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गाजियाबाद: रैन बसेरों में बेघर लोगों के लिए खाने-पीने-रहने की पूरी व्यवस्था - gaziabad news

दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद में रैन बसेरों को लॉकडाउन के दौरान आश्रय स्थलों में तब्दील कर दिया गया है.जहां लोगों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की जा रही है.

Ghaziabad district, rain shelters  converted into shelters during lockdown.
गाजियाबाद के रैन बसेरे
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Published : Apr 2, 2020, 11:17 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद में रैन बसेरों को लॉकडाउन के दौरान आश्रय स्थलों में तब्दील कर दिया गया है. इन रैन बसेरों में उन लोगों को पहुंचाया जा रहा है, जिनके पास अपना आशियाना नहीं है. इन लोगों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था भी की जा रही है.

लॉकडाउन के दौरान रैन बसेरों कोआश्रय स्थलों में तब्दील कर दिया गया है.

रुपए मांगने पर करें शिकायत

साहिबाबाद के आश्रय स्थल की संचालिका ने बताया कि यहां 66 लोगों को रखा गया है. जिनमें से 15 महिलाएं हैं. सभी के लिए खाने पीने की मुफ्त व्यवस्था है. जो लोग रोड पर हैं, वे आश्रय स्थल में आकर रह सकते हैं. इन आश्रय स्थलों में अगर कोई रुपए मांगता है, तो उसकी शिकायत जिला प्रशासन से की जा सकती है.

जो जहां है वहीं रहे

सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि जो इस समय जहां है वही रहे. इसलिए हर तरह से लोगों को सुविधा देने की कोशिश की जा रही है. उसी कड़ी में ऐसे रैन बसेरे काफी कारगर साबित हो रहे हैं. गाजियाबाद के 10 रैन बसेरों को इस तरह के आश्रय स्थलों में तब्दील किया गया है. आमतौर पर इन रैन बसेरों को हमने सर्दी की रातों में देखा है, जहां लोग सर्द रातों में रहते हैं.

150 से ज्यादा ठहरने की व्यवस्था

रैन बसेरे में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों के ठहरने की व्यवस्था हो सकती है. सर्दी के मौसम में रात में रहने की व्यवस्था इन रैन बसेरों में देखी जाती है. लेकिन इस समय इन रैन बसेरों में 24 घंटे की व्यवस्था की जा रही है. जिसमें खाने-पीने और रहने का इंतजाम पूरी तरह से शामिल है.

सैनिटाइजेशन के बाद एंट्री

हर आने वाले व्यक्ति को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है और जहां पर उसे ठहरना है, उस जगह को भी सैनेटाइज किया जा रहा है. इसके अलावा समय-समय पर इस रैन बसेरे को सैनेटाइजन किया जा रहा है. पुलिस भी इस रैन बसेरे पर तैनात है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद में रैन बसेरों को लॉकडाउन के दौरान आश्रय स्थलों में तब्दील कर दिया गया है. इन रैन बसेरों में उन लोगों को पहुंचाया जा रहा है, जिनके पास अपना आशियाना नहीं है. इन लोगों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था भी की जा रही है.

लॉकडाउन के दौरान रैन बसेरों कोआश्रय स्थलों में तब्दील कर दिया गया है.

रुपए मांगने पर करें शिकायत

साहिबाबाद के आश्रय स्थल की संचालिका ने बताया कि यहां 66 लोगों को रखा गया है. जिनमें से 15 महिलाएं हैं. सभी के लिए खाने पीने की मुफ्त व्यवस्था है. जो लोग रोड पर हैं, वे आश्रय स्थल में आकर रह सकते हैं. इन आश्रय स्थलों में अगर कोई रुपए मांगता है, तो उसकी शिकायत जिला प्रशासन से की जा सकती है.

जो जहां है वहीं रहे

सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि जो इस समय जहां है वही रहे. इसलिए हर तरह से लोगों को सुविधा देने की कोशिश की जा रही है. उसी कड़ी में ऐसे रैन बसेरे काफी कारगर साबित हो रहे हैं. गाजियाबाद के 10 रैन बसेरों को इस तरह के आश्रय स्थलों में तब्दील किया गया है. आमतौर पर इन रैन बसेरों को हमने सर्दी की रातों में देखा है, जहां लोग सर्द रातों में रहते हैं.

150 से ज्यादा ठहरने की व्यवस्था

रैन बसेरे में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों के ठहरने की व्यवस्था हो सकती है. सर्दी के मौसम में रात में रहने की व्यवस्था इन रैन बसेरों में देखी जाती है. लेकिन इस समय इन रैन बसेरों में 24 घंटे की व्यवस्था की जा रही है. जिसमें खाने-पीने और रहने का इंतजाम पूरी तरह से शामिल है.

सैनिटाइजेशन के बाद एंट्री

हर आने वाले व्यक्ति को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है और जहां पर उसे ठहरना है, उस जगह को भी सैनेटाइज किया जा रहा है. इसके अलावा समय-समय पर इस रैन बसेरे को सैनेटाइजन किया जा रहा है. पुलिस भी इस रैन बसेरे पर तैनात है.

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