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माता-पिता के संघर्षों को मिला सफलता का गहना, बेटी साक्षी ने जीता तीरंदाजी में रजत

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Published : Aug 19, 2021, 10:59 PM IST

गाजियाबाद की रहने वाली साक्षी चौधरी ने पोलैंड में हुई युवा आर्चरी चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है. इसके लिये परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. साक्षी के प्रशिक्षण के लिए मां को गहने तक बेचने पड़े.

साक्षी चौधरी ने पोलैंड सिल्वर मेडल जीता
साक्षी चौधरी ने पोलैंड सिल्वर मेडल जीता

नई दिल्ली/गाजियाबादः परिवार के साथ देश का नाम दुनिया में रोशन करने वाली बेटी साक्षी चौधरी पोलैंड से वापस घर लौट आई है. यहां हुई युवा आर्चरी चैंपियनशिप में साक्षी चौधरी ने सिल्वर मेडल जीता है. इस मुकाम तक पहुंचने की साक्षी की कहानी बेहद चुनौती भरी है. तीरंदाजी सीखने के लिए, जिस तीर-कमान की आवश्यकता होती है, उसे खरीदने के लिए साक्षी की मां को गहने बेचने पड़े थे.



साक्षी 18 अगस्त को गाजियाबाद के चिरंजीव विहार स्थित पहुंची. उन्होंने गुरुवार को मीडिया से बातचीत की. उनके पिता जितेंद्र चौधरी ने बताया कि साक्षी की रुचि पहले बैडमिंटन में थी, लेकिन एक परिचित के पास एक बार तीर-कमान देखा. बस फिर क्या था, साक्षी ने निशाना साध दिया. साक्षी का निशाना अचूक लगा. इसके बाद परिचित ने सलाह दी कि साक्षी को तीरंदाजी करनी चाहिए.

साक्षी चौधरी ने पोलैंड सिल्वर मेडल जीता

फिलहाल साक्षी 12वीं क्लास में पढ़ती है. परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी. साक्षी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. तीरंदाजी की ट्रेनिंग लेने के लिए मां को गहने तक बेचने पड़े. तीरंदाजी की ट्रेनिंग लेने के बाद साक्षी पोलैंड में युवा आर्चरी चैंपियनशिप में भागीदार बनी और सबका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. उन्हें यहां सिल्वर मेडल मिला. अब हर कोई साक्षी की, इस उपलब्धी पर गर्व कर रहा है. अब साक्षी एशियन गेम्स की तैयारी करना चाह रही हैं.

ये भी पढ़ें-आजादी के लिए खूब लड़ी थी ये क्रांतिकारी भाभी, अंग्रेज गवर्नर पर चला दी थी गोली

ये भी पढ़ें-बाजार में बहुत कम बिक रही राखियां, आर्थिक संकट से जूझ रहे व्यापारी

नई दिल्ली/गाजियाबादः परिवार के साथ देश का नाम दुनिया में रोशन करने वाली बेटी साक्षी चौधरी पोलैंड से वापस घर लौट आई है. यहां हुई युवा आर्चरी चैंपियनशिप में साक्षी चौधरी ने सिल्वर मेडल जीता है. इस मुकाम तक पहुंचने की साक्षी की कहानी बेहद चुनौती भरी है. तीरंदाजी सीखने के लिए, जिस तीर-कमान की आवश्यकता होती है, उसे खरीदने के लिए साक्षी की मां को गहने बेचने पड़े थे.



साक्षी 18 अगस्त को गाजियाबाद के चिरंजीव विहार स्थित पहुंची. उन्होंने गुरुवार को मीडिया से बातचीत की. उनके पिता जितेंद्र चौधरी ने बताया कि साक्षी की रुचि पहले बैडमिंटन में थी, लेकिन एक परिचित के पास एक बार तीर-कमान देखा. बस फिर क्या था, साक्षी ने निशाना साध दिया. साक्षी का निशाना अचूक लगा. इसके बाद परिचित ने सलाह दी कि साक्षी को तीरंदाजी करनी चाहिए.

साक्षी चौधरी ने पोलैंड सिल्वर मेडल जीता

फिलहाल साक्षी 12वीं क्लास में पढ़ती है. परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी. साक्षी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. तीरंदाजी की ट्रेनिंग लेने के लिए मां को गहने तक बेचने पड़े. तीरंदाजी की ट्रेनिंग लेने के बाद साक्षी पोलैंड में युवा आर्चरी चैंपियनशिप में भागीदार बनी और सबका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. उन्हें यहां सिल्वर मेडल मिला. अब हर कोई साक्षी की, इस उपलब्धी पर गर्व कर रहा है. अब साक्षी एशियन गेम्स की तैयारी करना चाह रही हैं.

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