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लाॅकडाउन: किसान सेवा केन्द्र संचालकों को हो रहा 80 प्रतिशत का नुकसान - नीरज चौधरी

किसानों ने बिना डीएपी के गन्ना ऐसे ही बो दिया है. अगर वह फसल से संबंधित माल मंगाने के लिए कंपनियों से बात करते हैं तो कंपनी का कहना है कि वह माल अभी नहीं पहुंचा पाएंगे. क्योंकि ट्रांसपोर्ट बंद है.

Farmers service center operators lose up to 80 percent
किसान सेवा केन्द्र
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Published : Apr 19, 2020, 9:00 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: करोना महामारी और लाॅकडाउन के कारण जहां एक और किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर किसानों की फसलों से संबंधित जरूरतों को पूरा करने वाले किसान सेवा केंद्र संचालकों को भी लॉकडाउन की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसी को लेकर किसान सेवा केंद्र संचालक नीरज चौधरी से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत...

लाॅकडाउन की वजह से 80 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है

किसान सेवा केन्द्र संचालक नीरज चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि लाॅकडाउन के चलते उनको काफी दिक्कतें हो रही हैं. किसान अपनी पहली-फसल की बुवाई तो कर चुका है. लेकिन अब नई फसल की बुवाई करने के लिए किसान अपने घर से बाहर नहीं निकल रहा है, उसको डर है कि कहीं कोरोना महामारी से वह ग्रसित ना हो जाए, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नई फसल की बुवाई के लिए 1 महीने पहले उनका फर्टिलाइजर डीएपी (फसलों की जड़ों की मज़बूती देने वाला कैमिकल) यूरिया भी आना था. लेकिन ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से उनका कोई भी माल नहीं आया है.


'कंपनी संबंधित सामान नहीं पहुंच पा रहे हैं'

किसानों ने बिना डीएपी के गन्ना ऐसे ही बो दिया है. अगर वह फसल से संबंधित माल मंगाने के लिए कंपनियों से बात करते हैं तो, कंपनी का कहना है कि वह माल अभी नहीं पहुंचा पाएंगे. क्योंकि ट्रांसपोर्ट बंद है. ट्रांसपोर्ट खुलने के बाद ही वह फसलों से संबंधित बीज यूरिया कैमिकल आदि की आपूर्ति कर पाएंगे. इसलिए लाॅकडाउन की वजह से उनका 80 प्रतिशत नुकसान हुआ है.

80 प्रतिशत तक का नुकसान

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि फसल से संबंधित डीएपी यूरिया केमिकल की कमी पड़ने लगी है. क्योंकि, इन दिनों में फसलों के केमिकल की बहुत मांग होती है, उनके पास फसल से संबंधित सामान नहीं पहुंच पा रहा है. सबकुछ जहां गोदाम में मौजूद है, वह वहीं रुका हुआ है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: करोना महामारी और लाॅकडाउन के कारण जहां एक और किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर किसानों की फसलों से संबंधित जरूरतों को पूरा करने वाले किसान सेवा केंद्र संचालकों को भी लॉकडाउन की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसी को लेकर किसान सेवा केंद्र संचालक नीरज चौधरी से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत...

लाॅकडाउन की वजह से 80 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है

किसान सेवा केन्द्र संचालक नीरज चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि लाॅकडाउन के चलते उनको काफी दिक्कतें हो रही हैं. किसान अपनी पहली-फसल की बुवाई तो कर चुका है. लेकिन अब नई फसल की बुवाई करने के लिए किसान अपने घर से बाहर नहीं निकल रहा है, उसको डर है कि कहीं कोरोना महामारी से वह ग्रसित ना हो जाए, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नई फसल की बुवाई के लिए 1 महीने पहले उनका फर्टिलाइजर डीएपी (फसलों की जड़ों की मज़बूती देने वाला कैमिकल) यूरिया भी आना था. लेकिन ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से उनका कोई भी माल नहीं आया है.


'कंपनी संबंधित सामान नहीं पहुंच पा रहे हैं'

किसानों ने बिना डीएपी के गन्ना ऐसे ही बो दिया है. अगर वह फसल से संबंधित माल मंगाने के लिए कंपनियों से बात करते हैं तो, कंपनी का कहना है कि वह माल अभी नहीं पहुंचा पाएंगे. क्योंकि ट्रांसपोर्ट बंद है. ट्रांसपोर्ट खुलने के बाद ही वह फसलों से संबंधित बीज यूरिया कैमिकल आदि की आपूर्ति कर पाएंगे. इसलिए लाॅकडाउन की वजह से उनका 80 प्रतिशत नुकसान हुआ है.

80 प्रतिशत तक का नुकसान

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि फसल से संबंधित डीएपी यूरिया केमिकल की कमी पड़ने लगी है. क्योंकि, इन दिनों में फसलों के केमिकल की बहुत मांग होती है, उनके पास फसल से संबंधित सामान नहीं पहुंच पा रहा है. सबकुछ जहां गोदाम में मौजूद है, वह वहीं रुका हुआ है.

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