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खाना खाने के बाद पुलिस नहीं देती पैसा, दुकानदारों ने SSP से की शिकायत - खाद्य विक्रेताओं ने SSP से की शिकायत

गाजियाबाद में खाद्य विक्रेताओं ने SSP को पत्र लिख पुलिसकर्मियों द्वारा खाना मंगवाने के बाद पैसा न देना का आरोप लगाया है.

खाद्य विक्रेताओं ने SSP से की शिकायत
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Published : Nov 15, 2019, 12:57 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: खाद्य विक्रेताओं ने गाजियाबाद पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन ऑफ फूड ऑपरेटर के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने गाजियाबाद एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को पत्र लिख कर गाजियाबाद पुलिस की शिकायत कर दी है.

खाना खाने के बाद पुलिस नहीं देती पैसा

'पुलिसकर्मी मुफ्त में मंगवाते हैं खाना'
एसएसपी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि थानों और चौकियों से फोन कर मुफ्त में पुलिसकर्मियों द्वारा खाना मंगाया जाता है. साथ ही थानों और चौकियों में आयोजित समारोह में मंगाए गए खाने और स्नैक्स का भुगतान भी नहीं किया जाता है. हाल ही में संपन्न दिवाली महोत्सव के दौरान शहर की कई मशहूर मिठाई की दुकानों से गाजियाबाद के सभी थाना अध्यक्षों के नाम से मिठाई और ड्राई फ्रूट के कई सो डिब्बे मुफ्त अथवा आधे दामों में मंगवाए गए थे जिनका भुगतान अभी तक बकाया है.

food traders opened front against Ghaziabad police freebies
खाद्य विक्रेताओं ने SSP को लिखा पत्र

'पुलिस देती है फर्जी मामले में फंसाने की धमकी'
अनिल कुमार गुप्ता ने पत्र में लिखा है कि यदि खाद्य व्यवसाई मुफ्त में खाना या मिठाई देने से मना कर देते हैं तो पुलिस वाले उन्हें फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी देते हैं. और दुकान पर आए ग्राहकों को भी परेशान करते हैं क्योंकि व्यापारी वर्ग थाने अदालतों के चक्कर लगाने के स्थान पर नुकसान करा शांति से व्यापार करना पसंद करता है.

इसलिए हमारी ओर से किसी भी प्रकार के सबूत की अपेक्षा ना करें. लिखे गए पत्र के माध्यम से एसएसपी से अनुरोध किया गया है कि कृपया सभी थानाध्यक्षों को आदेश देकर सुनिश्चित कराएं कि उनके थाना क्षेत्रों में खाद्य व्यवसाय का उत्पीड़न ना हो.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: खाद्य विक्रेताओं ने गाजियाबाद पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन ऑफ फूड ऑपरेटर के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने गाजियाबाद एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को पत्र लिख कर गाजियाबाद पुलिस की शिकायत कर दी है.

खाना खाने के बाद पुलिस नहीं देती पैसा

'पुलिसकर्मी मुफ्त में मंगवाते हैं खाना'
एसएसपी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि थानों और चौकियों से फोन कर मुफ्त में पुलिसकर्मियों द्वारा खाना मंगाया जाता है. साथ ही थानों और चौकियों में आयोजित समारोह में मंगाए गए खाने और स्नैक्स का भुगतान भी नहीं किया जाता है. हाल ही में संपन्न दिवाली महोत्सव के दौरान शहर की कई मशहूर मिठाई की दुकानों से गाजियाबाद के सभी थाना अध्यक्षों के नाम से मिठाई और ड्राई फ्रूट के कई सो डिब्बे मुफ्त अथवा आधे दामों में मंगवाए गए थे जिनका भुगतान अभी तक बकाया है.

food traders opened front against Ghaziabad police freebies
खाद्य विक्रेताओं ने SSP को लिखा पत्र

'पुलिस देती है फर्जी मामले में फंसाने की धमकी'
अनिल कुमार गुप्ता ने पत्र में लिखा है कि यदि खाद्य व्यवसाई मुफ्त में खाना या मिठाई देने से मना कर देते हैं तो पुलिस वाले उन्हें फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी देते हैं. और दुकान पर आए ग्राहकों को भी परेशान करते हैं क्योंकि व्यापारी वर्ग थाने अदालतों के चक्कर लगाने के स्थान पर नुकसान करा शांति से व्यापार करना पसंद करता है.

इसलिए हमारी ओर से किसी भी प्रकार के सबूत की अपेक्षा ना करें. लिखे गए पत्र के माध्यम से एसएसपी से अनुरोध किया गया है कि कृपया सभी थानाध्यक्षों को आदेश देकर सुनिश्चित कराएं कि उनके थाना क्षेत्रों में खाद्य व्यवसाय का उत्पीड़न ना हो.

Intro:खाद्य विक्रेताओं ने ग़ाज़ियाबाद पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा. एसोसिएशन ऑफ फूड ऑपरेटर के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को लिखा पत्र. अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने पुलिसकर्मियों पर बिना पैसे दिए खाना खाने का लगाया आरोप. लेटर में दिवाली के दौरान कई दुकानों से थानों और चौकी में मिठाई के डिब्बे आए थे लेकिन उनके अभी तक नहीं हो पाई है पेमेंट. अनिल कुमार गुप्ता ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, मना करने पर फर्जी केस में फ़ासती है पुलिस. Body:खाद्य व्यवसायियों के संगठन एसोसिएशन ऑफ फूड ऑपरेटर के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह को पत्र लिख थानों और चौकियों में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा बिना पैसे दिए न सिर्फ खाना-खाना बल्कि अपने घर वाले के लिए खाना पैक करा कर ले जाने के बारे में शिकायत की है.

एसएसपी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि थानों और चौकियों से फोन कर मुफ्त में पुलिसकर्मियों द्वारा खाना मंगाया जाता है साथ ही थानों और चौकियों में आयोजित समारोह में मंगाए गए खाने और स्नैक्स का भुगतान भी नहीं किया जाता है. हाल ही में संपन्न दिवाली महोत्सव के दौरान शहर की कई मशहूर मिठाई की दुकानों से गाजियाबाद के सभी थाना अध्यक्षों के नाम से मिठाई और ड्राई फ्रूट के कई सो डिब्बे मुफ्त अथवा आधे दामों में मंगवाए गए थे जिनका भुगतान अभी तक बकाया है.

अनिल कुमार गुप्ता ने पत्र में लिखा है कि यदि खाद्य व्यवसाई मुफ्त में खाना या मिठाई देने से मना कर देते हैं तो पुलिस वाले उन्हें फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी देते हैं और दुकान पर आए ग्राहकों को भी परेशान करते हैं क्योंकि व्यापारी वर्ग थाने अदालतों के चक्कर लगाने के स्थान पर नुकसान करा शांति से व्यापार करना पसंद करता है इसलिए हमारी ओर से किसी भी प्रकार के सबूत की अपेक्षा ना करें.

Conclusion:लिखे गए पत्र के माध्यम से एसएसपी से अनुरोध किया गया है कि कृपया सभी थानाध्यक्षों को आदेश देकर सुनिश्चित कराएं कि उनके थाना क्षेत्रों में खाद्य व्यवसाय का उत्पीड़न ना हो.
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