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शादी का खाना बना दो मेहमानों के लिए जानलेवा, अस्पताल ने ऐसे बचाई जान

दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले दो मरीजों की फटी भोजन नली का इलाज कर मैक्स हॉस्पिटल वैशाली की चिकित्सा टीम ने उन्हें नई जिंदगी दी है. 61 वर्षीय अशोक कुमार और 53 वर्षीय संजय निगम को पारिवारिक समारोह में ज्यादा भोजन करने के कारण जबरदस्त उल्टी की शिकायतें हो रही थीं और तीन दिन से ऐसा हो रहा था. बार-बार उल्टियां होने से उनकी भोजन नली बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी.

शादी का खाना बना दो मेहमानों के लिए जानलेवा
शादी का खाना बना दो मेहमानों के लिए जानलेवा
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Published : Sep 26, 2021, 7:15 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: शादी में ज्यादा खाना खाने से दो लोगों की भोजन की नली फट गई है. इसके बाद दोनों को मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीमन ने जान बचाई. मैक्स वैशाली में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख कंसल्टेंट डॉ. शरद जोशी ने कहा, चिकित्सा टीम ने तत्काल कार्यवाही शुरू करते हुए उनकी पूरी जांच की. इससे पता चला कि उनकी भोजन नली में गंभीर जख्म हो गए हैं.

ओरल कॉन्ट्रास्ट के साथ विशेष सीटी स्कैन से उनकी बीमारी की पुष्टि हुई. फेफड़ों के आसपास जमा पानी उल्टी के अवशेष को निकालने के लिए सीने में ट्यूब लगाई गई और बाद में टूटी हुई भोजननली की मरम्मत के लिए लंबी सर्जरी की गई. भोजननली के क्षतिग्रस्त होने के कारण तेज उल्टियां होना जानलेवा लक्षण माना जाता है, जिसमें ऐसे लगभग 70 फीसदी मरीजों की मृत्यु भी हो जाती है. खासकर, जानकारी का अभाव, डायग्नोसिस में देरी तथा निर्णायक प्रबंधन के कारण ये लक्षण 100 फीसदी जानलेवा हो जाते हैं.

बोरहाव्स सिंड्रोम यानी भोजननली में टूट-फूट बहुत दुर्लभ बीमारी मानी जाती है जो प्रति 10 लाख मामलों में 3 फीसदी तक में पाई जाती है. दोनों मरीजों के मामले में सही समय पर डायग्नोसिस हो जाने और डॉ. जोशी के नेतृत्व में पल्मोनोलॉजी की टीम, आपात टीम तथा बाद में डॉ. रोमन दत्ता की थोरैसिस सर्जरी टीम द्वारा तत्पर सर्जरी और मरम्मत की कार्यवाही करने से उनकी जान बचा ली गई.

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खानपान की गलत आदतों और लाइफस्टाइल में बदलाव, जंक फूड का सेवन, अल्कोहल का अधिक सेवन, तनाव, नाइट शिफ्ट में काम करने जैसी मजबूरी के कारण गैस्ट्रिटिस एवं एसिड-पेप्टिक रोग (एपीडी) के मामले बढ़ने लगे हैं और मरीजों में ऐसी जानलेवा स्थिति आ जाती है. नागरिकों में स्वस्थ लाइफस्टाइल, खानपान की अच्छी आदतें अपनाने के लिए जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है.

थोरैसिस एवं रोबोटिक थोरैसिस सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रोमन दत्ता ने बताया देर रात भोजन करने, मसालेदार खाना, अल्कोहल सेवन, फास्ट-फूड खाने, चाय-कॉफी का अधिक सेवन करने तथा देर रात तक काम करने की आदतों से बचते हुए नियमित व्यायाम, जॉगिंग, सुबह की सैर करने से निश्चित रूप से लोगों में डिस्पेप्सिया और अपच की शिकायतें दूर हो सकती हैं. ध्यान रखें कि उल्टी जैसे लक्षण जानलेवा बोरहाव सिंड्रोम के चेतावनी भरे लक्षण हो सकते हैं. ऐसे हालात में चिकित्सकीय परामर्श और इलाज कराने में अनदेखी करने या देरी करने से किसी की जान भी जा सकती है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: शादी में ज्यादा खाना खाने से दो लोगों की भोजन की नली फट गई है. इसके बाद दोनों को मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीमन ने जान बचाई. मैक्स वैशाली में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख कंसल्टेंट डॉ. शरद जोशी ने कहा, चिकित्सा टीम ने तत्काल कार्यवाही शुरू करते हुए उनकी पूरी जांच की. इससे पता चला कि उनकी भोजन नली में गंभीर जख्म हो गए हैं.

ओरल कॉन्ट्रास्ट के साथ विशेष सीटी स्कैन से उनकी बीमारी की पुष्टि हुई. फेफड़ों के आसपास जमा पानी उल्टी के अवशेष को निकालने के लिए सीने में ट्यूब लगाई गई और बाद में टूटी हुई भोजननली की मरम्मत के लिए लंबी सर्जरी की गई. भोजननली के क्षतिग्रस्त होने के कारण तेज उल्टियां होना जानलेवा लक्षण माना जाता है, जिसमें ऐसे लगभग 70 फीसदी मरीजों की मृत्यु भी हो जाती है. खासकर, जानकारी का अभाव, डायग्नोसिस में देरी तथा निर्णायक प्रबंधन के कारण ये लक्षण 100 फीसदी जानलेवा हो जाते हैं.

बोरहाव्स सिंड्रोम यानी भोजननली में टूट-फूट बहुत दुर्लभ बीमारी मानी जाती है जो प्रति 10 लाख मामलों में 3 फीसदी तक में पाई जाती है. दोनों मरीजों के मामले में सही समय पर डायग्नोसिस हो जाने और डॉ. जोशी के नेतृत्व में पल्मोनोलॉजी की टीम, आपात टीम तथा बाद में डॉ. रोमन दत्ता की थोरैसिस सर्जरी टीम द्वारा तत्पर सर्जरी और मरम्मत की कार्यवाही करने से उनकी जान बचा ली गई.

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थोरैसिस एवं रोबोटिक थोरैसिस सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रोमन दत्ता ने बताया देर रात भोजन करने, मसालेदार खाना, अल्कोहल सेवन, फास्ट-फूड खाने, चाय-कॉफी का अधिक सेवन करने तथा देर रात तक काम करने की आदतों से बचते हुए नियमित व्यायाम, जॉगिंग, सुबह की सैर करने से निश्चित रूप से लोगों में डिस्पेप्सिया और अपच की शिकायतें दूर हो सकती हैं. ध्यान रखें कि उल्टी जैसे लक्षण जानलेवा बोरहाव सिंड्रोम के चेतावनी भरे लक्षण हो सकते हैं. ऐसे हालात में चिकित्सकीय परामर्श और इलाज कराने में अनदेखी करने या देरी करने से किसी की जान भी जा सकती है.

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