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गाजियाबाद: रेप के आरोपी को कोर्ट ने 23 दिन के अंदर सुनाई फांसी की सजा - ढाई साल की बच्ची के रेप के बाद हत्या मामला

गाजियाबाद कोर्ट ने ढाई साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या के मामले में आरोपी को सजा ए मौत की सजा सुनाई गई है.

Ghaziabad court gave death verdict in a rape case with in 23 days
ढाई साल की बच्ची के रेप के बाद हत्या मामले में आरोपी को मिली सजाए मौत की सजा
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Published : Jan 20, 2021, 3:44 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 10:12 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद कोर्ट ने कवि नगर में हुए ढाई साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में दोषी चंदन को फांसी की सजा सुनाई है. गाजियाबाद कोर्ट का ये ऐतिहासिक फैसला इसलिए भी सुर्खियों में है, क्योंकि मुकदमा शुरू होने के 1 महीने से कम समय में ही आरोपी को दोषी माना गया और बच्ची के परिवार को इंसाफ मिला. महज 20 सुनवाई के भीतर ही कोर्ट में 10 गवाह पेश किए गए थे. जिनके आधार पर चंदन नाम के आरोपी को दोषी माना गया था. आज कोर्ट ने चंदन को सजा-ए-मौत मुकर्रर की है.

जल्दी इंसाफ बना नजीर
कहते हैं अगर इंसाफ देरी से मिले, तो वो इंसाफ ना मिलने जैसा होता है. हमारे देश की विडंबना ये है कि इंसाफ को पाने के लिए पीड़ितों को वर्षों तक कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं लेकिन जब वक्त पर इंसाफ होता है, तो कानून में आस्था और बढ़ती है. ये मामला इसी बात का उदाहरण पेश करता है.
23 दिन के अंदर सुनाई गई फांसी की सजा
ऊपरी अदालत का रास्ता
हालांकि दोषी चंदन के लिए अभी ऊपरी अदालत का रास्ता खुला हुआ है. बता दें चंदन पर आरोप था कि उसने अपने दोस्त की ढाई साल की बेटी को अगवा करके उसका रेप किया था. इसके बाद लाश को कविनगर की झाड़ियों में ठिकाने लगा दिया था.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद कोर्ट ने कवि नगर में हुए ढाई साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में दोषी चंदन को फांसी की सजा सुनाई है. गाजियाबाद कोर्ट का ये ऐतिहासिक फैसला इसलिए भी सुर्खियों में है, क्योंकि मुकदमा शुरू होने के 1 महीने से कम समय में ही आरोपी को दोषी माना गया और बच्ची के परिवार को इंसाफ मिला. महज 20 सुनवाई के भीतर ही कोर्ट में 10 गवाह पेश किए गए थे. जिनके आधार पर चंदन नाम के आरोपी को दोषी माना गया था. आज कोर्ट ने चंदन को सजा-ए-मौत मुकर्रर की है.

जल्दी इंसाफ बना नजीर
कहते हैं अगर इंसाफ देरी से मिले, तो वो इंसाफ ना मिलने जैसा होता है. हमारे देश की विडंबना ये है कि इंसाफ को पाने के लिए पीड़ितों को वर्षों तक कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं लेकिन जब वक्त पर इंसाफ होता है, तो कानून में आस्था और बढ़ती है. ये मामला इसी बात का उदाहरण पेश करता है.
23 दिन के अंदर सुनाई गई फांसी की सजा
ऊपरी अदालत का रास्ता
हालांकि दोषी चंदन के लिए अभी ऊपरी अदालत का रास्ता खुला हुआ है. बता दें चंदन पर आरोप था कि उसने अपने दोस्त की ढाई साल की बेटी को अगवा करके उसका रेप किया था. इसके बाद लाश को कविनगर की झाड़ियों में ठिकाने लगा दिया था.
Last Updated : Feb 17, 2021, 10:12 AM IST

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