नई दिल्लीः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कोरोना वायरस के दौरान आज रात से 30 नवंबर तक पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. एनजीटी ने कहा है कि जिन शहरों की वायु प्रदूषण की क्वालिटी मॉडरेट या उसके नीचे की रहेगी. वहां राज्य सरकारें दीपावली व छठ पर्व के दौरान ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दे सकती हैं और इन पटाखों के इस्तेमाल के लिए 2 घंटे का समय नियत कर सकती हैं.
एनजीटी द्वारा 10 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाई गई रोक के बाद पटाखा व्यापारी काफी चिंतित हैं. गाजियाबाद के घंटाघर रामलीला मैदान में करीब दो दशकों से पटाखों की दुकानें लगती आ रही हैं. दिवाली से चंद रोज पहले रामलीला मैदान में व्यापारी दुकानें लगाते हैं, लेकिन इस बार एनजीटी द्वारा लगाए गए बैन के बाद रामलीला मैदान में दुकानें नहीं लगेंगी.
व्यापारियों ने सुनाया दुखड़ा
ईटीवी भारत की टीम ने घंटाघर रामलीला मैदान पहुंचकर पटाखा व्यापारियों से बातचीत की. पटाखा व्यापारियों ने बताया कि दिवाली से पहले पटाखे की दुकानें लगाने के लिए उन्होंने स्टॉल 25 हजार रुपये में बुक कर दिए थे. इसके साथ ही पटाखा डिस्ट्रीब्यूटर के यहां एडवांस जमा कराकर पटाखों की बुकिंग कर दी थी, लेकिन अचानक से पटाखों बैन कर दिया गए हैं.
'छोटे व्यापारियों को नुकसान'
व्यापारी लंबे समय से कोरोना की मार झेल झेल रहे हैं. काम धंधे चौपट हैं. ऐसे में व्यापारियों को चिंता सता रही है कि पटाखों का व्यापार करने के लिए उन्होंने जो पैसों का निवेश किया था उसकी भरपाई कैसे होगी. व्यापारियों का कहना था कि ऐसे में सबसे अधिक नुकसान छोटे व्यापारियों और दुकानदारों का होगा क्योंकि कंपनियां डिस्ट्रीब्यूटर को अपने पटाखे बेच चुकी हैं. डिस्ट्रीब्यूटर और होलसेलर छोटे व्यापारियों से पटाखों के लिए एडवांस वसूल चुके हैं. अब छोटे व्यापारियों का पैसा फंस गया है.