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दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण कार्य ने पकड़ी रफ्तार

केंद्र सरकार के बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर से दिल्ली और मेरठ के बीच आवागमन करने वाले लोगों का सफर बेहद आसान हो जाएगा. कॉरिडोर का काम गाजियाबाद में शुरू भी हो चुका है.

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल
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Published : Nov 14, 2019, 8:48 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली-मेरठ के बीच हाई स्पीड 'रैपिड रेल' दौड़ाने की कवायद तेज कर हो गई है. पहले इसकी डेडलाइन साल 2024 की थी, लेकिन नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एनसीआरटीसी) ने इसे साल 2023 तक अमलीजामा पहनाने की ठान ली है. इसके लिए तमाम तैयारियों के साथ ही गाजियाबाद के वसुंधरा में कास्टिंग यार्ड को बड़ा करने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं.

दिल्ली और मेरठ के बीच आवागमन होगा आसान

दिल्ली-मेरठ के बीच सफर होगा आसान
केंद्र सरकार के बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर से दिल्ली और मेरठ के बीच आवागमन करने वाले लोगों का सफर बेहद आसान हो जाएगा. कॉरिडोर का काम गाजियाबाद में शुरू भी हो चुका है.

वसुंधरा में बनाया कास्टिंग यार्ड
हाई स्पीड ट्रेन के रुट में कुल 15 स्टेशन हैं. जिनमे 7 स्टेशन गाजियाबाद में हैं. एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद के वसुंधरा में 86 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अपना कास्टिंग यार्ड बनाया है. काम में तेजी लाने के उद्देश्य से अब एजेंसी की ओर से आवास विकास परिषद से 36 हजार वर्ग मीटर जमीन की और मांग की गई है. इस बारे में आवास विकास परिषद के संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा गया है.

गाजियाबाद में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर उत्तर और मोदीनगर दक्षिण स्टेशन बनाए जाने हैं. निर्माण कार्य मे बेहद नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.

एक संयुक्त जंक्शन बनाने की तैयारी
वसुंधरा लाल बत्ती के पास हाई स्पीड ट्रेन, मेट्रो रेल और यूपी रोडवेज का एक संयुक्त जंक्शन बनाने की तैयारी की जा रही है. इसका फायदा ये होगा कि हाई स्पीड ट्रेन में सफर करने वाले यात्री स्टेशन से बाहर निकले बिना, सीधे मेट्रो स्टेशन और बस डिपो में प्रवेश कर पाएंगे.

नई दिल्ली: दिल्ली-मेरठ के बीच हाई स्पीड 'रैपिड रेल' दौड़ाने की कवायद तेज कर हो गई है. पहले इसकी डेडलाइन साल 2024 की थी, लेकिन नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एनसीआरटीसी) ने इसे साल 2023 तक अमलीजामा पहनाने की ठान ली है. इसके लिए तमाम तैयारियों के साथ ही गाजियाबाद के वसुंधरा में कास्टिंग यार्ड को बड़ा करने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं.

दिल्ली और मेरठ के बीच आवागमन होगा आसान

दिल्ली-मेरठ के बीच सफर होगा आसान
केंद्र सरकार के बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर से दिल्ली और मेरठ के बीच आवागमन करने वाले लोगों का सफर बेहद आसान हो जाएगा. कॉरिडोर का काम गाजियाबाद में शुरू भी हो चुका है.

वसुंधरा में बनाया कास्टिंग यार्ड
हाई स्पीड ट्रेन के रुट में कुल 15 स्टेशन हैं. जिनमे 7 स्टेशन गाजियाबाद में हैं. एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद के वसुंधरा में 86 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अपना कास्टिंग यार्ड बनाया है. काम में तेजी लाने के उद्देश्य से अब एजेंसी की ओर से आवास विकास परिषद से 36 हजार वर्ग मीटर जमीन की और मांग की गई है. इस बारे में आवास विकास परिषद के संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा गया है.

गाजियाबाद में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर उत्तर और मोदीनगर दक्षिण स्टेशन बनाए जाने हैं. निर्माण कार्य मे बेहद नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.

एक संयुक्त जंक्शन बनाने की तैयारी
वसुंधरा लाल बत्ती के पास हाई स्पीड ट्रेन, मेट्रो रेल और यूपी रोडवेज का एक संयुक्त जंक्शन बनाने की तैयारी की जा रही है. इसका फायदा ये होगा कि हाई स्पीड ट्रेन में सफर करने वाले यात्री स्टेशन से बाहर निकले बिना, सीधे मेट्रो स्टेशन और बस डिपो में प्रवेश कर पाएंगे.

Intro:दिल्ली-मेरठ के बीच हाई स्पीड 'रैपिड रेल' दौड़ाने की कवायद तेज़ कर दी गयी है। पहले इसकी डेडलाइन वर्ष 2024 की थी लेकिन नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एनसीआरटीसी) ने इसे वर्ष 2023 तक अमलीजामा पहनाने की ठान ली है। इसके लिए तमाम तैयारियों के साथ ही गाज़ियाबाद के वसुंधरा में कास्टिंग यार्ड को बड़ा करने की कोशिशें तेज़ कर दी गयी हैं।




Body:केंद्र सरकार के बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर से दिल्ली और मेरठ के बीच आवागमन करने वाले लोगों का सफर बेहद आसान हो जाएगा। कॉरिडोर का काम गाज़ियाबाद में शुरू भी हो चुका है।

हाई स्पीड ट्रेन के रुट में कुल 15 स्टेशन हैं जिनमे 7 स्टेशन गाज़ियाबाद में हैं। एनसीआरटीसी ने ग़ाज़ियाबाद के वसुंधरा में 86 हज़ार वर्ग मीटर ज़मीन पर अपना कॉस्टिंग यार्ड बनाया है। काम मे तेजी लाने के उद्देश्य से अब एजेंसी द्वारा आवास विकास परिषद से 36 हज़ार वर्ग मीटर ज़मीन की और मांग की गई है। इस बारे में आवास विकास परिषद के संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।


Conclusion:गाज़ियाबाद में साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर उत्तर और मोदीनगर दक्षिण स्टेशन बनाये जाने हैं। निर्माण कार्य मे बेहद नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

वसुंधरा लाल बत्ती के पास हाई स्पीड ट्रेन, मेट्रो रेल और यूपी रोडवेज का एक संयुक्त जंक्शन बनाने की तैयारी की जा रही है। इसका फायदा यह होगा कि हाई स्पीड ट्रेन में सफर करने वाले यात्री स्टेशन से बाहर निकले बिना सीधे मेट्रो स्टेशन व बस डिपो में प्रवेश कर पाएंगे।
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