नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद के पॉश इलाके वसुंधरा में 27 जून को हुई लूट हो गई थी. घर से लुटेरे परिवार को बंधक बनाकर कीमती सामान गहने और कैश लेकर फरार हो गए थे. लुटेरों की संख्या दो थी. पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई थी, लेकिन कोई पहचान नहीं हो पा रही थी. सीसीटीवी फुटेज में दिखाई जरूर दिए थे. मगर पता नहीं चल रहा था कि लुटेरे कौन हैं.
ऐसे में पुलिस ने बारीकी से मामले की जांच पड़ताल शुरू की. सीसीटीवी में पुलिस को एक लुटेरे के जूते नजर आए. उन्हीं जूतों के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया. सैकड़ों फेसबुक अकाउंट खंगाले गए. इसी दौरान पुलिस को लुटेरों के जूते फेसबुक अकाउंट पर मौजूद एक प्रोफाइल के फोटो में दिख रहे व्यक्ति के जूतों से मिलता जुलता था. उसका नाम प्रतीक था. पुलिस प्रतीक तक पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस के मुताबिक जांच में उन्हें एक संदिग्ध फोन नंबर मिला था. उस फोन नंबर पर इस्तेमाल हो रहे व्हाट्सएप पर जो डीपी लगा हुआ था वह भी प्रतीक का था. इससे फेसबुक पर मौजूद फोटो और प्रतीक की फोटो को टैली करने में आसानी हुई और मुख्य रूप से जूतों पर पुलिस का ध्यान आकर्षित हुआ. क्योंकि सीसीटीवी में सबसे ज्यादा क्लियर जूते ही नजर आ रहे थे.
प्रतीक से पूछताछ में उसके साथी कबीर का नाम भी सामने आ गया. दोनों ने नौकरी छोड़ कर जल्दी अमीर बनने का सपना देखा था. इसलिए लूटपाट करने लगे. लूटपाट का प्लान भी फुलप्रूफ था, लेकिन जूतों ने पकड़वा दिया. पुलिस ने आरोपियों से लूटा हुआ सामान बरामद कर लिया है. फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है.
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