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DFRC में स्कूलों के प्रतिनिधियों का बोलबाला, हो रहा फीस अधिनियम का उल्लंघन

गाजियाबाद जिला प्रशासन के प्रतिनिधि फीस अधिनियमों को ताक पर रख कर काम कर रहे हैं. पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता में ये आरोप लगाया है.

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Published : May 18, 2019, 12:59 PM IST

Updated : May 18, 2019, 11:52 PM IST

DFRC में स्कूलों के प्रतिनिधियों का बोलबाला

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण आज स्कूल प्रबंधन अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं.

फीस अधिनियम का हो रहा उल्लघंन

प्रेस वार्ता के दौरान गाजियाबाद पैरट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए फीस अधिनियम 2018 बनाया गया.

इसमें जिला स्तर पर प्राइवेट स्कूलों की फीस निर्धारण के लिए जिला में जिला शुल्क नियामक कमेटी (डीएफआरसी) का गठन किया गया. लेकिन गाजियाबाद में डीएफआरसी का गठन तो हुआ पर फीस अधिनियम 2018 के नियमों को ताक पर रखा गया.

DFRC में स्कूलों के प्रतिनिधियों का बोलबाला


स्कूल के प्रतिनिधियों का बोलबाला
पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीमा त्यागी ने प्रेस वार्ता में फीस अधिनियम 2018 के उल्लंघन के कई कारण बताए.

  • फीस अधिनियम 2018 के अनुसार डीएफआरसी में केवल 7 सदस्यों को नामित किया जा सकता है. परंतु गाजियाबाद की डीएफआरसी में 13 सदस्यों को नामित किया गया है.
  • डीएफआरसी में प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधि का बोलबाला है जो डीएफआरसी के निर्णय को प्रभावित कर प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
  • फीस अधिनियम 2018 के अनुसार किसी भी अधिकारी को अपनी मनमानी से कमेटी का गठन करने का अधिकार नहीं दिया गया है. इसके बावजूद कमेटी के सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई है.
  • प्रेस वार्ता के दौरान पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि कई स्कूलों ने ऑडिटिंग बैलेंस शीट नहीं दी है. इसके बिना स्कूलों की आय और व्यय का हिसाब नहीं लगाया जा सकता.
  • इसके अलावा स्कूलों द्वारा बच्चों से एसी का चार्ज वसूला जा रहा है जबकि डीएफआरसी अपने नियमों में खुद मानती है कि एसी चार्ज फीस का हिस्सा नहीं है.

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण आज स्कूल प्रबंधन अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं.

फीस अधिनियम का हो रहा उल्लघंन

प्रेस वार्ता के दौरान गाजियाबाद पैरट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए फीस अधिनियम 2018 बनाया गया.

इसमें जिला स्तर पर प्राइवेट स्कूलों की फीस निर्धारण के लिए जिला में जिला शुल्क नियामक कमेटी (डीएफआरसी) का गठन किया गया. लेकिन गाजियाबाद में डीएफआरसी का गठन तो हुआ पर फीस अधिनियम 2018 के नियमों को ताक पर रखा गया.

DFRC में स्कूलों के प्रतिनिधियों का बोलबाला


स्कूल के प्रतिनिधियों का बोलबाला
पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीमा त्यागी ने प्रेस वार्ता में फीस अधिनियम 2018 के उल्लंघन के कई कारण बताए.

  • फीस अधिनियम 2018 के अनुसार डीएफआरसी में केवल 7 सदस्यों को नामित किया जा सकता है. परंतु गाजियाबाद की डीएफआरसी में 13 सदस्यों को नामित किया गया है.
  • डीएफआरसी में प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधि का बोलबाला है जो डीएफआरसी के निर्णय को प्रभावित कर प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
  • फीस अधिनियम 2018 के अनुसार किसी भी अधिकारी को अपनी मनमानी से कमेटी का गठन करने का अधिकार नहीं दिया गया है. इसके बावजूद कमेटी के सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई है.
  • प्रेस वार्ता के दौरान पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि कई स्कूलों ने ऑडिटिंग बैलेंस शीट नहीं दी है. इसके बिना स्कूलों की आय और व्यय का हिसाब नहीं लगाया जा सकता.
  • इसके अलावा स्कूलों द्वारा बच्चों से एसी का चार्ज वसूला जा रहा है जबकि डीएफआरसी अपने नियमों में खुद मानती है कि एसी चार्ज फीस का हिस्सा नहीं है.
Intro:गाजियाबाद : गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन के ढुलमुल रवैया के कारण आज स्कूल प्रबंधन अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं.


Body:प्रेस वार्ता के दौरान गाजियाबाद पैरट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए फीस अधिनियम 2018 बनाया गया. जिसमें जिला स्तर पर प्राइवेट स्कूलों की फीस निर्धारण के लिए जिला में जिला शुल्क नियामक कमेटी (डीएफआरसी) का गठन किया गया. लेकिन गाजियाबाद में डीएफआरसी का गठन तो हुआ पर फीस अधिनियम 2018 के नियमों को ताक पर रखा गया.

पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीमा त्यागी ने बताया कि फीस अधिनियम 2018 के अनुसार डीएफआरसी में केवल 7 सदस्यों को नामित किया जा सकता है. परंतु गाजियाबाद की डीएफआरसी में 13 सदस्यों को नामित किया गया है. जिसमें प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधि का बोलबाला है. जो डीएफआरसी के निर्णय को प्रभावित कर प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं. फीस अधिनियम 2018 के अनुसार किसी भी अधिकारी को अपनी मनमानी से कमेटी का गठन करने का अधिकार नहीं दिया गया है. इसके बावजूद कमेटी के सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई है.


Conclusion:प्रेस वार्ता के दौरान पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि कई स्कूलों ने ऑडिटिंग बैलेंस शीट नहीं दी है. जिसके बिना स्कूलों का आय एवं व्यय का हिसाब नहीं लगा सकता. इसके बावजूद डीएफआरसी ने स्कूलों पर मामूली जुर्माना लगाया है जो न्याय संगत नहीं है. इसके अलावा स्कूलों द्वारा बच्चों से एसी का चार्ज वसूला जा रहा है जबकि डीएफआरसी अपने नियमों में खुद मानती है कि एसी चार्ज फीस का हिस्सा नहीं है.
Last Updated : May 18, 2019, 11:52 PM IST
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