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ग़ाज़ियाबाद नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारी प्रथा का अंत, निगम की बढ़ी आय - ग़ाज़ियाबाद नगर निगम की बढ़ी आय

ग़ाज़ियाबाद नगर निगम आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर की पहल से नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारों का अंत किया गया है. जिससे न सिर्फ वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है बल्कि नगर निगम की आय में भी बढ़ोतरी हुई है.

End of contracting practice between Ghaziabad Municipal Corporation and drivers
End of contracting practice between Ghaziabad Municipal Corporation and drivers
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Published : Mar 3, 2022, 10:01 PM IST

नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : ग़ाज़ियाबाद नगर निगम आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर की पहल से नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारों का अंत किया गया है. जिससे न सिर्फ वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है बल्कि नगर निगम की आय में भी बढ़ोतरी हुई है.

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने बताया कि मध्य स्तरीय ठेकेदार द्वारा गलत तरीके से वाहन चालकों की पर्ची काटी जाती थी. जिसको ठेकेदारों की टीम वाहन शुल्क और पार्किंग शुल्क के नाम पर वाहन चालकों को गुमराह करके वसूली होती थी. इससे वाहन चालक पीड़ित रहते थे.

End of contracting practice between Ghaziabad Municipal Corporation and drivers
ग़ाज़ियाबाद नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारी प्रथा का अंत, निगम की बढ़ी आय

नगर आयुक्त के निर्देश पर सीधे नगर निगम द्वारा वाहन चालकों से वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूलने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया और नियम के मुताबिक दो सीटर वाहन चालकों से ₹360, चार सीटर वाहन चालकों से ₹500 और सात सीटर वाहन चालकों से ₹720 वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूले जा रहे हैं. जिससे गाजियाबाद नगर निगम की आय में वृद्धि हुई है.

End of contracting practice between Ghaziabad Municipal Corporation and drivers
ग़ाज़ियाबाद नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारी प्रथा का अंत, निगम की बढ़ी आय

पहले वाहन शुल्क के रूप में प्राप्त आय लगभग 27 लाख रुपए वार्षिक थी, जबकि इस साल वाहन लाइसेंस शुल्क व अन्य शुल्क से प्राप्त आय 61 लाख रुपए से अधिक है. साथ ही वाहन चालकों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई.

End of contracting practice between Ghaziabad Municipal Corporation and drivers
ग़ाज़ियाबाद नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारी प्रथा का अंत, निगम की बढ़ी आय

ये भी पढ़ें-चिड़ियाघर खुलने से बच्चों में खासा उत्साह, भारी संख्या में पहुंच रहे लोग

डॉ. संजीव सिन्हा के निर्देशन में टीम ने रोज ऑटो रिक्शा चालकों से वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूला और उनको पर्ची दी. जिससे एक योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया.

नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : ग़ाज़ियाबाद नगर निगम आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर की पहल से नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारों का अंत किया गया है. जिससे न सिर्फ वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है बल्कि नगर निगम की आय में भी बढ़ोतरी हुई है.

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने बताया कि मध्य स्तरीय ठेकेदार द्वारा गलत तरीके से वाहन चालकों की पर्ची काटी जाती थी. जिसको ठेकेदारों की टीम वाहन शुल्क और पार्किंग शुल्क के नाम पर वाहन चालकों को गुमराह करके वसूली होती थी. इससे वाहन चालक पीड़ित रहते थे.

End of contracting practice between Ghaziabad Municipal Corporation and drivers
ग़ाज़ियाबाद नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारी प्रथा का अंत, निगम की बढ़ी आय

नगर आयुक्त के निर्देश पर सीधे नगर निगम द्वारा वाहन चालकों से वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूलने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया और नियम के मुताबिक दो सीटर वाहन चालकों से ₹360, चार सीटर वाहन चालकों से ₹500 और सात सीटर वाहन चालकों से ₹720 वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूले जा रहे हैं. जिससे गाजियाबाद नगर निगम की आय में वृद्धि हुई है.

End of contracting practice between Ghaziabad Municipal Corporation and drivers
ग़ाज़ियाबाद नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारी प्रथा का अंत, निगम की बढ़ी आय

पहले वाहन शुल्क के रूप में प्राप्त आय लगभग 27 लाख रुपए वार्षिक थी, जबकि इस साल वाहन लाइसेंस शुल्क व अन्य शुल्क से प्राप्त आय 61 लाख रुपए से अधिक है. साथ ही वाहन चालकों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई.

End of contracting practice between Ghaziabad Municipal Corporation and drivers
ग़ाज़ियाबाद नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारी प्रथा का अंत, निगम की बढ़ी आय

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डॉ. संजीव सिन्हा के निर्देशन में टीम ने रोज ऑटो रिक्शा चालकों से वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूला और उनको पर्ची दी. जिससे एक योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया.

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