नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में मंगलवार को हुई 45 लाख रुपए की लूट मामले में नया मोड़ आ गया है. अभी तक की जानकारी के मुताबिक यह मामला लूट का नजर नहीं आ रहा है. पुलिस ने कुछ लोगों को मामले में हिरासत में लिया है. आपसी लेन-देन के चक्कर में लूट की झूठी कहानी पुलिस को बताई जाने का शक है. इस मामले में कोई बाहरी आरोपी शामिल नहीं है.
आपको बता दें कि मंगलवार को गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र के आरडीसी इलाके में चावल कारोबारी से 45 लाख की लूट की सूचना पुलिस को मिली थी. कारोबारी आनंद ने बताया था कि वह अपने साथी के साथ एक दफ्तर में आए हुए थे. जहां पर एक प्रॉपर्टी का सौदा हो रहा था. यहां उनसे गन प्वांइट पर मारपीट करके 45 लाख रुपए लूट लिए गए थे. पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो अलग अलग तथ्य सामने आए हैं.
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मौके पर पहुंचे आईजी प्रवीण कुमार ने भी मामले को बारीकी से समझा. उनका कहना है कि यह मामला लूट से कुछ अलग नजर आ रहा है. पीड़ित के पास 57 लाख रुपये मौजूद हैं. आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि यह मामला ट्रांजेक्शन में गड़बड़ी का लग रहा है. मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. आज पुलिस इस मामले में खुलासा कर सकती है.
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पुलिस की जांच में कई बातें सामने आई हैं. जिसमें एक यह है कि पीड़ित चेन्नई का रहने वाला है और यहां पर एक करोड़ रुपए कैश लेकर आया था. जिसमें से 45 लाख रुपए की लूट हो गई. सवाल यह है कि अगर लुटेरों ने किसी वारदात को अंजाम दिया तो सिर्फ 45 लाख ही लूट कर क्यों फरार हुए होंगे?
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मामले में अन्य भी कई सवाल उठ रहे हैं. जिनका जवाब पुलिस के पास नहीं है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आपसी लेन-देन में झगड़े के मामले को लूट का दर्शाकर हड़कंप मचाया गया है.