नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दिहाड़ी मजदूरों पर संकट आ गया है. खासकर वो मजदूर जो गाजियाबाद में दूसरे राज्यों के शहरों से आकर काम कर रहे थे. लॉकडाउन घोषित होने के बाद तमाम प्रकार की फैक्ट्रियां बंद हो गई और इन मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया. ऐसी स्थिति में ना तो ये लोग अपने घर वापस जा सकते हैं और ना ही दो वक्त की रोटी कमाने का इनके पास कोई साधन है.
जिला प्रशासन ने मजदूरों के लिए बनाया शेल्टर होम
इसी को देखते हुए गाजियाबाद जिला प्रशासन और नगर निगम ने ऐसे तमाम मजदूरों के लिए महानगर में विभिन्न क्षेत्रों पर आश्रय स्थल बनाए हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने गाजियाबाद के राजनगर स्थित नगर निगम के आश्रय स्थल का रियलिटी चेक किया.
सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा है ध्यान
आश्रय स्थल की देखरेख कर रहे मदन लाल यादव ने बताया कि यहां रह रहे तमाम लोगों को तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं. सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का खाना मुहैया कराया जा रहा है. साथ ही स्थल में किसी प्रकार का कोरोना वायरस का संक्रमण ना फैले इसको देखते हुए पूरी तरह से सोशल डिस्टेनसिंग का पालन किया जा रहा है. समय-समय पर सैनिटाइजेशन करने के लिए सैनिटाइजर मौजूद है.
'शेल्टर होम में मिल रही हैं सुविधाएं'
आश्रय स्थल में रह रहे लोग भी नगर निगम की ओर से की गई व्यवस्था से काफी संतुष्ट नजर आए. उनका कहना था कि निगम की ओर से समय पर खाना उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही इस भीषण गर्मी को देखते हुए पंखों की भी अच्छे से व्यवस्था की गई है. आश्रय स्थल में लोगों के नहाने-धोने की भी व्यवस्था की गई है.