नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: सितंबर का महीना शुरू होते ही गाज़ियाबाद में प्रदूषण कहर बरपाना हो जाता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स अत्यंत खराब और गम्भीर श्रेणी में पहुँच जाता है, जिसकी वजह से शहर वासियों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसी को देखते हुए नगर निगम ने शहर में डेढ़ लाख पौधे लगाने का प्लान तैयार किया है. जिसमें से 42 हज़ार पौधे मियावकी तकनीत से लगाए जा चुके हैं.
मॉनसून के दौरान पौधारोपण का लक्ष्य पूरा
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया शासन की ओर से 97 हज़ार पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है. नगर निगम की तरफ से डेढ़ लाख पौधे लगाने का माइक्रो प्लान शासन को भेजा गया है. शहरी क्षेत्र में सिटी फारेस्ट डेवेलप करने का काम चल रहा है. साई उपवन के पास खाली पड़ी ज़मीन पर सिटी फारेस्ट डेवेलप किया जा रहा है. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में 1250 पार्कों में से 500 पार्क को चिन्हित किया गया है. चिन्हित किये गए पार्कों में ग्रासिंग (Grassing) और पौधारोपण (Plantation) कर मानसून से पहले डेवेलप किया जाएगा. निगम का प्रयास है कि मॉनसून के दौरान पौधारोपण का लक्ष्य पूरा कर लिया जाए.
ये भी पढ़ें: Delhi: AIIMS में 6-12 तक के बच्चों के टीकाकरण के लिए आज होगी स्क्रीनिंग
मियावाकि पद्यति का प्रयोग
महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि शहरी क्षेत्र में तमाम हरित पट्टी (Green Belts) और डिवाइडर (Central Verge) पर भी पौधरोपण किया जाएगा. इसके साथ ही शहर के दो स्थानों पर मियावकी पद्यति के तहत पौधरोपण किया जा रहा है. मियावकी पद्यति से 42 हज़ार पौधे लगाए गए हैं. निगम का प्रयास है कि पौधरोपण में आम जनता की भागीदारी बढ़े. आम जनता को पौधरोपण अभियान में ज्यादा से ज्यादा सहयोग करने की अपील की जा रही है.
क्या है मियावकी तकनीक
मियावाकी एक जापानी वृक्षारोपण तकनीक है, जो पर्यावरण विशेषज्ञ अकीरा मियावाकी की देन है. इसमें शहर के बीच छोटे जंगल विकसित किए जाते हैं. इस तकनीक की खास बात ये है कि इस विधि से लगाए गए पौधों की ग्रोथ अन्य पौधों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा होती है.