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गाजियाबाद: नवरात्रि का पहला दिन, माता के दर्शन के लिए त्रिपुरा सुन्दरी देवी मंदिर में भक्तों की भीड़

आज से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो गया है. नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. इसमें से पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है.

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Published : Oct 7, 2021, 11:26 AM IST

Shri Bala Tripura Sundari Devi Math Temple
Shri Bala Tripura Sundari Devi Math Temple

नई दिल्ली/गाजियाबाद: शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) का आज से आरंभ हो गया है. मां दुर्गा की उपासना के नौ दिनों में माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन मां शैलपुत्री (Shailputri) की पूजा होती है. मां शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय (Parvatraj Himalaya) की पुत्री माना जाता है. मान्यता है कि मां शैलपुत्री की जो भी श्रद्धालु पूरी श्रद्धा, आस्था और सच्चे मन से पूजा करता है, मां शैलपुत्री उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और उन्हें मनवांछित फल देती हैं.

नवरात्रि के पहले दिन सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का ताात लगा हुआ है. गाजियाबाद के श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर (Shri Dudheshwar Nath Mahadev Math Temple) की शाखा श्री बाला त्रिपुरा सुन्दरी देवी मठ मन्दिर (Shri Bala Tripura Sundari Devi Math Temple) में देवी मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं. श्री बाला त्रिपुरा सुन्दरी देवी मठ मन्दिर प्राचीन मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि देवी मंदिर में भक्तों की तमाम मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यही कारण है कि देवी मंदिर में केवल गाजियाबाद ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं.

नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालु कर रहे माता के दर्शन.

ये भी पढ़ें: Navratri special : नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की कैसे करें पूजा अर्चना

श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरि (Peethadheeshwar Mahant Narayan Giri) ने बताया कि नवरात्रि को लेकर मंदिर में विशेष व्यवस्था और सजावट की गई है. मां के दर्शन करने आ रहे भक्तों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो उस को ध्यान में रखते हुए वालंटियर तैनात किए गए हैं. सुबह 4:00 बजे से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. कोविड-19 कॉल को मद्देनजर रखते हुए सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है जिससे कि मंदिर परिसर में किसी प्रकार की भीड़ इकट्ठा ना हो.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) का आज से आरंभ हो गया है. मां दुर्गा की उपासना के नौ दिनों में माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन मां शैलपुत्री (Shailputri) की पूजा होती है. मां शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय (Parvatraj Himalaya) की पुत्री माना जाता है. मान्यता है कि मां शैलपुत्री की जो भी श्रद्धालु पूरी श्रद्धा, आस्था और सच्चे मन से पूजा करता है, मां शैलपुत्री उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और उन्हें मनवांछित फल देती हैं.

नवरात्रि के पहले दिन सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का ताात लगा हुआ है. गाजियाबाद के श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर (Shri Dudheshwar Nath Mahadev Math Temple) की शाखा श्री बाला त्रिपुरा सुन्दरी देवी मठ मन्दिर (Shri Bala Tripura Sundari Devi Math Temple) में देवी मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं. श्री बाला त्रिपुरा सुन्दरी देवी मठ मन्दिर प्राचीन मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि देवी मंदिर में भक्तों की तमाम मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यही कारण है कि देवी मंदिर में केवल गाजियाबाद ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं.

नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालु कर रहे माता के दर्शन.

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श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरि (Peethadheeshwar Mahant Narayan Giri) ने बताया कि नवरात्रि को लेकर मंदिर में विशेष व्यवस्था और सजावट की गई है. मां के दर्शन करने आ रहे भक्तों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो उस को ध्यान में रखते हुए वालंटियर तैनात किए गए हैं. सुबह 4:00 बजे से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. कोविड-19 कॉल को मद्देनजर रखते हुए सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है जिससे कि मंदिर परिसर में किसी प्रकार की भीड़ इकट्ठा ना हो.

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