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किसान नेता भानु प्रताप के बिगड़े बोल, लखीमपुर खीरी मामले पर कहा...भीड़ के दौरान मर जाते हैं लोग - राकेश टिकैत

भानु प्रताप सिंह गाजियाबाद में कैला भट्टा इलाके में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. जहां पर उनका नोटों की माला से स्वागत किया गया. इस दौरान उनकी जुबान फिसल गई. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में जिस किसानों की मौत हुई थी, ऐसी मौतें अक्सर भीड़ में हो जाती है.

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किसान नेता भानु प्रताप सिंह
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Published : Aug 21, 2022, 4:52 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह रविवार को गाजियाबाद पहुंचे. उन्होंने राकेश टिकैत वाली भारतीय किसान यूनियन के लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से दानव कह डाला. उन्होंने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर कहा कि लखीमपुर खीरी में जिस किसानों की मौत हुई थी, ऐसी मौतें अक्सर भीड़ में हो जाती है. उन्होंने कहा कि मैं मांग करता हूं कि सभी किसान नेताओं के खिलाफ सीबीआई जांच होनी चाहिए.

किसान नेता भानु प्रताप सिंह

भानु प्रताप सिंह ने किसान नेता राकेश टिकैत की भारतीय किसान यूनियन पर आरोप लगाया कि वह कांग्रेस की फंडिंग से चलती है. उन्होंने कहा कि सभी किसानों की सीबीआई जांच कराई जाए. सभी किसान नेताओं की सीबीआई जांच होनी चाहिए. मेरी भी सीबीआई जांच होनी चाहिए. अगर मैं दोषी पाया जाता हूं, तो मेरी सारी संपत्ति जब्त कर ली जाए. मैं जेल जाने को तैयार हूं. साथ ही उन्होंंने कहा कि मैं सर्व समाज को मानव मानता हूं. लेकिन जो समाज के दानव हैं, उनसे युद्ध करता हूं. सभी मानव प्रवृत्ति के लोगों का चरण वंदन करता हूं. इनके लिए मैं अपनी जान भी दे सकता हूं. जिसका मैंने संकल्प लिया है.

भानु प्रताप सिंह ने कहा कि हम किसानों की समस्याओं को हमेशा सुनते हैं, और उसका हल निकालते हैं. उन्होंने कहा कि त्यागी समाज की महापंचायत को कोई समर्थन नहीं दूंगा. किसी जाति को मैं समर्थन नहीं देता. मेरे लिए सर्व समाज बराबर है. जातियों को मैं दो तरह से बांटता हूं. एक को मैं मानव मानता हूं और दूसरे को दानव मानता हूं. जो मानव प्रवृत्ति से रहते हैं उनका सम्मान करता हूं.

फिलहाल लखीमपुर खीरी और गाजियाबाद में बीकेयू टिकैत का धरना प्रदर्शन जारी है. आरोप है कि लखीमपुर खीरी मामले में इंसाफ नहीं मिला है. जिसके चलते टिकैत संगठन फिर से आंदोलन शुरू करने की तैयारी कर रहा है. एक साल तक चले किसान आंदोलन के दौरान भी राकेश टिकैत के खिलाफ बीकेयू भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कई तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाए थे. इससे साफ है कि एक बार फिर किसान आंदोलन की सुगबुगाहट होते ही भानु प्रताप सिंह दोबारा राकेश टिकैत के खिलाफ मुखर हो गए हैं. यह दोनों संगठन एक दूसरे पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह रविवार को गाजियाबाद पहुंचे. उन्होंने राकेश टिकैत वाली भारतीय किसान यूनियन के लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से दानव कह डाला. उन्होंने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर कहा कि लखीमपुर खीरी में जिस किसानों की मौत हुई थी, ऐसी मौतें अक्सर भीड़ में हो जाती है. उन्होंने कहा कि मैं मांग करता हूं कि सभी किसान नेताओं के खिलाफ सीबीआई जांच होनी चाहिए.

किसान नेता भानु प्रताप सिंह

भानु प्रताप सिंह ने किसान नेता राकेश टिकैत की भारतीय किसान यूनियन पर आरोप लगाया कि वह कांग्रेस की फंडिंग से चलती है. उन्होंने कहा कि सभी किसानों की सीबीआई जांच कराई जाए. सभी किसान नेताओं की सीबीआई जांच होनी चाहिए. मेरी भी सीबीआई जांच होनी चाहिए. अगर मैं दोषी पाया जाता हूं, तो मेरी सारी संपत्ति जब्त कर ली जाए. मैं जेल जाने को तैयार हूं. साथ ही उन्होंंने कहा कि मैं सर्व समाज को मानव मानता हूं. लेकिन जो समाज के दानव हैं, उनसे युद्ध करता हूं. सभी मानव प्रवृत्ति के लोगों का चरण वंदन करता हूं. इनके लिए मैं अपनी जान भी दे सकता हूं. जिसका मैंने संकल्प लिया है.

भानु प्रताप सिंह ने कहा कि हम किसानों की समस्याओं को हमेशा सुनते हैं, और उसका हल निकालते हैं. उन्होंने कहा कि त्यागी समाज की महापंचायत को कोई समर्थन नहीं दूंगा. किसी जाति को मैं समर्थन नहीं देता. मेरे लिए सर्व समाज बराबर है. जातियों को मैं दो तरह से बांटता हूं. एक को मैं मानव मानता हूं और दूसरे को दानव मानता हूं. जो मानव प्रवृत्ति से रहते हैं उनका सम्मान करता हूं.

फिलहाल लखीमपुर खीरी और गाजियाबाद में बीकेयू टिकैत का धरना प्रदर्शन जारी है. आरोप है कि लखीमपुर खीरी मामले में इंसाफ नहीं मिला है. जिसके चलते टिकैत संगठन फिर से आंदोलन शुरू करने की तैयारी कर रहा है. एक साल तक चले किसान आंदोलन के दौरान भी राकेश टिकैत के खिलाफ बीकेयू भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कई तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाए थे. इससे साफ है कि एक बार फिर किसान आंदोलन की सुगबुगाहट होते ही भानु प्रताप सिंह दोबारा राकेश टिकैत के खिलाफ मुखर हो गए हैं. यह दोनों संगठन एक दूसरे पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं.

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