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यूपी विधानसभा चुनाव 2022: भाजपा के लिए बेअसर रहा किसान आंदोलन, टिकैत ने दी बधाई

तीन कृषि कानून के खिलाफ एक साल से ज्यादा समय तक किसान आंदलनरत थे. बावजूद इसके यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में किसानों के आंदोलन का असर देखने को नहीं मिला.

भाजपा के लिए बेअसर रहा किसान आंदोलन
भाजपा के लिए बेअसर रहा किसान आंदोलन
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Published : Mar 11, 2022, 1:37 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों के बाद बीजेपी ने राहत की सांस ली है. साथ ही केंद्र में बैठे बीजेपी नेताओं की 2024 में जीत की आस जगा दी है. किसान आंदोलन और महंगाई के साये में हुए विधानसभा चुनाव के रिजल्ट कई मायनों में हैरत भरा रहा. पश्चिम यूपी में भगवा पार्टी को उतना अधिक नुकसान नहीं हुआ, जितनी किसान आंदोलन के दौरान आशंका जताई जा रही थी.

चुनाव परिणाम आने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बयान जारी कर कहा है कि लोकतंत्र के महापर्व में जनता का फैसला सर्वोपरि होता है. किसान आंदोलन ने अपना असर दिखा दिया. हम आशा करते हैं कि जो भी सरकारें बनी हैं, वे सभी अपने-अपने राज्यों में किसानों-मजदूरों के उत्थान के लिए कार्य करेंगी. सभी को जीत की बधाई.

कृषि कानूनों की वापसी को लेकर एक साल से अधिक गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन चला लेकिन किसान आंदोलन का यूपी चुनाव में कोई खास असर देखने को नहीं मिला. ऐसा माना जा रहा था कि साहिबाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा को किसान आंदोलन के चलते नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि किसान आंदोलन के दौरान साहिबाबाद विधानसभा सीट के कई इलाकों से लोग किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. गाज़ीपुर बॉर्डर इलाके की साहिबाबाद विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सुनील शर्मा ने प्रदेश में सबसे ज़्यादा रिकॉर्ड दो लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों के बाद बीजेपी ने राहत की सांस ली है. साथ ही केंद्र में बैठे बीजेपी नेताओं की 2024 में जीत की आस जगा दी है. किसान आंदोलन और महंगाई के साये में हुए विधानसभा चुनाव के रिजल्ट कई मायनों में हैरत भरा रहा. पश्चिम यूपी में भगवा पार्टी को उतना अधिक नुकसान नहीं हुआ, जितनी किसान आंदोलन के दौरान आशंका जताई जा रही थी.

चुनाव परिणाम आने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बयान जारी कर कहा है कि लोकतंत्र के महापर्व में जनता का फैसला सर्वोपरि होता है. किसान आंदोलन ने अपना असर दिखा दिया. हम आशा करते हैं कि जो भी सरकारें बनी हैं, वे सभी अपने-अपने राज्यों में किसानों-मजदूरों के उत्थान के लिए कार्य करेंगी. सभी को जीत की बधाई.

कृषि कानूनों की वापसी को लेकर एक साल से अधिक गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन चला लेकिन किसान आंदोलन का यूपी चुनाव में कोई खास असर देखने को नहीं मिला. ऐसा माना जा रहा था कि साहिबाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा को किसान आंदोलन के चलते नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि किसान आंदोलन के दौरान साहिबाबाद विधानसभा सीट के कई इलाकों से लोग किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. गाज़ीपुर बॉर्डर इलाके की साहिबाबाद विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सुनील शर्मा ने प्रदेश में सबसे ज़्यादा रिकॉर्ड दो लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की.

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