नई दिल्ली/गाजियाबाद : कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर नौ महीने से अधिक समय से दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर समेत विभिन्न सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर के GIC ग्राउंड में महापंचायत आयोजित की जाएगी. मुज़फ्फरनगर में होने वाले किसान महापंचायत में किसान मोर्चा पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में जुटा हुआ है. इस महापंचायत को सफल बनाने के लिए बीते कई हफ्तों से किसान नेता देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर जनसमर्थन जुटाने की कवायद कर रहे हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत ने आगामी महापंचायत को लेकर ट्वीट किया है. टिकैत ने ट्वीट में लिखा मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर की किसान एकता मोर्चा द्वारा आयोजित किसान महापंचायत गांव-ग्रामीण, किसान-मजदूर के हितों की रक्षा हेतु मील की पत्थर साबित होगी. यह पंचायत युवाओं को खेत की मिट्टी से जोड़ेगी. मुजफ्फरनगर की ऐतिहासिक धरा पर आप अपनी उपस्थिति दर्ज करें.
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टिकैत साफ कर चुके हैं कि अगर केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नही लेती है और समर्थन मूल्य पर कानून नही बनता तो भाजपा को गद्दी छोड़ने पर मजबूर करेंगे. हम किसानों के बीच जाकर इनकी असलियत उजागर करेंगे. किसान से बनने वाली सरकार किसान विरोधी कार्य करके सत्ता में बनी नहीं रह सकती है. भाजपा के झूठ को बेनकाब किया जाएगा. हम किसी दल के विरोधी नहीं हैं, लेकिन हर किसान और मजदूर विरोधी दल के विरोधी है. हमने खेती से कंपनी राज को उखाड़ने के लिए कमर कस ली है. जिसकी शुरुवात 5 सितंबर को मुज़फ्फरनगर की किसान पंचायत से होगी.