नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना वायरस के खतरे के बीच कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं. कई लोग यह समझ रहे हैं कि खांसी हो गई तो उन्हें को कोरोना का खतरा पैदा हो जाएगा. लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हर खांसी कोरोना वायरस नहीं है.
डॉक्टर अंशुल वार्ष्णेय ने बताया तरीका
गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में रहने वाले डॉक्टर अंशुल वार्ष्णेय ने खांसने और छींकने का अलग तरीका बताया है. उनका कहना है कि मुंह पर हाथ रखकर खांसने और छींकने की बजाय अपने बाजू पर मुंह रखकर खांसने और छींकने से बैक्टीरिया अटैक कम होगा.
क्योंकि मुंह पर हाथ रख कर खांसने और छींकने से हाथों में लगा हुआ बैक्टीरिया आपके मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश कर सकता है. अगर आप बाजू पर खांसने और छींकने की आदत डालेंगे तो इससे नुकसान नहीं होगा क्योंकि हाथों से आप तमाम तरह की चीजें छूते हैं और लोगों से हाथ भी मिलाते हैं. यह आदत आप सिर्फ अभी नहीं, हमेशा के लिए अपनाएं जिससे दूसरे संक्रमण भी आप पर अटैक नहीं कर पाएंगे.
हर खांसी कोरोना वायरस नहीं
डॉक्टर अंशुल का कहना है कि हर खांसी कोरोना वायरस नहीं है. आजकल आमतौर पर लोगों को सूखी खांसी होती है. जिसे वह फिलहाल कोरोना वायरस समझकर अस्पतालों की लाइन में जाकर लग रहे हैं. इससे वह अन्य मरीजों के भी संपर्क में आ रहे हैं. इसलिए भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें और जागरूक हो जाएं.
ये भी नहीं कोरोना के लक्षण
डॉक्टर अंशुल ने कहा कि सूखी खांसी के साथ साथ बलगम और जुकाम है तो भी वह कोरोना के लक्षण नहीं है. इसे आप अपने फैमिली डॉक्टर के साथ घर बैठे कंसल्ट करें तो बेहतर है. अस्पताल की भीड़ में जाकर आप खुद को खतरे में डाल सकते हैं.
साथ ही उन्होंने बताया कि सूखी खांसी के साथ तेज बुखार और शरीर में दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह लें. इसका भी यह मतलब नहीं है कि आप कोरोना वायरस के शिकार हो चुके हैं. डॉक्टर से इस स्थिति में कंसल्ट जरूर करें और डरे नहीं. सभी टेस्ट करवाने से आपके सामने स्थिति क्लियर हो जाएगी. यह समय जागरूक होने का है डरने का नहीं है.