नई दिल्ली/गाजियाबाद: बीती दो जून को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में पकड़े गए दो संदिग्ध काशिफ और विपुल से पूछताछ के बाद पकड़े गए तीसरे आरोपी सलीमुद्दीन को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. सलीमुद्दीन को सोमवार शाम जमानत पर डासना जेल से रिहा कर दिया गया है. सलीमुद्दीन पर आरोप था कि उसने ही विपुल को डासना देवी मंदिर में घुसने के लिए उकसाया था. विपुल और काशिफ रिश्तेदार बताए जाते हैं. दोनों पर आरोप था कि वे मंदिर में संदिग्ध दवाइयां और सर्जिकल ब्लेड लेकर घुसे थे. इसके बाद मंदिर के लोगों ने, उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया और बाद में दोनों जेल चले गए.
जेल में काशिफ और विपुल से हुई पूछताछ
दोनों से जेल में एटीएस द्वारा हुई. पूछताछ में सलीमुद्दीन का नाम सामने आया था. जिसके बाद करीब 11 दिन पहले सलीमुद्दीन की गिरफ्तारी हुई थी. मगर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है. जेल से बाहर आने के बाद सलीमुद्दीन ने कि वो एक इंस्टिट्यूट चलाता है. सलीमुद्दीन ने बताया कि विपुल उसका स्टूडेंट था.
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सलीमुद्दीन का आरोपों से इनकार
विपुल ने सलीमुद्दीन से कहा था कि वो मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती से मिलना चाहता है. सलीमुद्दीन ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उसने विपुल को मंदिर में जाने से मना किया था.
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धर्मांतरण से भी जुड़ा है मामला
जब डासना देवी मंदिर में दो संदिग्ध पकड़े गए थे तब से यह मामला काफी गरम है. मंदिर के महंत ने आज बयान जारी करके यह भी कहा है कि मामले के तार धर्मांतरण वाले मामले से भी जुड़े हुए हैं. मंदिर में पकड़े गए दोनों आरोपियों ने अपनी पहचान भी गलत बताई थी.
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