नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर तहसील में स्थित राज्य कर्मचारी बीमा परिषद चिकित्सालय को कोरोना-19 L2 चिकित्सालय बनाए जाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से 3 मई को आदेश दिया गया था. ताकि गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले कोरोना मरीजों को इस चिकित्सालय में भर्ती करते हुए उनका इलाज शुरू किया जा सके.
बकायदा इसके लिए इस चिकित्सालय की सामान्य ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं भी स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए थे. लेकिन आदेश के 1 सप्ताह बीत जाने के बावजूद अभी तक राज्य कर्मचारी बीमा परिषद चिकित्सालय को कोविड-19 अस्पताल के रूप में सुचारू नहीं किया जा सका है.
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3 मई को जारी किया गया था आदेश
टीम शक्ति अन्याय निवारण ट्रस्ट की अध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत सदस्य दीपा त्यागी का कहना है कि उनको उम्मीद थी कि 4 मई दिन शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश के बाद राज्य कर्मचारी बीमा परिषद चिकित्सालय कोविड-19 के रूप में सुचारू हो जाएगा, लेकिन वह आज तक शुरू नहीं हो पाया है.
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'अस्पताल में नहीं हैं सुविधाएं'
दीपा त्यागी का कहना है कि जिस अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल के रूप में घोषित कर दिया गया है. उन्होंने अस्पताल का सर्वे करने के लिए अपनी सामाजिक संस्था के शहर अध्यक्ष आदित्य शर्मा को सर्वे करने के लिए भेजा तो उन्होंने बताया कि वहां पर अभी तक न ही बेड की सुविधा है और न ही इलाज की व्यवस्था है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर कब तक ये अस्पताल सुचारू रूप से शुरू हो पाएगा.