नई दिल्ली/गाजियाबाद: बुधवार को जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने दिल्ली-मेरठ हाईवे के निर्माण में तेजी लाने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट में प्रभावित किसानों के साथ बैठक की. उन्होंने समस्त संबंधित अधिकारियों को किसानों की समस्याओं का तत्काल प्रभाव से निराकरण करने के निर्देश दिए.
'किसानों की समस्या दूर करें अधिकारी'
डीएम ने एनएचएआई और जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन किसानों की भूमि दिल्ली-मेरठ हाईवे में अधिग्रहण की गई है. उससे संबंधित किसानों की समस्याओं और कठिनाइयों का तत्काल प्रभाव से प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारीगण संयुक्त रूप से निस्तारण करने की कार्रवाई करें, ताकि भारत सरकार के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में तेज गति के साथ कार्य को पूर्ण किया जा सके.
बैठक में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे द्वारा किसानों की समस्याओं को बहुत ही गंभीरता के साथ सुना गया. जिसमें किसानों के द्वारा भूमि के भुगतान की समस्या और हाईवे के किनारे सर्विस रोड तथा कनेक्टिविटी रोड के संबंध में विभिन्न प्रकार की समस्याएं से जिलाधिकारी को अवगत कराई गई.
हर स्तर पर की जाएगी मदद
बैठक में एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा कनेक्टिविटी रोड और बनाए गए अंडरपास की सूची किसानों को उपलब्ध कराई गई. जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने किसानों को आह्वान करते हुए कहा कि जो सूची उन्हें अंडरपास और कनेक्टिविटी रोड के संबंध में उपलब्ध कराई गई है. इसके अतिरिक्त यदि कनेक्टिविटी रोड के संबंध में किसी समस्या के संबंध में किसानों को अवगत कराना है तो वह लिखित रूप में जिला अधिकारी को उपलब्ध करा दें. ताकि ऐसे प्रकरणों में तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों के माध्यम से उनका निराकरण कराया जाना संभव हो सके.
जिलाधिकारी ने किसानों को आह्वान करते हुए उन्हें यह भी आश्वस्त किया कि हाईवे के निर्माण में जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है, उनके हितों का ध्यान जिला प्रशासन की ओर से निरंतर रूप से रखा जाएगा और कानून के दायरे के अंतर्गत उनकी हर स्तर पर जिला प्रशासन के द्वारा मदद की जाएगी.