नई दिल्ली/गाजियाबाद: देशभर में किसानों को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. जहां एक तरफ केंद्र और प्रदेश सरकार खुद को किसान हितैषी बता रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में किसान अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए माताओं-बहनों और बच्चों के साथ सड़कों पर उतरे हुए हैं. एक समान मुआवजे की मांग को लेकर लंबे समय से गाजियाबाद के कई गांवों के किसान धरने पर हैं.
जनप्रतिनिधियों का किसानों ने विरोध किया
सोमवार को मधुबन बापूधाम आवासीय योजना को लेकर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के विरोध में किसानों ने जिला मुख्यालय का घेराव कर थाली बजाकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान किसानों ने प्रदेश सरकार जिला प्रशासन और विकास प्राधिकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन में प्राधिकरण और वर्तमान सरकार के जनप्रतिनिधियों का किसानों ने विरोध किया. प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए.
किसानों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव
किसानों ने बताया कि एक समान मुआवज़े की मांग को लेकर बीते 6 महीनों से प्रदर्शन जारी है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अभी तक उनकी मांगों को नहीं माना गया है. जिला प्रशासन द्वारा केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है. मजबूर होकर आज किसानों को कलेक्ट्रेट का घेराव करना पड़ा है, ताकि वह अपनी मांगों को जिला प्रशासन और सरकार तक पहुंचा सके. बीते 6 महीने से किसान सदरपुर प्राथमिक विद्यालय में धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन किसानों से बातचीत करने अब तक कोई जनप्रतिनिधि नही पहुंचा है.
किसानों का कहना था कि देश की विडंबना है, जो आज हमारी-माताओं बहनों को सड़कों पर आकर आंदोलन करना पड़ रहा है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों की देश और प्रदेश में कैसी दुर्दशा है. प्रदेश सरकार द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा है.