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छोटा हरिद्वार गंगनहर और दूधेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालु कर रहे भगवान शिव का जलाभिषेक

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Published : Jul 26, 2021, 12:57 PM IST

सावन के पहले सोमवार को गाजियाबाद के मुरादनगर के छोटा हरिद्वार गंग नहर और दूधेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे हैं.

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जलाभिषेक कर रहे श्रद्धालु.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू पंचांग के अनुसार आज सावन का पहला दिन है. हिंदू धर्म में सावन के साथ ही इसके सोमवार का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे में आज दिल्ली-एनसीआर सहित आसपास के क्षेत्रों में मशहूर मुरादनगर के छोटा हरिद्वार गंग नहर पर शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.

सावन के पहले सोमवार के मौके पर ETV भारत ने छोटा हरिद्वार गंग नहर के महंत मुकेश गोस्वामी से बात की. उन्होने बताया कि, श्रावण का मतलब सुनना होता है, इसलिए आज जितने भी देवी देवता हैं वह लोगों द्वारा की जा रही प्रार्थना को सुनते हैं. गंगा का जल शिव को प्रिय है इसीलिए सावन में शिवलिंग पर गंगा का जल अर्पित किया जाता है. इसीलिए आज छोटा हरिद्वार गंग नहर पर शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करने के लिए श्रद्धालु आ रहे हैं.

जलाभिषेक कर रहे श्रद्धालु.

ये भी पढ़ें: सावन का पहला सोमवार: चांदनी चौक के गौरी-शंकर मंदिर में लगी भक्तों की कतार

वहीं, इस मौके पर महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि सावन का सोमवार वैसे तो सबके लिए शुभ होता है. लेकिन यह दिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. क्योंकि वह इस दिन भगवान शिव की पूजा करके अपने घर की सुख, शांति, समृद्धि के साथ ही पति की लंबी आयु के लिए कामनाएं करती हैं.

ये भी पढ़ें: सावन का पहला सोमवार: कालकाजी मंदिर में सन्नाटा, द्वारका के शिव मंदिर में भक्तों की कतार

वहीं, गाजियाबाद के ही प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रद्धालु प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालु जो भी मनोकामना मानते हैं वह अवश्य पूरी होती है. यही कारण है कि प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में केवल गाजियाबाद ही नहीं बल्कि दिल्ली समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धानु यहां आते हैं.

जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का लगा तांता.

ये भी पढ़ें: महिला मेडिकल अधिकारी जिन्होंने 'कारगिल युद्ध' में किया था करीब 200 सैनिकों का इलाज

बता दें कि, कोविड प्रोटोकॉल की सख्ती से पालन कराने के लिए मंदर में वालेंटियर की तैनाती की गई है. जो कि किसी एक स्थान पर श्रद्धालुओं को इकट्ठा नहीं होने दे रहे हैं. साथ ही मंदिर के मुख्य द्वार पर खड़े वालेंटियर सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश करने दे रहे हैं.

इस बार सावन के 4 सोमवार पड़ने जा रहे हैं, क्योंकि इस बार श्रावण मास 29 दिनों का है. इसलिए चारों सोमवार पर भगवान शिव की अराधना से विशेष फल की प्राप्ति होती है. बता दें कि 2 अगस्त को दूसरा सोमवार है, तीसरा सोमवार 9 अगस्त जबकि चौथा सोमवार 16 अगस्त को पड़ेगा.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू पंचांग के अनुसार आज सावन का पहला दिन है. हिंदू धर्म में सावन के साथ ही इसके सोमवार का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे में आज दिल्ली-एनसीआर सहित आसपास के क्षेत्रों में मशहूर मुरादनगर के छोटा हरिद्वार गंग नहर पर शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.

सावन के पहले सोमवार के मौके पर ETV भारत ने छोटा हरिद्वार गंग नहर के महंत मुकेश गोस्वामी से बात की. उन्होने बताया कि, श्रावण का मतलब सुनना होता है, इसलिए आज जितने भी देवी देवता हैं वह लोगों द्वारा की जा रही प्रार्थना को सुनते हैं. गंगा का जल शिव को प्रिय है इसीलिए सावन में शिवलिंग पर गंगा का जल अर्पित किया जाता है. इसीलिए आज छोटा हरिद्वार गंग नहर पर शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करने के लिए श्रद्धालु आ रहे हैं.

जलाभिषेक कर रहे श्रद्धालु.

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वहीं, इस मौके पर महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि सावन का सोमवार वैसे तो सबके लिए शुभ होता है. लेकिन यह दिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. क्योंकि वह इस दिन भगवान शिव की पूजा करके अपने घर की सुख, शांति, समृद्धि के साथ ही पति की लंबी आयु के लिए कामनाएं करती हैं.

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वहीं, गाजियाबाद के ही प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रद्धालु प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालु जो भी मनोकामना मानते हैं वह अवश्य पूरी होती है. यही कारण है कि प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में केवल गाजियाबाद ही नहीं बल्कि दिल्ली समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धानु यहां आते हैं.

जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का लगा तांता.

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बता दें कि, कोविड प्रोटोकॉल की सख्ती से पालन कराने के लिए मंदर में वालेंटियर की तैनाती की गई है. जो कि किसी एक स्थान पर श्रद्धालुओं को इकट्ठा नहीं होने दे रहे हैं. साथ ही मंदिर के मुख्य द्वार पर खड़े वालेंटियर सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश करने दे रहे हैं.

इस बार सावन के 4 सोमवार पड़ने जा रहे हैं, क्योंकि इस बार श्रावण मास 29 दिनों का है. इसलिए चारों सोमवार पर भगवान शिव की अराधना से विशेष फल की प्राप्ति होती है. बता दें कि 2 अगस्त को दूसरा सोमवार है, तीसरा सोमवार 9 अगस्त जबकि चौथा सोमवार 16 अगस्त को पड़ेगा.

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