइल्ड भी आसानी से स्टडी कर सकते हैं. मुख्य रूप से ऑटिस्टिक स्टूडेंट्स को ध्यान में रखकर एप में इस फीचर को जोड़ा गया है.

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प्ले स्टोर पर ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन

कृष के पिता नोएडा की एक कंपनी में मैनेजर हैं और उनकी मां प्रियंका टीचर हैं. ऑनलाइन माध्यम से उन्होंने कुछ डिजिटल कंपटीशन में हिस्सा लिया है. इसके अलावा कुछ एनजीओ से भी कृष संपर्क बना चुके हैं. उन्हें उम्मीद है कि कंपटीशन में अगर उनका पायलट प्रोजेक्ट पसंद किया गया, तो किसी डेवलपर की मदद से वो अपने एप प्ले स्टोर पर ला सकते हैं. इसके लिए शुरुआती खर्च 10 से 15 हजार रुपये के बीच होगा, जिसमें एनजीओ भी उनकी मदद को तैयार हैं.

Last Updated : Jun 6, 2021, 9:06 PM IST
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