नई दिल्ली/गाजियाबाद: यूपी में कोरोना वायरस का कहर तो कम हो गया है, लेकिन मौसम बदलने के बाद वायरल बुखार का कहर बढ़ना शुरू हो गया है. प्रदेश के कई जिलों में वायरल बुखार से मरीजों के दम तोड़ने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल के सलाहकार चिकित्सक (consultant physician) डॉ. संतराम वर्मा के मुताबिक बीते दो हफ्तों से वायरल बुखार के मरीजों में 30 से 40% तक का इजाफा हुआ है.
वायरल बुखार से ग्रसित मरीजों को कोरोना का डर सता रहा है. डॉक्टरों की मानें तो वायरल बुखार के अधिकतर मरीज सवाल करते हैं कि वायरल बुखार कहीं कोरोना तो नहीं है. दरअसल कोरोना के बाद लोगों के लिए बुखार के मायने बदल गए हैं. शरीर का तापमान बढ़ते ही लोगों को कोरोना का डर सताने लगता है.
कोरोना और मौसमी बुखार में क्या कुछ अंतर है इसी के बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के गाज़ियाबाद अध्यक्ष डॉ. आशीष अग्रवाल से बातचीत की.
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डॉ. अग्रवाल ने बताया कि वायरल फीवर के मरीजों में अधिकतर जुकाम की समस्या पाई जाती है जबकि सांस फूलने की शिकायत कम होती है. अचानक से बुखार आता है और तीन से पांच दिन में ठीक हो जाता है. जबकि कोरोना में बुखार 14 दिन तक बरकरार रहता है जबकि कई मामलों में कि बुखार 2 से 3 हफ्ते तक बढ़ जाता है और सांस लेने में भी समस्या होती है और शरीर मे ऑक्सीजन का स्तर भी नीचे आ जाता है.
उन्होंने बताया कोरोना ग्रसित होने के बाद मरीज में सूंघने और स्वाद चखने के क्षमता खत्म हो जाती है हालांकि वायरल फीवर में ऐसा देखने को नहीं मिलता है.
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डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सबसे पहले इस बात का पता लगाना बेहद आवश्यक है कि क्या आस-पास घर आदि में कोई ऐसा व्यक्ति है जो वायरल फीवर से ग्रसित है या हाल ही में वायरल फीवर हुआ है जो तीन से पांच दिन में ठीक हो गया हो. यदि घर में किसी को वायरल फीवर हुआ है तो मौजूदा समय मे इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगला व्यक्ति को भी वायरल फीवर हुआ है.
क्या बरतें एहतियात:-
० वायरल फीवर होने पर घर पर आराम करें.
० वायरल फीवर होने पर ठीक होने तक अलग कमरे में आइसोलेशन में रहें.
० पानी ज्यादा से ज़्यादा लें.
० खान-पान का ख्याल रखें. पर्याप्त मात्रा में पोष्टिक आहार लें.
० वायरल फीवर होने पर अगर आराम नहीं करते हैं दिनचर्या के कामों में जुटे रहते हैं तो वायरल फीवर बिगड़ सकता है जो कि आगे चलकर बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.
० खुद से चिकित्सीय परामर्श न लें. डॉक्टर को अवश्य दिखाएं.