नई दिल्ली/गाजियाबद: राजधानी से सटे गाजियाबाद के नंद ग्राम इलाके में कल 4 दिन पुरानी लाश एक फ्लैट से बरामद की गई थी. जिसकी पहचान मुनेश यादव नाम के व्यक्ति के रूप में हुई थी. मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. एक बैंक पासबुक और पत्नी की वजह से यह पूरा हत्याकांड अंजाम दिया गया.
आरोपी को था पत्नी और मुनेश पर शक
पुलिस ने मामले में पुष्पेंद्र और रामेश्वर नाम के दो युवकों को गिरफ्तार किया है. मृतक मुनेश की दोस्ती कुछ समय पहले पुष्पेंद्र से हुई थी. पुलिस के मुताबिक थोड़े ही दिन बाद पुष्पेंद्र को अपनी पत्नी और मुनेश पर शक हो गया था. पुष्पेंद्र को लगता था कि उसकी पत्नी और मुनेश के बीच अवैध संबंध हैं. इसी वजह से पुष्पेंद्र ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया. हाल ही में पुष्पेंद्र ने मुनेश की पासबुक देखी थी. जिससे उसे पता चला था कि मुनेश के खाते में करीब 7 लाख रुपये भी हैं.
उन रुपयों को भी आरोपी हड़पना चाहता था. हत्या के बाद पुष्पेंद्र ने मुनेश का मोबाइल अपने कब्जे में कर लिया था. पुष्पेंद्र और उसके साथी की कोशिश थी कि ओटीपी मंगवा कर जल्द से जल्द मुनेश का बैंक अकाउंट खाली कर दिया जाए. लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया.
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हत्या मुनेश के कमरे पर की गई
पुलिस ने बताया कि मुनेश की हत्या करने के लिए हाल ही में पुष्पेंद्र ने अपने एक साथी के साथ मिलकर गाजियाबाद में कमरा किराए पर लिया था. जहां पर मुनेश को अधिक शराब पिलाई गई और उसकी हत्या की प्लानिंग की गई. हालांकि हत्या कांड मुनेश के कमरे पर अंजाम दिया गया. हत्या के बाद मुनेश के शव को उसके नंद ग्राम स्थित कमरे पर छोड़ कर आरोपी फरार हो गए थे. 4 दिन तक मुनेश की लाश कमरे में सड़ती रही और बदबू आने पर 10 तारीख को सिहानी गेट पुलिस ने लाश बरामद की थी.