नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा जिला मुख्यालय के बाहर कोरोना काल में जारी निजी स्कूलों की लूट पर केंद्र और प्रदेश सरकार की चुप्पी तोड़ने के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया. इसमें गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारी समेत जिले के विभिन्न क्षेत्रों के अभिभावक यज्ञ में शामिल हुए.
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मांग है कि कोरोना काल में लगभग 18 महीने से भी ज्यादा समय से बंद रहे. प्रदेश के निजी स्कूलों की फीस ऑनलाइन शिक्षा के आधार पर निर्धारित कर निजी स्कूलों द्वारा वसूली गई. पूरी फीस से ऑनलाइन शिक्षा की निर्धारित फीस वापस करने का आदेश पारित किया जाए. साथ ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया जाए.
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गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की मांग है कि प्रदेश में सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त ज्यादा से ज्यादा सरकारी स्कूल खोले जाएं. जिससे कि प्रदेश के अभिभावकों को इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूलों में बच्चों को भेजने का विकल्प मिल सके और निजी स्कूलों पर निर्भरता कम हो सके.
वहीं गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा बीते 10 सालों से लगातार अभिभावकों की आवाज उठाई जा रही है. कोरोना काल के दौरान अभिभावक आर्थिक रूप से कमजोर हुए हैं. कोरोना काल के दौरान निजी स्कूलों का खर्चा घटकर 10 पर्सेंट रह गया है. लेकिन फिर भी निजी स्कूलों द्वारा सौ फीसदी फीस वसूली जा रही है. आर्थिक तंगी की मार झेल रहे अभिभावक फीस का भी बोझ उठा रहे हैं. लंबे समय से हम मांग कर रहे हैं की ऑनलाइन क्लास के आधार पर निजी स्कूलों द्वारा फीस निर्धारित की जाए.
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अनिल सिंह ने बताया कि गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन इसी को लेकर लंबे समय से आवाज उठा रही है. प्रशासन से लेकर सरकार तक एसोसिएशन ने अभिभावकों की आवाज पहुंचाई है लेकिन अभिभावकों की मांगों को लेकर सरकार ना ही प्रशासन द्वारा कोई सकारात्मक कदम उठाया गया है. जब तक मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तब तक गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन का संघर्ष जारी रहेगा.