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नाइजीरिया से केमिकल वेंडर्स को ठगने वाले गैंग का पर्दाफाश, देश की सुरक्षा से कर रहा था खिलवाड़

गाजियाबाद पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने नाइजीरिया से केमिकल वेंडर्स को ठगने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. आगे की जांच पुलिस कर रही है.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
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Published : Apr 10, 2022, 10:09 PM IST

नई दिल्ली/ गाजियाबाद : जनपद में केमिकल सप्लाई करने के नाम पर चार करोड़ की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें नाइजीरियाई गैंग का नाम भी सामने आया है. फिलहाल मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. इनमें से एक मुख्य आरोपी है. आरोपी के 12 से ज्यादा खातों के बारे में पता चला है, जिसमें ठगी की रकम ट्रांसफर करवाई जाती थी.

इंदिरापुरम में साइबर सेल के इंचार्ज क्षेत्राधिकारी अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि सुरेंद्र नाम के एक आरोपी और उसके दो साथियों की गिरफ्तारी की गई है. इस पर इंदिरापुरम और मधुबन बापूधाम थाने में मुकदमा दर्ज है. आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों से आधार कार्ड भी बनवाया हुआ है. आरोपी का गैंग केमिकल वेंडर्स को फोन करके कहता था कि उसे केमिकल खरीदना है. वेंडर को बताया जाता था कि वह विदेश से बात कर रहा है. फर्जी नंबर से यह फोन कॉल किया जाता था. इसके बाद केमिकल की डिलीवरी से पहले ऑनलाइन खाते के माध्यम से रकम देने की बात कहते थे. इसी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान केमिकल वेंडर से लिंक पर क्लिक करवाकर या एक की ट्रांजैक्शन करवाने के नाम पर उसी के अकाउंट से रुपए उड़ा लिए जाते थे. इस काम को नाइजीरिया में बैठे हुए नाइजीरियाई ठग करते थे. अब तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी. हालांकि, भारत में इस गैंग को मुख्य आरोपी सुरेंद्र संभालता था.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
सुरेंद्र के साथ जो उसके बाकी के साथी पकड़े गए हैं, उनका काम फर्जी दस्तावेजों पर आधार कार्ड तैयार करना होता था. इसके बारे में यह पता चला है कि हजारों की नगदी लेकर अन्य लोगों का भी फर्जी आधार कार्ड बनाया गया है. जाहिर है देश की सुरक्षा से भी यह गैंग खिलवाड़ कर रहा था. नाइजीरियाई ठगों के इशारे पर यह पूरा काम हो रहा था, जो एक बड़ा खतरा हो सकता था. हालांकि, पुलिस के सामने चुनौती यह है कि नाइजीरिया के आरोपियों को पुलिस कैसे गिरफ्तार करेगी.

नई दिल्ली/ गाजियाबाद : जनपद में केमिकल सप्लाई करने के नाम पर चार करोड़ की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें नाइजीरियाई गैंग का नाम भी सामने आया है. फिलहाल मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. इनमें से एक मुख्य आरोपी है. आरोपी के 12 से ज्यादा खातों के बारे में पता चला है, जिसमें ठगी की रकम ट्रांसफर करवाई जाती थी.

इंदिरापुरम में साइबर सेल के इंचार्ज क्षेत्राधिकारी अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि सुरेंद्र नाम के एक आरोपी और उसके दो साथियों की गिरफ्तारी की गई है. इस पर इंदिरापुरम और मधुबन बापूधाम थाने में मुकदमा दर्ज है. आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों से आधार कार्ड भी बनवाया हुआ है. आरोपी का गैंग केमिकल वेंडर्स को फोन करके कहता था कि उसे केमिकल खरीदना है. वेंडर को बताया जाता था कि वह विदेश से बात कर रहा है. फर्जी नंबर से यह फोन कॉल किया जाता था. इसके बाद केमिकल की डिलीवरी से पहले ऑनलाइन खाते के माध्यम से रकम देने की बात कहते थे. इसी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान केमिकल वेंडर से लिंक पर क्लिक करवाकर या एक की ट्रांजैक्शन करवाने के नाम पर उसी के अकाउंट से रुपए उड़ा लिए जाते थे. इस काम को नाइजीरिया में बैठे हुए नाइजीरियाई ठग करते थे. अब तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी. हालांकि, भारत में इस गैंग को मुख्य आरोपी सुरेंद्र संभालता था.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
सुरेंद्र के साथ जो उसके बाकी के साथी पकड़े गए हैं, उनका काम फर्जी दस्तावेजों पर आधार कार्ड तैयार करना होता था. इसके बारे में यह पता चला है कि हजारों की नगदी लेकर अन्य लोगों का भी फर्जी आधार कार्ड बनाया गया है. जाहिर है देश की सुरक्षा से भी यह गैंग खिलवाड़ कर रहा था. नाइजीरियाई ठगों के इशारे पर यह पूरा काम हो रहा था, जो एक बड़ा खतरा हो सकता था. हालांकि, पुलिस के सामने चुनौती यह है कि नाइजीरिया के आरोपियों को पुलिस कैसे गिरफ्तार करेगी.
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